संदीप नाईक
गांधी,अम्बेडकर और नेहरू के तड़के से ही नैया पार होगी इंदिरा का नाम लेना भी मजबूरी है। गोलवलकर, हेडगेवार और दीन दयाल का नाम दुनिया नहीं जानती।
पहले तीन को घर में आप भले ही गाली दें और आख़िरी तीन को पूजें , पर बाहर तो भैया पहले तीन ही बिकेंगे क्योंकि देश की स्वतन्त्रता से लेकर दृष्टि विकसित करने और अकादमिक काम करने जैसे संविधान बनाने के अहम काम में ये ही तीन शामिल थे ।
पहले तीन ने अंग्रेज़ों से लड़ाई भी लड़ी और बाँध बनाने से लेकर देश को शिक्षा से लेकर सब दिया जबकि आख़िरी तीन ने मुफ़्त की स्वतन्त्रता ली और विजन को नुकसान भी पहुंचाया और उनके इनके आपके भक्त आज भी टीपू और दादरी के नाम पर लड़ भिड़ रहे है और भले ही एक के बदले दस सर लाने की बात करें और जब अब आप बोलते हो तो टी वी पर सब हँसते है और कहते हैं चलो पांच साल कर लेने दो इसे भी। इसे सहिष्णुता कहते हैं समझ रहे हैं वह आपकी पालतू किरण के अनुपम की सहिष्णुता नहीं है यह।
आप तो तुअर दाल के भाव और प्याज की महंगाई के लिए जाने जाते हो देश में, बाबरी मस्जिद, गोधरा, गाय, दादरी, पुरस्कार वापसी, पूर्व सैनिकों के मेडल वापसी, लड़कियों की जासूसी करवाना, नेपाल के पतन और बिहारी हार के महाखलनायक है , तो क्यों आपको विश्व याद रखे मोदी जी ???

और फिर जहां पहले तीन भयानक विद्वान् हैं शोधार्थी हैं विश्व स्तर पर लिखी अनमोल किताबें उनके खाते में है, विश्व की अंग्रेजी भाषा के प्रकांड पण्डित वही आपके और बाकी बचे तीनों के खाते में विश्व स्तरीय एक भी प्रकाशन नहीं, सब हिटलर मुसोलिनी और यहां वहाँ से कॉपी पेस्ट और भारत निर्मित नकली छाप है और आपके उच्चारण सुनकर छोटे बच्चे भी दांत निकालते है और आपका बिकाऊ मीडिया टेली प्रॉम्पटर पर पढ़ा कहता ही है और तमाम अंग्रेजी विदुषियों मुस्काती ही है।
छोड़ो ना देश है और अब विश्व बाजार में क्या शर्मो हया बस बेचना खरीदना और आप ताली बजाने और बजवाने में माहिर हो यह दो साल में सबने देख ही किया है तो बेचो, खाओ, और निवेश में छूट दो ताकि व्यापमं जैसे घोटालों में आरोपी रहे लोग देश में फलें—फूलें। आप जैसा कमजोर व्यक्ति शिवराज, निहालचंद्र या बद्तमीज सांसदों को करने बोलने से नही रोक सका तो देश का क्या भला होगा !!!
गंगा की सफाई और बुलेट ट्रेन के लिए थोड़ा रुपया मांग लेना कल, क्या ना देश भर के लोग अमेरिका और आस्ट्रेलिया से आये रुपयों में संडास बनवा लिए हैं और धड़ल्ले से उपयोग कर रहे हैं।
बस ये और बता दो कि वो मुंडे , हाँ हाँ - आपकी महाराष्ट्र की नेता और भष्ट मंत्री पंकजा मुंडे के पिता की मृत्यु की जांच का क्या हुआ??? आपने कहा था एक माह में रिपोर्ट सार्वजनिक करेंगे दो साल हो गए शायद अब !!!
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