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3 मंत्री, एक विधायक का गृहनगर सागर, खटारा चार्टड बसों की मनमानी झेलने अभिशप्त

खास खबर            Sep 23, 2022


सागर से अभिषेक उपाध्याय।

मध्यप्रदेश के बुंदेलखंड का प्रमुख जिला सागर जहां से 3 मंत्री 1 विधायक सांसद केंद्र और राज्य की सरकारों में हैं।

राजनीतिक प्रतिनिधित्व में सदैव अग्रणी रहने वाले सागर को सुविधाओं के नाम पर हमेशा परेशानियां ही मिली हैं।

खासकर आवागमन और अंतरजिला आवागमन के मामले में।

समस्या इसलिए भी ज्यादा बड़ी है क्योंकि इस रूट की ट्रेनें  कभी-भी निरस्त हो जाती हैं दूसरा अन्य बसों में समय की बर्बादी ज्यादा होती है।

कुछ साल पहले चार्टड बसें शुरू की गईं राजधानी से सागर तक के लिए तो लोगों ने राहत की सांस ली मगर कोविडकाल के बाद से इन बसों के स्टाफ और प्रबंधन की मनमानी का खामियाजा यात्रियों को भुगतना होता है।

सागर के प्रतिष्ठित समाजवादी विचारक रघु ठाकुर भी चार्टड बसों की यात्रा के बुरे अनुभव यदाकदा अपने सोशल मीडिया पेज पर साझा करते रहते हैं।

हेरानी की बात यह है कि मंत्री विधायक तो छोड़िए खुद परिवहन मंत्री भी इस ओर ध्यान देने तैयार नहीं हैं।

चार्टड बसें कि गुणवत्ता और कम समय के लिए प्रसिद्ध थीं अब खस्ताहाल हो गईं हैं ।

इन बसों में कोविड काल के बहाने किराए में तो बढ़ोत्तरी कर दी गई है मगर सुविधाएं भी कम कर दी गईं हैं।

उस पर भी बसों को मेंटेनेंस न होने के कारण यह बसें पूरी तर खटारा हालत में पहुंच गईं हैं।

मगर सागर भोपाल यात्रियों की मजबूरी है इन बसों से यात्रा करने की।

दिलचस्प बात यह है कि कोविड काल के बाद से ही चार्टड बसों की हालत दिन-ब-दिन खराब होती जा रही है खासकर सागर रूट की बसों की।

लेकिन न तो परिवहन विभाग को इससे कोई लेनादेना है न ही चार्टड प्रबंधन को।

जबकि परिवहन मंत्री सागर से ही हैं। लेकिन उनका तो सफर एसी गाड़ियों में काफिले के साथ होता है तो उन्हें यात्रियों की तकलीफ का अंदाजा होगा कैसे?

खासतौर पे जो छोटे शहरों के लिए चल रही हैं,  उनकी हालत और भी बुरी हो चुकी है।

 जो बसें भोपाल -इंदौर मार्ग से रिटायर्ड हो जाती है, जो किसी काम की नहीं रहती जिनका ए सी भी काम करना बन्द कर देता है उन बसों को इन छोटे शहरों के लिए चलाया जाता है जबकि किराए में कोई कमी नहीं होती।

बात करें भोपाल-सागर रोड पे चलने वाली चार्टड बसों की तो चूंकि ये ग्रह नगर है मध्यप्रदेश के परिवहन मंत्री का तो यहां तो गुणवत्ता की उम्मीद जनता को होती है मगर ऐसा है नहीं।

सभी नियमों को पे ताक पे रखा जाता है, न तो बसों की सेफ्टी चेकिंग होती है न ही खटारा बसों का चलना बंद।

कल 22 सितंबर को सुबह 10:30 की बस बिना कोई कारण बताए तकरीबन 2 घंटे देरी से भोपाल से चलती है।

भोपाल सागर रोड पे चलते अभी बस 15- 20 मिनिट हुई थे कि यात्री पसीने से तरबतर होने लगे। क्योंकि बस का ए सी काम नहीं कर रहा था।

सभी यात्रियों ने बस स्टाफ से एसी की शिकायत की मगर स्टाफ बार-बार यही जवाब मिलता रहा कि रहा बस कि स्पीड बढ़ेगी तो एसी भी सुचारू रूप से चलने लगेगा।

मगर ऐसा हुआ नहीं सभी यात्री गर्मी से बेहाल हो गए बच्चे रोने लगे बस स्टाफ को बस रोकने का बोला मगर स्टाफ ने मना कर दिया। ऊपर से यात्रियों को खरी खोटी सुनाने लगे ।

चूंकि बस में सभी यात्री परेशान थे लिहाजा एक यात्री ने किसी पत्रकार को सागर चार्टड बस के ऑफिस बुला लिया मगर जो यात्री परेशान थे वो शिकायत के नाम पर डर रहे थे।

क्योंकि ये शिकायत चार्टड बस के साथ साथ परिवहन मंत्री की कार्यप्राणाली पर भी सवाल होती।

बस में यात्रा कर रहे एक यात्री का कहना है कि ये जान से खेलते हैं इसकी बजाय लोकल बस में सफर कर लें।

वो कम से कम यह बोलकर बिठाता है कि सर इतने घंटे लगेंगे। मगर इनके तो नियम कायदे इतने ज्यादा हैं मगर सुविधाओं के नाम पर सब जीरो है। कई बाद शिकायत के बाद भी कोई सुनवाई नहीं होती है।

रिपोर्टर से संपर्क 9229834997

 

 

 



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