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मप्र में 5 साल में हुए 2916 बाल विवाह, मंत्री बोलीं मुझे नहीं पता आंकड़े कहां से आए

खास खबर            Dec 02, 2025


मल्हार मीडिया भोपाल।

मध्यप्रदेश विधानसभा में आज उस समय आश्चर्यचकित करने वाला माहौल बन गया जब एक सवाल के जवाब में महिला बाल विकास विभाग की मंत्री निर्मला भूरिया ने यह कह दिया कि उन्हें नहीं पता कि आंकड़े कहां से आए हैं।

दरअसल कांग्रेस विधायक जयवर्द्धन सिंह ने मप्र में बाल विवाह को लेकर सवाल किया था, जिसके जवाब में मंत्री के इस जवाब ने सबकों चौंका दिया।

पूर्व मंत्री एवं राघौगढ़ विधायक जयवर्धन सिंह द्वारा विधानसभा में उठाए गए प्रश्न के चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं।

दरअसल, साल 2020 से 2025 के बीच 2916 बाल विवाह हुए हैं। जिसकी जानकारी महिला एवं बाल विभाग की मंत्री निर्मला भूरिया को नहीं है। जो कि कुछ इस प्रकार हैं-

साल 2020 में 366

साल 2021 में 436

साल 2022 में 519

साल 2023 में 528

साल 2024 में 529

साल 2025 में 538

बाल विवाह में लगातार वृद्धि

विधायक जयवर्धन सिंह ने कहा कि इन सभी प्रयासों के बावजूद अगर बाल विवाह में बढ़ोत्तरी के आंकड़े सामने आ रहे हैं, तो यह इस सरकार की नाकामी और योजनाओं की विफलता को उजागर करता है। सिंह ने स्पष्ट कहा कि यदि सरकार केवल कागज़ों पर योजनाएं चलाकर वास्तविक जमीनी कार्रवाई नहीं करेगी, तो नाबालिग बेटियों का भविष्य सुरक्षित नहीं हो सकेगा।

उन्होंने मांग की कि सरकार कागज़ी कार्यवाही से बाहर निकलकर ज़मीनी स्तर पर प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित करे और नाबालिग बेटियों के भविष्य की सुरक्षा के लिए सख्त कदम उठाए। पिछले 5 साल में प्रदेश में 2916 बालिकाएं वधु बन चुकी हैं। इसका खुलासा विधानसभा में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा दिए गए जवाब से हुआ।

विधानसभा में दी गई जानकारी में सामने आया है कि साल 2025 में ही 535 बाल विवाह हुए. हालांकि जब इस संबंध में विभागीय मंत्री से सवाल किया गया तो उन्होंने पूछा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है, आखिर यह जानकारी कहां से आई।

बाल विवाह रोकने के लिए राज्य सरकार द्वारा 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' के तहत कई गतिविधियां आयोजित की जाती हैं। अक्षय तृतीया, देव उठनी एकादशी पर जागरूकता अभियान चलाए जाते हैं। हर जिले में अधिकारियों के नेतृत्व में दर्जनों कमेटियां निरीक्षण के लिए बनाई जाती है। विवाह कराने वाले पंडितों से लेकर बैंड बाजा वालों तक की जिम्मेदारी तय की जाती है, लेकिन इसके बाद भी जमीनी सच्चाई चौंकाने वाली है।

प्रदेश में साल दर-साल बाल विवाह के मामले कम होने के स्थान पर बढ़ रहे हैं. साल 2025 में 538 बाल विवाह हुए. साल 2024 में यह आंकड़ा 529 और 2023 में 528 था. साल 2022 में बाल विवाह का आंकड़ा 519 था.

दमोह जिला बाल विवाह में सबसे आगे

साल 2025 में मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र के दमोह जिले में बाल विवाह के सबसे ज्यादा मामले दर्ज हुए हैं. दमोह जिले में इस साल 115 बाल विवाह के मामले सामने आए हैं, जबकि 2024 में सिर्फ 33 बाल विवाह हुए थे।

इसी तरह राजगढ़ में इस साल 44 बाल विवाह हुए हैं. सागर में 24, नरसिंहपुर में 23, छतरपुर में 35 के अलावा इंदौर में 7 बाल विवाह हुए हैं।

महिला एवं बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया से बाल विवाह के मामलों को लेकर सवाल किए गए तो वह अनजान दिखाई दी। उन्होंने इन आंकड़ों को लेकर ही आश्चर्य जताया।

मंत्री निर्मला भूरिया ने कहा "आखिर ये आंकड़े कहां से आए, मुझे देखना पड़ेगा. विधानसभा में इस तरह का कोई मुद्दा ही नहीं आया। दिखवाना पड़ेगा कि आखिर बाल विवाह के ये आंकड़े कहां से आए मुझे देखना पड़ेगा।

 


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