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हाईकोर्ट की जांच के दायरे में आ रहे थे 93 नर्सिंग कालेज, मान्‍यता रद्द

खास खबर            Aug 25, 2022


मल्‍हार मीडिया भोपाल।

मध्यप्रदेश सरकार ने उच्च न्यायालय की जांच के दायरे में आने वाले प्रदेश के 93 कॉलेजों की मान्यता निलंबित कर दी गई है।

मप्र नर्सिंग काउंसिल के नव नियुक्त प्रशासक डॉ योगेश शर्मा ने बृहस्पतिवार को ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि प्रदेश के 93 नर्सिंग कॉलेज की मान्यता निलंबित कर दी गई है।

सूत्रों ने बताया कि इनमें से 16 कॉलेज इंदौर में, आठ भोपाल में तथा सात जबलपुर में शामिल हैं।

मध्य प्रदेश विधि छात्र संघ के अध्यक्ष विशाल बघेल ने इस मामले को लेकर इस साल 11 जनवरी को एक जनहित याचिका दायर की थी।

याचिका में कुछ कॉलेज में बुनियादी ढांचे की कमी के साथ-साथ कुछ कॉलेज के फर्जी दस्तावेजों के आधार पर केवल कागजों पर चलने का आरोप लगाया गया है।

बघेल और उनकी वकील आलोक वागरेचा एवं दीपक तिवारी ने इन संस्थानों की दयनीय स्थिति की ओर अदालत का ध्यान आकर्षित किया ।

बघेल ने बताया कि दस मई को उच्च न्यायालय ने मप्र नर्सिंग काउंसिल (एमपीएनसी) से प्रदेश के 453 कॉलेज का विवरण दस्तावेजों और तस्वीरों सहित मांगा था, लेकिन इनमें से 93 कॉलेज एमपीएनसी द्वारा जारी नोटिस का उत्तर देने में विफल रहे जिसके बाद इन कॉलेज की मान्यता निलंबित कर दी गई।

एमपीएनसी द्वारा अदालत को पेश की गई गलत सामग्री को देखते हुए उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रवि मलीमठ और न्यायमूर्ति विशाल मिश्रा की खंडपीठ ने बाद में मंगलवार को प्रदेश सरकार को एमपीएनसी के संचालन के लिए नए प्रशासक नियुक्त करने का आदेश भी दिया।

याचिकाकर्ता के वकील द्वारा प्रस्तुत कुछ तस्वीरों का संज्ञान लेते हुए उच्च न्यायालय ने कहा कि यह ‘‘ चौंकाने वाला’’ था कि कुछ शेड को कॉलेज के रुप में दिखाया गया है।

अदालत के आदेश पर प्रदेश सरकार ने एमपीएनसी के रजिस्ट्रार को निलंबित कर मंगलवार को डॉ. योगेश शर्मा को एमपीएनसी का नया प्रशासक नियुक्त किया।

 



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