मल्हार मीडिया भोपाल।
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल सीबीआई के विशेष न्यायाधीश धर्मेश भट्ट ने नेशनल हाईवे अथॉरिटी आफ इंडिया (एनएचएआइ) रिश्वत कांड के आरोपित बंसल ग्रुप के डायरेक्टर अनिल बंसल सहित आठ आरोपियों अरविंद काले, जनरल मैनेजर एंड प्रोजेक्ट डायरेक्टर, एनएचएआई, पीआईयू, नागपुर, बृजेश कुमार साहू, डिप्टी जनरल मैनेजर एंड प्रोजेक्ट डायरेक्टर, एनएचएआई, हरदा,कुणाल बंसल, डायरेक्टर, बंसल कंस्ट्रक्शन वर्क्स लिमिटेड, सी. कृष्णा, कर्मचारी, बंसल कंस्ट्रक्शन वर्क्स लिमिटेड, छत्तर सिंह लोधी, बंसल कंस्ट्रक्शन वर्क्स लिमिटेड की जमानत खारिज कर दी है।
गोरतलब है कि आरोपित पूर्व से पुलिस रिमांड पर चल रहे थे जिसके बाद आज सभी को न्यायालय में पेश किया था ।जमानत निरस्त होने के बाद सभी को केन्द्रीय जेल भेज दिया गया।
बता दें कि सीबीआइ की टीम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए एनएचएआइ (नेशनल हाइवे अथारिटी ऑफ इंडिया) के जीएम, डीजीएम और भोपाल स्थित बंसल कंस्ट्रक्शन कंपनी के दो निदेशकों समेत छह लोगों को 20 लाख रुपए की रिश्वत लेन-देन के आरोप में गिरफ्तार किया था।
सीबीआइ ने रिश्वत की रकम समेत एक करोड़ 10 लाख रुपए भी बरामद किए थे। सीबी आइ की मानें तो सड़क निर्माण के लिए विभाग को जानकारी मिली थी कि बंसल समूह के डायरेक्टर अपने कर्मचारियों के जरिये से एनएचएआइ के अधिकारियों को एनओसी और बिलों के लिए रिश्वत दे रहे थे।
आरोप है कि बंसल कंस्ट्रक्शन वर्क्स लिमिटेड के कर्मचारी सी कृष्णा और छत्तर सिंह लोधी आउटर रिंग रोड प्रोजेक्ट के लंबित बिलों के पेमेंट और प्रोजेक्ट कंपलीशन सर्टीफिकेट जारी करने के लिए एनएचएआई के अनिल काले, जनरल मैनेजर एंड प्रोजेक्ट डायरेक्टर, पीआईयू, नागपुर के संपर्क में थे।
प्रोजेक्ट डायरेक्टर अरविंद काले को रिश्वत की रकम 25 लाख रुपए पहुंचानी थी। इसमें से 20 लाख रुपए दोनों कर्मचारियों ने एनएचएआई अफसरों की दी। सीबीआइ ने रिश्वत की रकम की डिलीवरी के बाद दोनों को पकड़ लिया। टीम ने गोपनीय छानबीन के बाद नागपुर, भोपाल और हरदा समेत विभिन्न कार्यालयों और आवासों पर तलाशी ली।
सर्चिंग के दौरान कई आपत्ति जनक दस्तावेजों, डिजिटल उपकरणों सहित एक करोड़ 10 लाख पीआईयू, नागपुर के संपर्क में थे। प्रोजेक्ट डायरेक्टर अरविंद काले को रिश्वत की रकम 25 लाख रुपए पहुंचानी थी। इसमें से 20 लाख रुपए दोनों कर्मचारियों ने एनएचएआइ अफसरों की दिए।
सीबीआई ने रिश्वत की रकम की डिलीवरी के बाद दोनों को पकड़ लिया। छानबीन के बाद नागपुर, भोपाल और हरदा समेत विभिन्न कार्यालयों और आवासों पर तलाशी ली। जिसमें कई आपत्तिजनक दस्तावेजों, डिजिटल उपकरणों सहित एक करोड़ 10 लाख की नकदी जब्त की गई थी।
 
                   
                   
             
	               
	               
	               
	               
	              
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