मल्हार मीडिया ब्यूरो।
मध्य प्रदेश में शुरू हुए कैंसर डे-केयर अब पूरे देश में शुरू करने की घोषणा केन्द्रीय बजट में की गई है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि देश के सरकारी अस्पतालों में कैंसर डे केयर सेंटर शुरू किया जाएगा। बजट भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ऐलान किया है कि कैंसर के सुगम इलाज के लिए अगले तीन सालों में सभी जिला अस्पतालों में डे केयर कैंसर सेंटर खोला जाएगा। वित्त वर्ष 2025-26 में 200 सेंटर की स्थापना होगी। वहीं डॉक्टरों की कमी दूर करने के बजट में अगले पांच वर्ष में 75 हजार सीटें बढ़ाने की बात कही गई है, जिनमें 10 हजार सीटें 2025-26 के सत्र में बढ़ेंगी। इन सीटों में मध्य प्रदेश करीब दो हजार सीटें बढ़ेगी। इसी तरह से कैंसर की 36 दवाओं को सीमा शुल्क से छूट देने और 37 दवाओं को रोगी सहायता कार्यक्रम के अंतर्गत लाने से प्रदेश के कैंसर रोगियों को भी लाभ मिलेगा।
यहां खुलेंगे मेडिकल कॉलेज
सत्र 2026-27 में मंडला, धार और छतरपुर और उसके बाद उज्जैन, छतरपुर, सीधी टीकमगढ़ जिले में कॉलेज खुलेंगे। इस तरह 12 कॉलेज में दो हजार से अधिक सीटें रहेंगी। इनके अतिरिक्त 14 जिलों में सार्वजनिक, निजी भागीदारी (पीपीपी) से मेडिकल कॉलेज शुरू करने का प्रयास चल रहा है।
क्या होता है डे-केयर
कैंसर डे केयर सेंटर में मेडिकल साइंस के आधुनिक उपकरण होंगे, जिसमें मरीजों की कीमोथेरेपी से लेकर जरूरी दवाएं मुहैया कराई जाएगी। डे केयर सेंटर कैंसर मरीजों और उनके परिजनों को कैंसर की बीमारी से निपटने में भी मदद करेगी। इसके अलावा मरीजों और परिजनों को चिकित्सीय सलाह और अन्य सहायता प्रदान भी करेगा। अस्पतालों में कैंसर डे केयर यूनिट शुरू होने से मरीजों और घरवालों को मनोवैज्ञानिक और व्यावहारिक सहायता भी मिलेगी। डे केयर सेंटर शुरू होने से मरीजों को इलाज में बेहतर सुविधा हो सकती है।
मध्य प्रदेश से हुई थी शुरूआत
स्टेट कैंसर नोडल अधिकारी डाॅ. सीएम त्रिपाठी ने बताया कि कैंसर रोगियों के लिए डे केयर सेंटर की पहल मध्यप्रदेश से ही हुई थी। मिशन से जुड़े कैंसर विशेषज्ञ डॉ. दिनेश पंडारकर ने डॉ. जीके रथ के साथ मिलकर प्रदेश के 51 जिलों में कैंसर डे केयर से शुरुआत की थी। इसके बाद ओडिशा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात के सभी जिलों में कैंसर डे केयर शुरू किए जा चुके हैं। अब तक नौ राज्यों के 198 जिलों में यह कार्यक्रम चल रहा है। डॉ. त्रिपाठी ने बताया कि अब तक यह कार्यक्रम राज्य अपने स्तर पर चला रहे थे, अब सरकार ने बजट में घोषणा कर दी है तो केंद्र के स्तर पर काम होगा और पूरे देश में सभी राज्यों के सभी जिलों में मरीजों को यह सुविधा मिल सकेगी।
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