मल्हार मीडिया ब्यूरो।
मध्यप्रदेश में नई शराब नीति आने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पहली प्रतिक्रिया आई।
नई नीति में अहातों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। शैक्षणिक संस्थान के 100 मीटर तक शराब की कोई दुकान नहीं होगी। उन्होंने कहा हमने ऐसी आबकारी नीति जो मदिरा पान को हतोत्साहित करे।
नशा एक सामाजिक बुराई है इसलिए मैंने ही मुख्यमंत्री रहते तय किया था कि मध्यप्रदेश में कोई नई शराब की दुकान नहीं खोली जाएगी।
उन्होंने कहा कि पहले जब भी आबकारी नीति आती थी 150,200,300 नई शराब की दुकान में प्रस्तावित की जाती थी खोलने के लिए, हमने तय किया कि कोई नई शराब की दुकान नहीं खोलेंगे। इसलिए बरसों से हमारी संख्या स्थिर है।
कंपेरटिवली अगर आप देखें तो चाहे रेवेन्यू का मामला हो चाहे शराब की दुकानों का मामला हो मध्यप्रदेश का रेवेन्यू भी बहुत कम है और शराब की दुकानें भी तुलनात्मक दृष्टि से भी बहुत कम है।
उन्होंने आगे कहा कि शराब पीकर गाड़ी चलाने की लत अगर आपने नशा कर लिया शराब पी ली तो खुद पर नियंत्रण नहीं रहता है।
इसलिए या तो खुद दुर्घटना के शिकार हो जाते हैं कई बार हम सुनते हैं गाड़ी चला रहे थे नशे में थे तो एक्सीडेंट हो गया और कई बार दूसरों की जिंदगी पर भी खतरा बन जाते हैं।
इसलिए एक फैसला हमने और किया है शराब के नशे पर वाहन चलाने पर पहली बार 6 महीने तक का ड्राइविंग लाइसेंस कैंसल कर दिया जाएगा।
दूसरी बार में 2 साल के लिए और तीसरी बार में आजीवन प्रतिबंध लगा दिया जाएगा। फिर आप गाड़ी चला ही नहीं सकते।
इसलिए हमने कई प्रावधान किए हैं जो नशे में खतरनाक ढंग से गाड़ी चलाते हुए एक्सीडेंट इत्यादि होते हैं तो उसमें भी हम सजा बढ़ाएंगे उसको मैंने विभाग से कहा है कि इसकी सजा और कैसे कितनी बढ़ाई जा सकती है।
इसके पहले भी जब नर्मदा सेवा यात्रा निकली थी, तब मां नर्मदा जी के तट पर जो शराब की दुकानें थीं, उनको भी हमने बंद करने का काम किया था।
इसके साथ-साथ यह भी तय किया है कि कोई धार्मिक शैक्षणिक ऐसे जो स्थल हैं, शैक्षणिक में पहले लिखा हुआ था आबकारी नीति में गर्ल्स स्कूल,गर्ल्स कॉलेज लेकिन अब कोई भी स्कूल-कॉलेज को 100 मीटर दूरी तक शराब की कोई दुकान नहीं होगी। पहले 50 मीटर यह सीमा हुआ करती थी।
किसी धार्मिक स्थल के पास कोई अत्यधिक महत्वपूर्ण स्थान पर कोई दुकान है जिसके कारण दिक्कत है उस पर भी हम फैसला करेंगे कि वह दिक्कत समाप्त हो।
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