मल्हार मीडिया भोपाल।
जब भी कभी कोई समस्या सामने आती है तो आचार्य श्री के स्मरण से उन्हें समाधान मिलता है। मैं यहां बाबा की शरण में मुख्यमंत्री के रूप में नहीं बल्कि एक शिष्य के रूप में आया हूं। यह बात मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कुंडलपुर पंचकल्याणक महोत्सव में कही। उन्होंने कहा कि यहाँ पर स्वर्ग जैसा दृश्य है। आचार्यश्री के दर्शन से ऐसा संतोष और आनंद मिलता है जिसका वर्णन नहीं किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री इस गजरथ समारोह अपनी पत्नी श्रीमति साधना सिंह के साथ शामिल हुए।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जैन तीर्थ कुण्डलपुर और बांदकपुर को पवित्र क्षेत्र बनाने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि इन दोनों स्थानों पर मांस और मदिरा के विक्रय पर प्रतिबंध लगाया जाएगा।
कुण्डलपुर के चार किलोमीटर के दायरे में यह प्रतिबंध लागू रहेगा। दमोह के कुण्डलपुर जैन तीर्थ क्षेत्र में इन दिनों पंचकल्याणक गजरथ महोत्सव चल रहा है। पत्नी साधना सिंह के साथ कुण्डलपुर पहुंचे मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री नहीं बल्कि शिवराज अपने आचार्यश्री के चरणों में आया है।
बड़े बाबा को उच्चासन पर विराजने के कठिन समय को याद करते हुए कहा कि संवैधानिक संकट पैदा होने का हवाला देते हुए इसमें व्यवधान की कोशिश की गई। पर मैंने कह दिया था सरकार जाती है तो जाए, पर बड़े बाबा को गुरुदेव की मंशानुसार उच्च आसन देने में पूर्ण सहयोग किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आचार्य श्री ने भटकी मानवता को राह दिखाने का काम किया है। उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य, गौ-सेवा जैसे क्षेत्र में प्रेरणादायक कार्य किये हैं। आने वाली पीढ़ियाँ इस बात का विश्वास नहीं कर पायेंगी कि संत विद्यासागर जी महाराज जैसे महान संत व्यक्ति भी इस धरती पर रहे हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कुण्डलपुर में बना बड़े बाबा का मंदिर अद्भुत है। यह ऐसा मंदिर है जिसे देख कर आँखें चकाचौंध हो जाती हैं। इस पवित्र धरती पर पूरी दुनिया से लोग आकर बड़े बाबा का दर्शन कर लाभ लेंगे। उन्होंने कहा कि यहाँ की पहाड़ियों पर वृक्षारोपण कर उन्हें हरा-भरा बनाया जायेगा। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को इसकी योजना तैयार करने के निर्देश भी दिये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जैसा विद्यासागर महाराज जी के कहे अनुसार राज्य सरकार इसी साल से एक मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेज में हिन्दी माध्यम से शिक्षा देगी। शिक्षा के साथ ही स्व-रोजगार पर बल दिया जायेगा। कक्षा 6वीं से व्यवसायिक शिक्षा भी दी जायेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गौ-सेवा के कार्य में समाज को भी आगे आना होगा। उन्होंने लोगों से अनुरोध किया कि बेटा और बेटी को एक बराबर माने, किसी तरह का भेदभाव न करे। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में लाड़ली लक्ष्मी योजना से स्थिति में बदलाव आया है।
पहले वर्ष 2012 में एक हजार बेटों पर 912 बेटियाँ जन्म लेती थी, अब एक हजार बेटों पर 956 बेटियाँ जन्म ले रही है। कुण्डलपुर की पहाड़ियों को हरा-भरा करने के लिये वृक्षारोपण की योजना बनाई जायेगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने लोगों से पर्यावरण सुधार के लिये वृक्षारोपण का भी अनुरोध किया।
श्री चौहान ने आचार्यश्री द्वारा लिखित प्रसिद्ध पुस्तक "मूकमाटी" के जर्मन अनुवाद का विमोचन किया। कुण्डलपुर पहुँचने पर महामहोत्सव समीति के सदस्यों ने मुख्यमंत्री और अन्य मंत्रीगण का सम्मान किया और स्मृति-चिन्ह भेंट किया।
कार्यक्रम में संभाग और जिले के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी और बड़ी संख्या में देश के कोने-कोने से आये श्रद्धालु मौजूद थे।
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