मल्हार मीडिया भोपाल।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज शुक्रवार 28 अप्रैल को भोपाल के अलग-अलग इलाकों में पहुंचकर महिलाओं से लाड़ली बहना योजना पर संवाद किया।
मुख्यमंत्री शिवराज ने ईदगाह हिल्स, टीला जमालपुरा, बरखेड़ी रशीदिया स्कूल, पंचशील नगर , सुनहरी बाग जवाहर चौक वार्ड क्रमांक 32 में मुख्यमंत्री लाडली योजना की हितग्राही आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं से चर्चा की।
सबसे पहले मुख्यमंत्री ईदगाह हिल्स स्थित योगा केन्द्र में लगे लाडली बहना योजना के पंजीयन शिविर में पहुंचे। वहां उन्होंने महिलाओं के खुद फार्म भरे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लाडली बहना योजना, मेरी गरीब और निम्न मध्यमवर्ग की बहनों की जिंदगी बदलने के लिए क्रांति है। भगवान ने स्त्री और पुरुष को एक ही बनाया। लेकिन धीरे धीरे परिस्थितियाँ ऐसी बन गईं कि बेटा ज्यादा प्यारा हो गया और बेटियों का महत्व कम हो गया।
बेटियों को परेशान देखकर मन में बहुत तकलीफ होती थी। उनके लिए कुछ करने के लिए लाड़ली लक्ष्मी और मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना बनी। ऐसे ही मेरी बहनें भी छोटी छोटी जरूरतों के लिए परेशान होती रहती थीं।
तब मेरे मन में आया कि बहनों के लिए कुछ करना चाहिये। मैं अगर मुख्यमंत्री बना हूं तो मेरी पहली प्राथमिकता मेरी लाखों की जिंदगी बदलना है।
मुख्यमंत्री ने कहा सावन में भाई एक बार अपनी बहनों को राखी बांधने पर कुछ देते हैं। मैं भी आपका सगा भाई हूं, लेकिन लगा कि एक बार कुछ देने से नहीं चलेगा, हर महीने कुछ न कुछ देना होगा। इस योजना से परिवार की स्थिति बदल जाएगी। 1 करोड़ 20 लाख से ज्यादा बहनें अभी तक आवेदन भर चुकी हैं।
इस हिसाब से लगभग 15-16 हजार करोड़ रुपये इस योजना पर खर्च होंगे। लेकिन मेरा संकल्प है कि चाहे कुछ हो जाए 10 जून से बहनों के खाते में पैसा पहुंचना शुरु हो जाएगा।
मैं भगवान से प्रार्थना करता हूं कि मेरी बहनें हमेशा सुखी रहें। उनकी आखों में आंसू न रहे तो मेरा मुख्यमंत्री बनना सफल हो जाएगा। अब हमें हर बहन को स्व-सहायता समूहों से जोड़कर उसकी आमदनी 10 हजार रुपये तक करना है। ये स्थिति लाने में कोई कोर कसर नहीं छोडूंगा।
सीएम ने कहा- हम हर वार्ड में एक लाडली सेना बनाएंगे, जो बहनों के साथ होने वाले अन्यायों पर नजर रखेगी। सावन में भाई एक बार अपनी बहनों को राखी बाँधने पर कुछ देते हैं। मैं भी आपका सगा भाई हूं, लेकिन लगा कि एक बार कुछ देने से नहीं चलेगा, हर महीने कुछ न कुछ देना होगा। 1 करोड़ 20 लाख से ज्यादा बहनें अभी तक आवेदन भर चुकी हैं।
इस हिसाब से लगभग 15-16 हजार करोड़ रुपये इस योजना पर खर्च होंगे। अब हमें हर बहन को स्व-सहायता समूहों से जोड़कर उसकी आमदनी 10 हजार रुपये तक करना है। ये स्थिति लाने में कोई कोर कसर नहीं छोडूंगा।
मैंने बचपन से बेटा-बेटी में फर्क होते देखा टीला जमालपुरा में सीएम ने कहा मैं अपनी बहनों को वचन देता हूं कि जब तक मेरी सांस चलेगी, मैं बहनों की भलाई के लिए काम करता रहूंगा। मैंने बचपन से बेटा-बेटी के बीच फर्क होते देखा है। इस फर्क को देखकर मन में बहुत तकलीफ होती थी।
जब मैं विधायक, सांसद बना तो अपने क्षेत्र में गरीब बेटियों की शादी कराने का काम करता था। मुख्यमंत्री बनने के साथ ही हमने तय किया कि गरीब बेटियों की शादी सरकार कराएगी, इसके लिए मुख्यमंत्री कन्या विवाह और निकाह योजना बनाई, इसमें 49 हजार रुप ये का चेक दिया जाता है।
इसके बाद लाड़ली लक्ष्मी योजना बनाई ताकि बेटियों की पढ़ाई लिखाई जैसी चीजों की चिंता माता-पिता नहीं, मामा करेगा।
हमने पंचायत चुनाव में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया, ताकि महिलाएं नेतृत्व करने आगे आ सकें। इसी तरह बहनों के नाम पर संपत्ति खरीदने पर सम्पत्ति कर 1 प्रतिशत करने का फैसला किया।
प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत दिये जाने वाले मकानों और पट्टों में भी पति और पत्नी दोनों का नाम रहेगा। बेटियां पुलिस में आ सकें, इसलिये बेटियों को 30 प्रतिशत आरक्षण देने का काम किया।
मेरी गरीब और निम्न मध्यम वर्गीय बहनें छोटी छोटी जरूरतों के लिए परेशान होती रहती थीं। तब मेरे मन में आया कि बहनों के लिए कुछ करना चाहिये।
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