मल्हार मीडिया भोपाल।
वो वीडियो चलाया जा सकता था मगर इसलिए नहीं चलाया कि नारेबाजी की कोशिश करते उन बेजुबानों को हाथ उठाते हुये देखते हुये कोई भी विचलित हो सकता है, जिसमें इंसानियत होगी। नारे लगाने की कोशिश में इनकी जितनी घुटी हुई आवाज निकल रही थी वह किसी को भी परेशान कर सकती है। ऐसे इंसानों को जानवर कहना जानवरों की बेइज्जती होगी जिसने इन बेजुबान लड़के लड़कियों को न सिर्फ अपनी हवस का शिकार बना डाला बल्कि उनके नाम पर आने वाले अनुदान को भी डकारता रहा। सवाल बस एक है सिस्टम से कि क्या इसे सजा मिलेगी या फिर से किसी रसूखदार या राजनीतिक पार्टी से संबंधों का फायदा मिल जायेगा और ये छुट्टा घूमता रहेगा।
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल स्थित शेल्टर होम में बेजुबान बच्चियों के साथ हुई हैवानियत का अभी तक मामला शांत भी नहीं हुआ न ही इसके दोषियेां को अभी तक सजा मिल पाई है।
ऐसे में मूक बघिर बच्चों के साथ एक बार फिर यौन शोषण का मामला सामने आया है।
अबकी बार ऐसी हैवानियत के शिकार हुये होशंगाबाद और बैरागढ़ के विकलांग आश्रम के न्याय की गुहार के बच्चों ने लगाई गई है, इनमें लड़के और लड़कियां सभी शामिल हैं। इनमें से एक लड़की तो अनाथ है क्या ऐसे इंसानों को इंसान कहना वाजिब है ये तो जानवरों से भी गये गुजरे हैं।
इस जानवर का नाम है सांई अनाथ संस्था का संचालक एम पी अवस्थी।
सामाजिक न्याय विभाग के संचालनालय पहुंचे मूक-बधिर बच्चों ने कमिश्नर कृष्णा गोपाल तिवारी से की मुलाकात उनके साथ संचालक द्वारा की जा रही हैवानियत की दास्तान सुनाई।
प्राप्त जानकारी के अनुसार साईं विकलांग अनाथ आश्रम की दो मूक-बधिर लड़कियां और 4 लड़के शुक्रवार को सामाजिक न्याय विभाग पहुंचे। उन्होंने आश्रम संचालक पर लम्बे समय से दुष्कर्म और शारीरिक प्रताड़ना का आरोप लगाया है।
इस आश्रम के होशंगाबाद और बैरागढ़ में सेंटर हैं। युवतियों ने आश्रम संचालक एमपी अवस्थी पर जहां दुष्कर्म के आरोप लगाए वहीं लड़कों ने लम्बे समय से शारीरिक प्रताड़ना और अप्राकृतिक कृत्य के आरोप लगाए।
ये बच्चे एक सामाजिक कार्यकर्ता श्रद्धा शर्मा के साथ यहां पहुंचे थे। इन बच्चों ने रो-रोकर अपने साथ हुई ज्यादती की कहानी बयां की।
इन बच्चों ने बताया कि उनके साथ होशंगाबाद और बैरागढ़ के आश्रमों में दुष्कर्म होता था। संचालक लम्बे समय से इनका शोषण कर रहा है।
इस मामले की साल 2017 में होशंगाबाद में रिपोर्ट भी हो चुकी है, लेकिन संचालक के खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति करते हुए पुलिस ने उस समय इस आश्रम को देखने वाली कविता मीणा को हिरासत में लिया था।
हैरानी वाली बात है कि यहां अब तक 3 बच्चियों की मौत हो चुकी है। इस हॉस्टल को सरकार की तरफ से अनुदान भी दिया जा चुका है।
मूक-बधिर बच्चों के साथ हुई इस सनसनीखेज घटना की जानकारी मिलने के बाद कांग्रेस नेता शोभा ओझा सामाजिक न्याय विभाग पहुंच गई। उनकी सूचना पर पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी भी यहां पहुंच गए थे।
इस मामले के मुख्य आरोपी एमपी अवस्थी को बैरागढ़ पुलिस ने हिरासत में ले लिया।
बच्चों की शिकायत को लेकर शोभा ओझा ने पुलिस के आला अधिकारियों से फोन पर बात की। उन्होंने आश्वस्त किया है कि पूरे मामले की भोपाल में ही कायमी होगी और मामले को संबंधित थानोंं को कार्रवाई के लिए सौंपा जाएगा।
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