मल्हार मीडिया भोपाल।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि हम लोग आते जाते रहेंगे लेकिन समाज यहीं रहेगा। हर धर्म हर जाति के लोग हमारे भाई हैं। खाई बढ़ाने वाले लोगों को पहचानें।
यह बात उन्होंने आज सोमवार को अलसुबह 6:30 बजे बड़वानी और राजगढ़ जिले की समीक्षा बैठक में कही। उन्होंने कहा कि सद्भावना बनाए रखना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
मध्यप्रदेश में पिछले कुछ दिनों में हिंसक, साम्प्रदायिक, पथराव वाली घटनाएं हुई हैं। इस पर मुख्यमंत्री शिवाराज सिंह ने चिंता जताते हुए अधिकारियों को ऐसे असामाजिक तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज में खाई पैदा करने वाले, विभिन्न धर्मों, जातियों, समुदायों को एक दूसरे के विरुद्ध भड़काने वालों एवं भ्रमित करने वालों, विद्वेष फैलाने वालों और समाज को तोड़ने वालों पर कड़ी नजर रखी जाए।
समाज को एकरस रखना, शांति और सामाजिक समरसता बनाए रखना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
उन्होंने कहा कि अपराधियों और माफियाओं के विरुद्ध कठोर कार्यवाही आवश्यक है। गुंडों से मुक्त भूमि गरीबों को उपलब्ध कराई जाएगी। अवैध कब्जे वाली भूमि गुंडों से छीनेंगे और गरीबों में बाँटेंगे।
श्री चौहान ने कहा कि यह भी ध्यान रखना आवश्यक है कि अतिक्रमण हटाने में गरीब प्रभावित न हों। गरीबों के जीवन-यापन का ध्यान रखते हुए उनके पुनर्वास की पुख्ता व्यवस्था की जाए।
उन्होंने कहा कि सभी को आपसी सद्भाव और भाईचारा बनाए रखना होगा। साथ ही हमें समाज को तोड़ने वालों के प्रयास विफल करने होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम लोग तो आते-जाते रहेंगे, लेकिन समाज यहीं रहेगा।
श्री चौहान ने कहा किसी भी धर्मों और जातियों के लोग हमारे भाई हैं, इनमें किसी प्रकार का भेद नहीं है। कुछ असामाजिक तत्व हैं, जो भ्रम फैलाकर समाज को बांटते हैं।
इन्हें पहचानने और इनसे सतर्क रहने की जरूरत है, इनके बहकावे में किसी को नहीं आने देना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दलित और गैरदलित की बात क्यों हो? दलित भी अपने भाई हैं और गैरदलित भी अपने ही हैं।
उन्होंने बैठक में शामिल प्रशासनिक अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की ओर मुखातिब होते हुए कहाकि ‘देखो अपन तो आएंगे और जाएंगे, लेकिन समाज तो यहीं रहने वाला है। इसमें अगर खाई पैदा हो गई, तो वह समाज के लिए घातक है।’
मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा कि एक सोशल अभियान चलना चाहिए। गांव-गांव में, जहां ऐसी चीजें होती हैं, बैठकें हो जानी चाहिएं, ताकि इस तरह का माहौल न बने।
उकसाने वाली भी चीजें नहीं होनी चाहिए। प्रशासन और जनप्रतिनिधि आपसी सद्भाव बनाने के लिए दोनों पक्षों के साथ बैठकें करें और समझाएं।
अगर थोड़ी सी बातचीत हो जाएगी, लोग समझ जाएंगे तो इस तरह की घटनाएं बंद हो जाएंगी। चौहान ने बैठक में गर्मी के मद्देनजर जल इत्यादि की व्यवस्थाओं की जानकारी भी ली।
उन्होंने राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता वाली योजनाओं के बारे में भी उन्होंने प्रगति के बारे में पूछा और दिशानिर्देश दिए।
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