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विधानसभा के नियम 265 के तहत विधायक जीतू पटवारी निलंबित, कांग्रेस ने बताया अलोकतांत्रिक कदम

खास खबर            Mar 02, 2023


 मल्हार मीडिया भोपाल।

मध्यप्रदेश विधानसभा में कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी को नियम 265 के तहत विधानसभा की सदस्यता से बजट सत्र तक के लिए निलंबित किया गया है।

क्या है नियम 265 जिसके तहत विधायक जीतू पटवारी को निलंबित किया गया-

1) यदि अध्यक्ष आवश्यक समझे तो वह उस सदस्य का नाम ले सकेगा जो अध्यक्ष पीठ के प्राधिकार की उपेक्षा करे या हठपूर्वक और जानबूझकर सभा के कार्यों में बाधा डालकर सभा के नियमों का दुरूपयोग करें।

2) यदि किसी सदस्य का अध्यक्ष द्वारा इस तरह नाम लिया जाए तो अध्यक्ष तुरंत प्रश्न रखेगा कि सदस्य (उसका नाम लेकर) का सत्र के अवशिष्ट काल तक सभा की सेवा से निलंबन किया जाए:

परंतु सभा किसी भी समय प्रस्ताव किए जाने पर संकल्प कर सकेगी कि ऐसा निलंबन समाप्त किया जाए।

3) इस नियम के अधीन निलंबित सदस्य तुरंत सभा के परिसर के बाहर चला जाएगा।

मध्यप्रदेश विधानसभा के चौथे दिन आज गुरूवार 2 मार्च को फिर एक इतिहास बन गया। कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी को विधानसभा अध्यक्ष ने नियम 265 (1) तहत बजट सत्र से निलंबित कर दिया।

पटवारी के खिलाफ सत्ता पक्ष की तरफ बार-बार झूठ बोलने को लेकर निलंबन की कार्रवाई की मांग की गई थी।

वहीं, अध्यक्ष की तरफ से की गई कार्रवाई से नाराज कांग्रेस सदस्यों ने सदन मे हंगामा शुरू कर दिया। इसके बाद सदन की कार्रवाई शुक्रवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

दरअसल आज विधानसभा के बजट सत्र के चौथे दिन राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा शुरू हई, इसमें जीतू पटवारी ने चर्चा शुरू की।

पटवारी ने अपने भाषण में कहा था कि प्रदेश से बाघ, शेर, घड़ियाल बाहर गए। बदले में छिपकली, बंदर, तोते लिए गए। इस पर सत्ता पक्ष की तरफ से ऐतराज जताया गया।

सत्ता पक्ष की तरफ से संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मित्रा ने कहा कि पटवारी पर बार-बार सदन की गरिमा को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया। उन्होंने स्पीकर के आते ही कहा कि सदन को हम मंदिर कहते हैं। ऐसे में इस सदन की मर्यादा को खरोंचने की कोशिशें हो रही हैं।

मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा हालांकि, जीतू पटवारी पहले भी ऐसा करते रहे हैं. फिलहाल, ये मामला विशेषाधिकार समिति के पास विचाराधीन हैउन्होंने कहा कि इससे पहले का मामला भी विशेषाधिकार समिति के पास है। मंत्री श्री मिश्रा ने पटवारी को बाकी सत्र के लिए निलंबित करने का प्रस्ताव रखा।

उन्होंने पटवारी को सदन के पटल पर तथ्य रखने की बात रखते हुए कहा कि बताएं कब छिपकली लाई गई?  इस पर पटवारी की तरफ से पटल पर जवाब रखते हुए कहा गया कि हमें विधानसभा के जवाब में जानकारी उपलब्ध कराई गई।

 इस पर सत्तापक्ष जवाब और तथ्यों से संतुष्ट नहीं हुआ और अध्यक्ष से पटवारी के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई करने की मांग की। इसके बाद सदन में जमकर नोकझोंक हुई। पूरे मामले की बहस के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने व्यवस्था दी।

जीतू पटवारी ने कहा कि रिलायंस ग्रुप को उपकृत करने के लिए मध्य प्रदेश सरकार ने इंदौर के प्राणी संग्रहालय से 6 बाघ, 5 शेर, 8 घड़ियाल, 2 बंगाली लोमड़ी, एक हनी बेजर रिलायंस के जामनगर भेजा गया।

जहां रिलायंस ग्रुप की बड़ी-बड़ी फैक्ट्री और अंबानी का घर है। ताकि वह इन जानवरों को बिहार सकें और हमारे प्रदेश को इन सबके एक्सचेंज में क्या मिला तोतों, विभिन्न प्रकार की चिड़ियां, छिपकलियां और बंदर। यह कैसा न्याय है।

जीतू पटवारी के निलंबन का कांग्रेस ने विरोध किया है प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा कि जीतू पटवारी को निलंबित करना अलोकतांत्रित कदम है। विधानसभा अध्यक्ष को निलंबन पर पुनर्विचार करना चाहिए। एक तरफा निलंबन की कार्रवाई विधानसभा की उच्च परंपराओं के अनुकूल नहीं हैं।

जीतू पटवारी को निलंबित करने पर नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि भाजपा के दबाव में जीतू पटवारी को निलंबित किया गया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सलाह-मशवरे के बाद कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाएंगी।

 वहीं, कांग्रेस विधायक सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि बीजेपी लोकतंत्र की हत्या करवा रही है। जीतू पटवारी को सीएम के इशारे पर निलंबित किया गया।

दरअसल, गृहमंत्री डॉक्टर नरोत्तम मिश्रा की मांग पर पटवारी का निलंबन किया गया है। वहीं, पटवारी पर आरोप है कि वे अक्सर सदन में गलतबयानी करते रहते हैं।

इससे पहले सदन में जमकर हंगामा हुआ। ऐसे में विधानसभा की कार्यवाही शुक्रवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है। 

उधर भाजपा के पूर्व मीडिया प्रभारी ने हितेश वाजपेयी ने कुछ सवाल उठाते हुए कहा कि

कमलनाथ कि  कांग्रेस को निपटा कर ही मानेंगे पटवारी ?

1) विधानसभा में झूठ बोलने पर जीतू पटवारी निलंबित हो गये, पटवारी पहले भी सुर्ख़ियों में रहने के लिए कई बार भ्रम फैला नही चुके हैं?

2) विवादों मे रहने के कारण कानपुर के कमलनाथ ने उन्हे नही हटाया था मीडिया कमेटी के अध्यक्ष पद से?

3) पिछले विधानसभा सत्र में ट्विट कर राज्यपाल के अभिभाषण का बहिष्कार करने के अलोकतांत्रिक आग्रह करने पर कमलनाथ ने ही नही कर लिया था किनारा ? साथ साथ क्या  सदन में पटवारी के व्यवहार को कमलनाथ ने नही बताया था ग़लत ?

4) कांग्रेस पार्टी के बारे में एक चुनाव प्रचार मे क्या उन्होने नही कहा था कि पार्टी गई तेल लेने ?

5) क्या उन्होने महिलाओं का भी चुनाव प्रचार के दौरान नही किया था अपमान?

6) सदन में कई बार क्या पटवारी ने मीडिया के ख़िलाफ़ भी कई बार बोल नही बोल चुके हैं ? क्या ज्यादा जल्दी अध्यक्ष बनना चाहते हैं जीतू पटवारी ?

 



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