डॉ. प्रकाश हिंदुस्तानी।
आप पिछड़े हो? कौन से पिछड़े ?? कित्ते ???
उत्तर प्रदेश में पिछड़ों में भी 3 क्लास : 1. पिछड़ा वर्ग, 2. अति पिछड़ा वर्ग और 3. अत्यंत पिछड़ा वर्ग।
(शुक्र है कि 2 और वर्ग नहीं बनाये : ४. अत्यंत-अत्यंत पिछड़ा वर्ग और 5 अति-अति पिछड़ा वर्ग)
उत्तर प्रदेश में आरक्षण में वर्गीकरण कर यादवों और कुर्मियों को छाँटने की तैयारी में है। राघवेंद्र समिति की रिपोर्ट में ऐसा प्रावधान है।
पिछड़ा वर्ग को दिए जाने वाले 27 फीसदी आरक्षण को वर्गीकृत करने के लिए प्रदेश की योगी सरकार ने यह समिति गठित की थी।
समिति की रिपोर्ट में माना गया है कि इस कोटे का सबसे ज़्यादा लाभ यादवों और कुर्मियों को मिला है लिहाज़ा उनका कोटा घटा देना चाहिए।
सरकार के पास मौजूद इस रिपोर्ट के मुताबिक़ ओबीसी आरक्षण को 3 भागों में विभाजित किया गया है।
रिपोर्ट में यादव-कुर्मी समेत 9 जातियों को 7 फ़ीसदी आरक्षण का ज़िक्र है। अति पिछड़ा वर्ग में गिरी, गूजर, गोंसाई, लोध, कुशवाहा, कुम्हार, माली, लोहार समेत 65 जातियों को 11 प्रतिशत और मल्लाह, केवट, निषाद, राई, गद्दी, घोसी, राजभर जैसी 95 जातियों को 9 प्रतिशत आरक्षण की सिफ़ारिश की गई है।
उत्तर प्रदेश में अन्य पिछड़ी जातियों ख़ासकर लोध, राजभर, मुराव, गूजर, गोंसाई, कुशवाहा, गड़ेरिया, कुम्हार, तेली समाज के नेताओं की ओर से रिपोर्ट लागू करने का दबाव है।
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