मल्हार मीडिया भोपाल।
एक लाईन में कहा जाये तो कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी का मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में हुआ कार्यकर्ता संवाद असल में कार्यकताओं का मनोबल बढ़ाने के लिये आयोजित किया गया था।
ये वास्तव में कार्यकर्ता संवाद ही था। ये अलग बात है कि कुल जमा चार कार्यकर्ताओं के सवाल का जवाब दिए।
लेकिन उनका पूरा फोकस कार्यकर्ताओं पर ही था। राहुल गांधी भोपाल आकर ये इशारा साफ—साफ दे गये कि बिना कार्यकर्ता के नेताओं का काम नहीं चल सकता।
उन्होंने कहा कि कार्यकर्ता के सम्मान का ध्यान पहले रखा जायेगा। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि अगर कांग्रेस की सरकार बनी तो जो भी मुख्यमंत्री बने या मंत्री बने यदि उसका दरवाजा जनता और कार्यकर्ताओं के लिए खुला नहीं रहा तो वह 15 मिनिट भी पद पर नहीं रह पायेगा।
राहुल गांधी ने साफ—साफ शब्दों में कहा कि मेरे लिये सबसे पहले मध्यप्रदेश की जनता, दूसरे नंबर पर कार्यकर्ता और तीसरे नंबर पर नेता है।
राहुल के भाषण से लगा कि उन्होंने मध्यप्रदेश कांग्रेस की असल बीमारी पकड़ ली है और वह कार्यकर्ताओं का गिरा हुआ मनोबल।
अब कांग्रेस नेता इस पर कितना अमल करते हैं ये तो भविष्य बतायेगा।
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