मल्हार मीडिया भोपाल।
मध्यप्रदेश के पंचायत चुनावों में इस बार एक—दो स्थानों पर यूपी—बिहार का पैटर्न देखने को मिला है। प्रदेश की दो पंचायतों में प्रत्याशी जेल में रहकर भी चुनाव जीत गए हैं।
बुंदेलखंड और मालवा के एक—एक प्रत्याशी ने जेल में बैठकर ही सरपंची का चुनाव जीत लिया है।
बुंदेलखंड दमोह जिले के गैसाबाद पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष का बेटा जो हत्या के केस में जेल में है, वह गैसाबाद जनपद का चुनाव करीब 1 हजार मतों से जीत गया है।
दूसरे हैं वहीं उज्जैन जिले में स्थित बड़नगर की एक ग्राम पंचायत झलारिया के सरपंच प्रत्याशी अनवर।
त्रिकोणीय मुकाबले वाली इस पंचायत में प्रत्याशी अनवर ने बाजी मारी है, जो कि बीते 4 जून से जेल में बंद है।
ज्ञातव्य है कि प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के दूसरे चरण की वोटिंग हो चुकी है, हालांकि अधिकृत परिणाम बाद में सार्वजनिक होंगे, लेकिन मतगणना के बाद अघोषित रुप से परिणाम सामने आ गए हैं।
इसमें बुंदेलखंड के दमोह जिले में हटा जनपद में गैसाबाद जनपद सदस्य का चुनाव जेल में बंद हत्या का आरोपी इंद्रपाल पटेल चुनाव जीत गया है। यह पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष शिवचरण पटेल का बेटा है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार करीब दो साल पहले हटा इलाके में कांग्रेस नेता देवेंद्र चौरसिया चर्चित हत्याकांड हुआ था। इसमें पथरिया से दबंग बसपा विधायक रामबाई परिहार के पति, देवर व अन्य परिजनों सहित इंद्रपाल भी आरोपी है और जेल में बंद है।
मां और पत्नी भी जनपद से चुनाव लड रही हैं जेल से चुनाव जीतने वाले इंद्रपाल के अलावा उनकी मां और पत्नी भी अलग-अलग जनपद सदस्य क्षेत्र से चुनाव लड रही हैं। हालांकि वहा की मतगणना होना बाकी है। इंद्रपाल के जनपद क्षेत्र क्रमांक 16 से 1197 वोट से जीत मिली है।
अनवर राज्य स्तर पर कबड्डी प्रतियोगिता खिलाड़ी हैं, उनके नेतृत्व में गांव की टीम ने कुछ मुकाबले भी जीते हैं।
कहा जा रहा है कि कबड्डी में पंचायत का नाम रोशन करने से अनवर के प्रति ग्रामीणों में सहानुभूति थी। इसलिए उन्होंने पहला चुनाव जीता था।
बताया जा रहा है कि अपने कार्यकाल के दौरान अनवर ने गांव में कई विकास कार्य भी कराए। जिससे ग्रामीणों का अनवर के प्रति विश्वास और बढ़ गया। अनवर ने कोरोना महामारी में ग्राम में सेवा कार्य किए थे।
अनवर पर आरोप है कि उन्होंने फर्जी कागज बना कर जमीन बेची थी। ग्राम जांदल के रहने वाले हकीम पटेल ने 29 मई को इस संबंध में शिकायत की थी।
जिसके बाद जांच अधिकारी जितेंद्र पाटीदार ने जांच कर रिपोर्ट पेश की थी। जिसमें शिकायत सही पाए जाने पर कोर्ट ने 4 जून को अनवर को जेल भेज दिया था। उनपर धारा 420 के तहत केस दर्ज है।
ऐसे में जेल में रहते हुए ही अनवर ने सरपंच का चुनाव लड़ा। गांव में अनवर के परिजनों ने उनके पक्ष में प्रचार-प्रसार किया। शनिवार देर रात आए परिणामों में अनवर 81 वोट से सरपंच चुनाव जीत गए।
बड़नगर की मौलाना उप जेल के जेलर महेंद्र सिंह रघुवंशी ने फोन पर बताया कि अनवर 4 जून से जेल में हैं। चुनाव के दौरान अनवर 1 दिन भी जेल से बाहर नहीं गये हैं। अनवर एक पुराने विचाारधीन मामले में जेल में बंद हैं।
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