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मप्र सरकार का अनूठा नवाचार, उज्जैन के राजा महाकाल की अध्यक्षता में शिवराज कैबीनेट बैठक

खास खबर            Sep 27, 2022


मल्हार मीडिया ब्यूरो उज्जैन।

नवाचारों में हमेशा आगे रहने वाली मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार ने इस बार एक अनूठा प्रयोग महाकाल की नगरी से किया।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की अगुवाई में राज्य सरकार की कैबीनेट बैठक महाकाल प्रांगण में महाकाल के अध्यक्षता में संपन्न हुई

उज्जैन के राजा महाकाल के दरबार में मध्य प्रदेश की शिवराज मंत्रिपरिषद की बैठक का पल अविस्मरणीय रूप से इसलिए भी इतिहास में दर्ज हो गया क्योंकि अब महाकाल क्षेत्र का नामकरण महाकाल लोक के नाम से हो गया।

मंत्रिपरिषद की अध्यक्षता करने वाली कुर्सी पर बाबा महाकाल को बिठाया गया और उनके सेवक के तौर पर एक तरफ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और दूसरी तरफ मुख्यसचिव इकबाल सिंह बैस बैठे।

बैठक में सबसे पहले विधि विधान से पूजा-पाठ कर महाकाल को प्रणाम कर प्रदेश की खुशहाली और देश-प्रदेश के कल्याण की प्रार्थना की गई।

कैबिनेट की कार्यवाही शुरू करने के साथ महाकाल प्रांगण के नामकरण के प्रस्ताव महाकाल लोक को पारित किया गया। मंत्रियों ने खड़े होकर इस निर्णय पर तालियां बजाईं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि महाकाल महाराज उज्जैन के राजा हैं और हम लोग सेवक हैं।

हम सेवक के नाते महाकाल महाराज की नगरी में आज की बैठक कर उनसे प्रार्थना कर रहे हैं कि उनकी कृपा और आशीर्वाद हम सब पर बना रहे।

हम सबके लिए यह ऐतिहासिक पल है,  वर्ष 2017 में जब हमारी सरकार थी, उस समय यह विचार आया था कि महाकाल परिसर का विस्तार किया जाए।

इस संबंध में नागरिकों, मंदिर समितियों और स्टेक होल्डर से चर्चा कर परिसर के विस्तार की योजना बनाई गई। महाकाल परिसर विस्तार के लिए हमने दो चरण तय किये।

 प्रथम चरण 351 करोड़ रुपये का था, फिर हमने द्वितीय चरण के लिए 310 करोड़ रुपये स्वीकृत किए।

परिसर विस्तार के कार्य में कई मकान विस्थापित किए,  हमने 150 करोड़ रुपये की लागत से विस्थापन कार्य किया। विकास कार्यों की लंबी श्रंखला है।

रुद्रसागर के पुनर्जीवित होने से इसमें क्षिप्रा नदी का पानी रहेगा,  मंदिर में लाइटिंग और साउंड सहित महाकाल पथ का निर्माण किया गया। दूसरे चरण में भी अनेक कार्य पूर्ण होने हैं।

मंत्रिमंडल की बैठक के बाद मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि उज्जैन में हवाई पट्टी का विकास किया जाएगा, इसके लिए 41 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं।

उज्जैन में पुलिस बैंड में 36 कर्मचारी शामिल होंगे, इसका आकार बड़ा किया जाएगा।

शिप्रा नदी कलकल और प्रवाहमान रहे इसलिए रिवर लेक फ्रंट की तर्ज पर घाटों का विस्तार होगा।

महाकाल मंदिर परिसर का नाम महाकाल लोक रखे जाने को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि धाम देश में पहले से चार हैं।

महाकाल वन क्षेत्र नाम में स्पष्टता नहीं है,  इसलिए नव विस्तारित क्षेत्र का नाम "महाकाल लोक' रखा गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि नामकरण को लेकर कई विद्वानों से सुझाव मिले।

जूना अखाड़े के पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि से भी नाम को लेकर चर्चा हुई,  इधर नाम को लेकर विद्वानों ने कहा है कि लोक का मतलब संसार, जगह है।

देवता के रहने का विशिष्ट स्थान से है, आकाश में तारक लिंग, पाताल में हाटकेश्वर लिंग और पृथ्वी पर महाकालेश्वर ही मान्य शिवलिंग है।

मान्यता के अनुसार महाकाल, पृथ्वी लोक के अधिपति हैं। वे तीनों लोकों के और संपूर्ण जगत के अधिष्ठाता भी हैं। इसलिए यह नाम अतिउत्तम है।

कैबिनेट के मुख्य बिंदु

351 करोड़ से निर्मित महाकालेश्वर प्रांगण को महाकाल लोक के नाम से जाना जाएगा, दूसरे चरण के काम भी जल्द शुरू होंगे। 11 अक्टूबर को पीएम मोदी इसका लोकार्पण करेंगे।

उज्जैन में हवाई पट्टी का विस्तारीकरण कर इसे एयरपोर्ट की तरह विकासित करेंगे,  पहली बार में 80 करोड़ की लागत से ये काम होगा।

11 की जगह 37 पद वाला पुलिस बैंड होगा, इसके लिए नए पद स्वीकृत किए गए हैं।

शिप्रा अविरल बहती रहे, इसके लिए प्रोजेक्ट बनाने की सैद्धांतिक स्वीकृति,  रिवर फ्रंट की तर्ज पर घाट विस्तार होगा।

स्वच्छता लीग में मप्र का पहला स्थान आया है,  नगरीय प्रबंधन व सबसे क्लीन सिटी में इंदौर नंबर 1,  उज्जैन पर्यटन सेवा में अव्वल आया है।

 



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