धार से स्वप्निल शर्मा।
आजादी के पूर्व जब पुलिस किसी गाँव पर दबिश देती थी तो वह स्वतंत्रता सेनानियों के पकड़ने के लिए होता था, लेकिन आजादी के 70 वर्ष बाद जब 125 पुलिस जवानों और अधिकारियों का दल किसी गाँव में सर्चिंग अभियान चलाए तो वह निःसंदेह अपराधियों को पकड़ने के लिए ही होगा। मध्यप्रदेश के धार जिले के टांडा थाने के अंतर्गत आने वाला ग्राम भूतिया जामदा शातिर अपराधियों का गढ़ माना जाता है। जब भी दो चार पुलिस वाले किसी नामजद अपराधी की खोज में इस ग्राम में गए तो उन्हें मार खाकर उलटे पांव भागना पड़ा है। यह सिलसिला वर्षों से चल रहा था। जबकि पुलिस रिकार्ड के अनुसार इस भूतिया जामदा ग्राम में लगभग ढाई सौ से ज्यादा अपराधी नामजद हैं।
जब भी इस ग्राम में दबिश दी गई तब महिला और बच्चों ने पुलिस दल पर पत्थरों और लाठियों से हमला कर भगाने का कार्य तो किया ही और दल पर छेड़छाड़, लूटपाट और बलात्कार के आरोप भी लगा देते है। अपराधियों को संरक्षण देने वाले तथाकथित नेता तत्काल इन अपराधियों के पक्ष में खड़े होकर भोपाल से दिल्ली तक मानव अधिकार आयोग का दरवाजा खटखटा देते हैं। इन सब बातों से परेशान धार जिले के पुलिस महकमे ने 25 जनवरी को भूतिया जामदा में 125 जवानों और अधिकारियों के साथ दबिश दी।
पुलिस कार्यवाई के दौरान पुलिस पर भारी पथराव के साथ गोलियां भी चलाई गईं। धार एस.पी. वीरेन्द्र सिंह ने बताया कि दल के साथ मारपीट की कोशिश भी गई। एस.पी. ने इस ग्राम के 143 आरोपियों की सूची भी जारी की, जिनके खिलाफ जिले भर के थानों में प्रकरण दर्ज हैं।
एस.पी. ने यह भी कहा कि हमें दबिश देने का कोई शौक नहीं है। आरोपियों की इतनी लंबी चौड़ी लिस्ट है कि हम चाहते हैं कि ग्राम के लोग सरेन्डर कर दें। अपराध छोड़कर मुख्यधारा से जुड़े और अच्छे काम करें।
यदि ऐसा नहीं हो पाता है तो गिरफ्तारी के लिए आगे भी कार्यवाई जारी रखेंगे। पुलिस दल की इस कार्यवाई के बाद गंधवानी विधायक उमंग सिंघार ने पुलिस के खिलाफ व्यापक अभियान छेड़ दिया। विधायक सिंघार ने बताया कि उन पर अपराधियों को संरक्षण देने के आरोप गलत है। मैंने किसी भी अपराधी को छोड़ने हेतु पुलिस पर कभी दबाव नहीं बनाया। किसी महिला के साथ दुष्कर्म और छेड़छाड़ होती है तो रिपोर्ट दर्ज की जाती है लेकिन भूतिया ग्राम की महिलाओं के साथ ऐसा नहीं हुआ। पुलिस ने बदमाशों को पकड़ने के बजाए बच्चों और महिलाओं पर कहर बरपाया। कई घरों में तोड़फोड़ की गई। विधायक सिंघार ने पुलिस दल पर आरोप लगाते हुए बताया कि भूतिया की चार महिलाओं के साथ दुष्कर्म भी किया गया है। महिलाएँ उन पुलिस वालों के सामने आने पर उन्हें पहचान भी सकती है। इन महिलाओं ने विधायक के साथ अजाक थाने पर आवेदन भी सौंपा। महिलाओं ने 25 जनवरी की रात्रि में ही विधायक के साथ अस्पताल पहुंचकर मेडिकल टेस्ट भी कराया।
कांग्रेस विधायक उमंग सिंघार की शिकायत पर राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (दिल्ली) ने इसे गंभीरता से लेते हुए जाँच के आदेश दे दिए। आयोग के समक्ष चार महिलाओं ने दुष्कर्म, तीन महिलाओं ने छेड़छाड़ और दो नाबालिग बालिकाओं ने यौन प्रताड़ना का आरोप लगाया था। विधायक सिंघार के धरना देने और भोपाल तक शिकायत करने के बाद पुलिस ने एफ.आई.आर. तो दर्ज की लेकिन अज्ञात के खिलाफ। पुलिस ने दबिश के दौरान 9 बाइक भी जब्त की थी, जिसे चोरी की बताया गया था। जबकि उमंग सिंघार ने दावा किया कि चोरी की बताई गई बाइक के नंबरों को आर.टी.ओ. के रजिस्ट्रेशन संबंधी वेबसाईट पर चेक किए जाने पर वे भूतिया के ग्रामीणों के नाम पर दर्ज निकली है तो वह चोरी की कैसे हो गई।
भाजपा विधायक रंजना बघेल ने 25 जनवरी की कार्यवाई के समर्थन में 31 जनवरी को 30-35 वाहनों में विभिन्न क्षेत्रों के ग्रामीणों को लेकर सी.एम. शिवराजसिंह चैहान से मिलने भोपाल पहुंच गई। विधायक बघेल के साथ ग्रामीणों ने राज्यपाल, आई.जी., मानव अधिकार आयोग तथा सी.एम. को ज्ञापन देकर पुलिस द्वारा की गई कार्यवाई को उचित ठहराया। सी.एम. शिवराजसिंह चैहान ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि अपराधियों और उनको संरक्षण देने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। विधायक रंजना बघेल ने सिंघार पर पलटवार करते हुए बताया कि सिंघार ने 15 परिवारों को दस-दस हजार की आर्थिक सहायता दी है। हथियारों के दम पर लूटपाट करने वाले लूटेरों के संरक्षण बन कर उन्हें आश्रय देना कहां कि मानवता है।
25 जनवरी को जो कार्यवाही पुलिस द्वारा की गई उस दिन से लेकर आज तक कोई बड़ी लूट, डकैती की वारदात मनावर, अमझेरा, गंधवानी, सरदारपुर, बाग, कुक्षी आदि एरियों में नहीं हुई। जबकि मनावर थाने का ही रिकॉर्ड देखें तो गोफन गैंग द्वारा हर हफ्ते में एक या दो बार वारदात की जा रही थी तथा पूरे क्षेत्र में इस गोफन गैंग ने दहशत मचा रखी थी। कई परिवारो को लूटकर बर्बाद कर दिया था तथा ग्राम सिरसी में तो अपनी बीमार बच्चे के इलाज के लिये बडौदा ले जाने हेतु रखी राशि भी ले उडे थे इस गैंग के कारण कई परिवार त्रस्त हो चुके थे। परंतु भूतिया सर्चिंग के बाद यह वारदातें होना बंद सी हो गई हैं। इस गोफन गैंग ने मनावर, कुक्षी, धरमपुरी थाने के अंतर्गत भी वारदातें की थी।
अगर होली बयड़ा भूतिया गांव की भौगोलिक स्थिति पर नजर डाली जाए तो पहाड़ भी तलहटी में बसा यह गांव चारों तरफ जंगल से गिरा हैं तथा थोड़ी सी ऊंचाई पर होने के कारण रास्ते से आने वाले सभी नजर आ जाते हैं तथा पुलिस को देखकर अपराधी पहाड़ पर चढ़ जाते हैं। करीब 50 मीटर ऊंची पहाड़ी से यह मोर्चा खोल देते हैं तथा उन पर तीर, कमान, पत्थरों से हमला बोल देते हैं। ऐसी स्थिति में कई बार पुलिस पार्टियों को जख्मी हालत में वापस लौटना पड़ा हैं। अगर इन गांवों के अपराधी रिकॉर्ड पर दृष्टि डाली जावे तो इन गांवों में 175 स्थाई वारंटी 143 फरार बदमाशों की तलाश भिन्न भिन्न प्रकरणों में पुलिस कर रही हैं। जोकि पुलिस थाना टांडा, सरदारपुर, अमझेरा, धार, मनावर, गंधवानी, तिरला, इंदौर आदि शामिल हैं तथा पुलिस विभिन्न अपराधों में इनकी तलाश कर रही हैं।
इतना ही नहीं इन अपराधियों द्वारा पूर्व में भी पुलिस पर कई बार हमले किए हैं। सर्वप्रथम 1987 में भुरला एवं उसके साथियों द्वारा अमझेरा थाने के पुलिस दल पर हमला बोल कर एक पुलिसकर्मी की हत्या कर दी थी। वहीं सन् 1997 में भूतिया के रमेश टेटिया आदि ने पुलिस दल पर हमला बोला। सन 1999 में सरदारपुर थाने की रिंगनोद चैकी के सहायक निरीक्षक जगन्नाथ पाटील की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। जिसमें होली बयडा के भुवानसिंह व ठाकरिया भील व 5 अन्य साथी नामजद आरोपी हैं। इसी प्रकार 2002 में गंधवानी थाने के पुलिस दल पर लाल सिंह तथा अन्य साथियों द्वारा हमला किया गया। 2005 में अमझेरा थाने के पुलिस बल पर ठाकरिया, फकरिया आदि ने हमला कर वाहनों में तोड़फोड़ कर दी थी।
2017 में टांडा के पुलिस दल पर भुरू, वीरिया, बोबड़ा आदि साथियों ने हमला किया था। इस प्रकार जामदा भुतिया के कुख्यात अपराधी विगत 30 वर्षों से अपराधों में लिप्त हैं। तथा पुलिसकर्मियों की हत्या करने तथा उनके हथियार लूटने जैसे कृत्य करते रहे हैं। तो उनके लिए आम जनता की कोई बिसात ही नहीं है। ऐसे अपराधियों से भरे हुए गांव में जिले के पुलिस अधीक्षक वीरेंद्र सिंह ने अपनी टीम के साथ सर्चिंग कर अपराधियों की धरपकड़ करने का सराहनीय कार्य करते हैं तो उन्होंने कौन सा अपराध किया है। अब हमें अपनी सामाजिक अवधारणा बदलनी होगी।
हमें राजनीति से उपर उठकर जनता के हितो की रक्षा तथा संविधान के नियमों का पालन करने हेतु अपराध मुक्त समाज बनाने के लिए समाज के प्रहरियों का सम्मान बरकरार रखना होगा। अगर हमें अपराध मुक्त समाज की स्थापना करना है तो पुलिस व्यवस्था पर भरोसा करना होगा। हमें अपराधियों के हौसले पस्त करने हेतु पुलिस की मदद करना होगी। अन्यथा शायद हमें रातों में जागकर अपने घरो की रक्षा स्वयं ही करना होगी। डेढ माह बाद भी भूतिया जामदा की घटना को लेकर मनावर तथा गंधवानी के विधायको में अभी भी विवाद जारी हैं। विधायक उंमग सिंगार ने विधायक रंजना बघेल के खिलाफ अपने पर लगे अपराधियों को संरक्षण देने के आरोप को लेकर 25 करोड़ का मानहानि का नोटिस दिया है।
Comments