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3800 रूपये के लिए 3 महीने से भटक रहा नमन,अलमबरदार विधायक,नेता,अधिवक्ता, गणमान्य अमीर हैं मगर..

खास खबर            Apr 03, 2017


बांदा उत्तरप्रदेश से आशीष सागर।
मित्र ऋतुराज,प्रशांत,गोपाल के साथ बैठा था घर में ! फेसबुक में बकैती कर रहा था इसी बीच चंद मिनट पहले नमन तिवारी रहवासी कांशीराम आवास महोबा ( उम्र करीब 15 वर्ष ) आये...। फ़िलहाल महोबा आवास बाँदा कांशीराम आ जाये इसलिए परिवार अलीगंज में रहता है...सुबह इस लड़के ने आठ बजे फोन किया कि आरटीआई के बारे में कुछ पूछना है तो मैंने 12 बजे की बात कहकर टाल दिया। फिर दोपहर साढ़े बारह बजे से लगातार फोन आये मैंने उठाया नही। लड़का अभी कुछ देर पहले सीधा दरवाजे में आकर खड़ा हो गया, चैनल से आवाज देकर कहा भैया मै हूँ आप फोन नही उठा रहे हैं। मेरे मोबाइल की घंटी बज रही थी वो सामने खड़ा था मै हाथ में फोन लिए ये सोच रहा था अब क्या कहूँ। खैर अन्दर बुलाया कमरे में....उससे आने की वजह पूछी तो उसने हाथ में लिए ये परचा पकड़ा दिया जो तस्वीर में है।...यह चिट्ठी इसके पिता की तरफ से लिखी गई है टूटे-फूटे-बिखरे शब्दों में।

लड़के की माँ गुर्दे फेल होने की बीमारी के चलते चलबसी है। पिता रामेश्वर तिवारी अपने दो घर सहित सब कुछ बेचने के बाद भी पत्नी को नही बचा पाए। स्थानीय अमरउजाला कार्यालय की मदद पर उनके झाँसी कार्यालय से एक पुरानी टाईपराइटर मशीन मिली। परिवार का रुका पहिया चल पड़े इसके लिए मशीन दुरस्ती में कुल जमा 3800 रूपये खर्च आना है। लड़का चुनाव से पहले सदर विधायक प्रकाश दिवेदी के महुआ आवास गया जहाँ उनकी गैर हाजरी में पिता रामयश 'नन्ना' ने 1 हजार रूपये दिए और जीतने पे नई मशीन दिलाने का वादा किया। नमन इसके अतिरिक्त नगर पालिका अध्यक्ष विनोद जैन ( करोड़ो कमाया है ) के पास गया मदद नहीं मिली,बीजेपी के स्थानीय चमकदार नेता जगराम सिंह ने 500 रुपया दिया बोले इससे अधिक देने काबिल नहीं हूँ।

विजय रतन अधिवक्ता ने 500 रुपया दिया,शंकर सिंह गौतम अधिवक्ता ने 500 रुपया दिया लेकिन लड़का तीन माह भटककर भी 3800 रुपया न जुटा पाया।...विधायक प्रकाश दिवेदी के पिता के पास दुबारा गया तो उसको ये कहा गया बार-बार आते हो। एक बार मदद कर तो दी है।....बतलाते चलें रामेश्वर तिवारी का बड़ा बेटा ह्रदयघात से 2004 में मर चुका है।...मै उसका दिया परचा हाथ में लेकर असहज रहा कल आने की बात कही !...लड़का बाहर चला गया तब मन नहीं माना तो नेट ब्राड बैंड बिल के लिए रखे निजी खर्च के 5 हजार रूपये से दो हजार उसको दे दिए..लड़के को 1300 रूपये की ज़रूरत और थी ।

ये पोस्ट सिर्फ इस मकसद से पोस्ट कर रहा हूँ ताकि बाँदा के वे चुनाव से लेकर रामनवमी तक करोड़पति होर्डिंग छाप नेता और राष्ट्रभक्त गरीबी को अपने आस-पास देखे,समझे,महसूस करे कि चुनाव जीतने के बाद लोगों की उम्मीद उनसे और अधिक बढ़ गई है खासकर उस गरीब की जो उन्हें अपना राम और खुदा मानता है....बच्चे की आगे और भी मदद की जा सकती है बाकि मुकद्दर तो वो अपना लोकतंत्र में लिख ही रहा है...नयाटाईपराइटर जिंदगी की बसर।

फेसबुक वॉल से।



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