उमेश यादव।
दो दिन का अज्ञातवास टुटा वह भी अफवाह को निर्णय निरूपित किया तब..फ़ौरन जवाब आया..नहीं,अभी मैने इस्तीफा नहीं दिया है और पार्टी जो तय करेगी वह शिरोधार्य है..जवाब कह लें या बयान..कुछ तो आया..बहरहाल पार्टी का निर्णय शिरोधार्य नहीं किया तब?.."दरे निपट गए" यह खुशफहमी पालने वालो को अभी और इंतज़ार करना होगा..संभव है कि ये इंतज़ार ख़त्म ही न हो..राजनैतिक आंकलन,नियम और जिम्मेदारों द्वारा समर्थकों को नेपथ्य में छोड़ तात्कालिक डील में शेयर होल्डर बन जाने के प्रमाण के बाद कुछ भी संभव है,..बकौल अभय दरे यह की पार्टी का आदेश शिरोधार्य है..।
अव्वल तो यह कि क्या पार्टी सार्वजानिक रूप से कभी स्वीकार करेगी की महापौर अभय दरे से स्तीफा माँगा है..शायद नहीं,..। पार्टी का महापौर भ्रष्ठाचार में लिप्त पाया गया इस प्रमाण पर पार्टी द्वारा खुद मुहर लगाना.. चाल चरित्र और चेहरे के जुमले को सिर्फ जुमला साबित करेगा सो पार्टी महापौर अभय दरे से सार्वजानिक रूप से स्तीफा मांगे यह संभब नहीं दिखाई पड़ता,अब सवाल उठता है कि आगे क्या ?..
जैसा कि शुरू में बताया कि महापौर अभय दरे के ये दो साल सांप सीढ़ी के खेल जैसे रहे है,कभी ऊपर तो कभी सांप के घर में पहुँचने पर डसे गए और नीचे आ गए,स्मार्ट सिटी से ऊपर गए तो जल संकट में नीचे आ गए,न्यायालय के फैसले से फिर ऊपर गए सो ऑडिओ वाले साँप ने फिर डस लिया और फिर नीचे आ गए। अब बारी तो है फिर ऊपर आने की इसलिए अभी बिसात बिछाई जा रही है,सांप सीढ़ी की तरह इस खेल में क्या दरे फिर ऊपर पहुँचते हैं या इस बार गेम से बाहर हो जायेंगे? ये अभी भविष्य के गर्त में है लेकिन इस समय जब महापौर के भविष्य के विषय पर पान के टपरों से लेकर बियर बार तक चर्चा गर्म है तो हम भी अपने विचारों को चर्चा की इस आग क्यों न सेंक ले सो चर्चा सुन कर कुनकुने हुए दिमाग के कीड़ों ने बताया कि महापौर अभय दरे को पद से हटाना आसान नहीं है..।
जैसा कि महापौर अभय दरे की कार्यप्रणाली और सोच अभी तक समझ में आयी है उसके अनुसार दरे जल्दी हथियार डालने वालों में से नहीं दिखाई पड़ते..आने वाले दिनों में अभय दरे बनाम सत्ता,संगठन का अभूतपूर्व और दिलचस्प गेम दिखने को मिल सकता है,पूरा मामला नियम और नियत के बीच का है,नियम ऐसे है कि यदि अभय दरे डरे नहीं और सत्ता, संगठन से टकरा गए तो उन्हें हटाने की नीयत रखने वाले ही बैक फुट पर नजर आने लगेंगे..कैसे ?..यह सवाल लाजमी है तो चलो कुछ खोपड़ मंजन किया जाये और समझ जाये की ऐसा कैसे हो सकता है,एक महापौर प्रदेश की सरकार और देश के इतने बड़े राजनैतिक दल को कैसे चुनौती दे सकता है..?
सरकार की शक्तियां तो ऐसी हैं कि नगरीय प्रशासन की उच्च स्तरीय जांच के आधार पर एक पल में महापौर को पद से हटाया जा सकता है और यही बात पार्टी पर भी लागू होती है कि प्रशानिक जांच में दोषी सिद्ध होने के कारण पार्टी तुरंत महापौर अभय दरे से स्तीफा मांग सकती है और सदस्य्ता ख़त्म कर सकती है लेकिन बात फिर वही बदनामी की आ जाती है सो सरकार और संगठन सीधे कार्यवाही करने से बच् रही है,यही स्थिति महापौर अभय दरे के भविष्य को सुरक्षित कर सकती है।
अब बात करें उस स्थिति पर जब महापौर अभय दरे सरकार और संगठन के आदेश को न मानते हुए नियमो का सहारा ले तब क्या हो सकता है,तो यदि मान लिया जाये कि शुचिता और साफगोई दिखाते हुए पार्टी ने अभय दरे को पार्टी से बाहर कर भी दिया तब भी अभय दरे महापौर बने रहेंगे और उनके पास दूसरे विकल्प के रास्ते खुल जाएंगे। दलबदल कानून के तहत जनप्रतिनिधि यदि खुद पार्टी छोड़ दूसरे दल में शामिल हो जाता है तब उसका पद चला जाता है लेकिन यदि पार्टी उसे खुद निष्कासित करती है तब चुने हुए जनप्रतिनिधि का पद बरक़रार रहता है और यह अधिकार भी कि वह चाहे तो किसी भी पार्टी की सदस्यता ले सकता है।
सो इस स्थिति में यदि अभय दरे ने कांग्रेस का हाथ थाम लिया तो बीजेपी के लिए यह बहुत बुरी स्थिति होगी,अब मान लिया जाये की अभय दरे पार्टी से निकाले जाने के बाद भी कोई पार्टी ज्वाइन नहीं करते है तब कांग्रेस अविष्वास प्रस्ताव ला सकती है और बीजेपी विहिप जारी कर अपने पार्षदों को निर्देशित करेगी की महापौर के खिलाफ वोट करें। इस स्थिति में धन बल का प्रयोग हो सकता है और यदि यह प्रयोग सफल हुआ तब क्या परिणाम हो सकता है यह समझा जा सकता है लेकिन यदि अविश्वास प्रस्ताव पास हो गया तो खाली कुर्सी भरी कुर्सी के बेलेट पर जनता का मत लिया जायेगा। यदि ऐसा हुआ तो खाली कुर्सी पर ज्यादा मत पड़ने की संभावना है सो बीजेपी और बीजेपी शासित सरकार के आज के मंसूबे इस परिणाम के बाद ही फलीभूत हो सकेंगे,अब अस्थाई महापौर नियुक्त कर निगम चलाओ और पुनः चुनाव में जाओ और अभय दरे से नमस्कार करो।
सारी स्थितियों का अध्यन करने के बाद एक पहलु यह भी है कि बीच में कई बार ऐसी स्थितियां निर्मित हो सकती है कि जो आज अभय दरे को महापौर पद से हटाने के लिए संकल्पित हैं वे ही अपना संकल्प तोड़ दें और महापौर अभय दरे सांप सीड़ी के इस खेल में फिर ऊपर दिखाई दें..!
!!त्राहिमाम!!
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