देव कुंडल।
मध्यप्रदेश के इंदौर में हर साल अनंत चौदस के दूसरे दिन अवकाश रखा जाता है। ये पहला मौका होगा जब इस दिन स्थानीय अवकाश नहीं रहेगा।
सुबह तक जुलूस देखने वाले अगले दिन परेशान होंगे।
जिला कलेक्टर को स्थानीय अवकाश घोषित करने के लिए साल मे तीन दिन दिए जाते हैं।
इंदौर मे परंपरागत हर साल अनंत चोदस, ढोक पड़वा एवम रंग पंचमी पर कलेक्टर द्वारा अवकाश घोषित किया जाता है।
इस बार अनंत चौदस वाली छुट्टी गणेश चतुर्थी को दे दी गई।
जबकि चतुर्थी को पूरे दिन अवकाश की कोई खास वजह या जरूरत नहीं है।
लगता है अवकाश चार्ट बनाने वाले कलेक्ट्रोरेट के बाबुओं ने जानबूझकर ये कारनामा किया है।
इसकी वजह यह बताई जा रही है कि चौदस के अगले दिन शनिवार को शासकीय कार्यालयों में अवकाश रहेगा।
यानी कलेक्टर ऑफिस में भी बाबू नहीं आएंगे।
इसलिए उन्होंने अनंत चौदस की बजाय चतुर्थी को अवकाश देने का ताना-बाना बुना।
इससे उन्हें तो एक अवकाश अतिरिल्ट मिल गया लेकिन स्कूल कॉलेज के लाखों स्टूडेंट, हजारों स्टॉक के साथ ही निजी क्षेत्र से जुड़े लाखों लोगों को भी नुकसान हुआ।
सुबह तक जुलूस देखने के बाद उन्हें अपने काम से लगना होगा।
आश्चर्य तो इस बात का है कि है कि बीते साल जुलूस निकला ही नहीं था तब भी कलेक्टर ने अगले दिन का अवकाश घोषित कर दिया था।
इस बार जब जुलूस निकल रहा है तो अवकाश नहीं दिया?
फेसबुक वॉल से
Comments