मल्हार मीडिया भोपाल।
समस्याओं की जमीनी सूरत उन फाईलों से अलग होती है जो अधिकारी आमतौर पर सरकार के सामने पेश करते हैं। शायद इसीलिए मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज सुबह 6:30 पर संबंधित अधिकारियों के साथ पेयजल सप्लाई पर आपात बैठक ली।
बैठक में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को साफ ताकीद की कि मैदानी स्तर की केवल अच्छी स्थिति ही नहीं दिखाए, समस्याओं की भी जानकारी दें।
मध्य प्रदेश में भीषण गर्मी का दौर चल रहा है और पानी-बिजली को लेकर लोग परेशान हो रहे हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार रात को नसरुल्लागंज से लौटने के बाद सुबह ही जब अफसरों की बैठक की तो उन्हें इसी अंदाज में फटकारा। कहा केवल अच्छी तस्वीर नहीं दिखाएं।
बैठक में अपर मुख्य सचिव पीएचई मलय श्रीवास्तव, जल निगम के प्रबंध संचालक तेजस्वी.एस.नायक, कमिश्नर भोपाल गुलशन बामरा, प्रमुख अभियंता के.के. सोनगरिया तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में पेयजल की स्थिति को लेकर चिंता व्यक्त की।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि लो प्रेशर तथा बिजली के कारण टंकियों में पानी नहीं भर पाने जैसी समस्याओं और गैप्स को चिन्हित कर तत्काल समाधान किया जाए। विद्युत आपूर्ति के संबंध में त्वरित समन्वय की व्यवस्था स्थापित की जाए।
जहाँ आवश्यकता हो वहां हैंडपंप की व्यवस्था और जहाँ पानी के परिवहन की आवश्यकता हो वहाँ पानी का परिवहन करा कर पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। जलापूर्ति के लिए जितनी अधोसंरचना निर्मित हुई है, उसका उपयोग सुनिश्चित किया जाए। स्टाफ की कमी आउटसोर्स तथा अमले की अन्य आवश्यक व्यवस्था कर दूर की जाए।
श्री चौहान ने कहा कि अधिकारी मैदानी स्तर की केवल अच्छी स्थिति ही नहीं दिखाए, समस्याओं की भी जानकारी दें। समस्याओं का समाधान करना और आवश्यक समन्वय कर हल निकालना हमारी जिम्मेदारी भी है और धर्म भी।
उन्होंने कहा कि पेयजल जैसी मूलभूत आवश्यकताओं की आपूर्ति में ग्राम स्तर तक जो भी समस्याएँ आ रही हैं, जो भी गैप्स हैं, उनकी जानकारी मुझे तत्काल दी जाए। रियल टाइम सिचुएशन से मुझे अवगत कराया जाए।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि पूरे प्रदेश से पानी की समस्या की जानकारी मिल रही है। लोगों को राहत देना हमारा कर्त्तव्य है। अधिकारी गाँव-गाँव जाएं, समस्या देखें और उसके निराकरण के लिए कार्य कर लोगों को समाधान बताएं। मैदानी स्तर पर पानी आपूर्ति की व्यवस्था में लगे अमले को अपनी जिम्मेदारियों के प्रति जागरूक किया जाए।
श्री चौहान ने समस्या ग्रस्त इलाकों में तत्काल राहत देने के साथ-साथ इन क्षेत्रों का स्थाई समाधान निकालने के निर्देश भी दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि जहाँ आवश्यक हो वहाँ जल जीवन मिशन की योजनाओं का आकलन कर उनमें सुधार किया जाए।
उल्लेखनीय है कि इस समय मध्य प्रदेश में बिजली और पानी को लेकर संकट की स्थिति बन रही है। कोयले की कमी के कारण बिजली उत्पादन पर विपरीत असर पड़ने की आशंकाएं व्यक्त की जा रही हैं तो भीषण गर्मी की वजह से पानी की मारामारी की स्थिति अभी से बनने लगी है। आज सुबह जब पानी की समस्या पर अधिकारियों की बैठक सीएम ने ली तो उसमें भी कमोवेश वही तस्वीर दिखाई गई जिससे शिवराज सिंह चौहान ने अफसरों को फटकारा। सीएम ने ग्रामीण विकास, नगरीय विकास और ऊर्जा विकास के अधिकारियों को पूरी तैयारी के साथ आने के निर्देश दिए तो मैदानी स्तर के अधिकारियों को हिदायत दे दी कि केवल अच्छी पिक्चर ही नहीं दिखाएं। समस्याओं की भी जानकारी दें। समस्याएं सामने आएंगी तो उनका समाधान करना और उसके लिए समन्वय कर हल निकालना हमारी जिम्मेदारी व धर्म है।
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