सागर से रजनीश जैन।
मध्यप्रदेश के सागर जिले के मकरोनिया नगरपालिका क्षेत्र की देशी शराब कलारी को लेकर विधायक प्रदीप लारिया और शराब ठेकेदारों के बीच जमकर लाठियां चलीं, पत्थरबाजी हुई और पुलिसबल बीचबचाव करता रहा।
घटनाक्रम आनंदनगर स्थित दीपक मेमोरियल स्कूल के ठीक सामने हुआ। विवादित शराब की कलारी खोलने कहीं जगह नहीं मिल रही थी लेकिन यहाँ उन मंत्री के खास समर्थक जिन्होंने नववधुओं को शराबी पतियों की ठुकाई के लिए मोंगरी भेट की थी, और वही जिला भाजपा का पदाधिकारी जो दो दिन पहले ही कैलाश विजयवर्गीय के साथ वायुयान में हमसफर था, उसने अपनी जगह शराब ठेकेदार को किराये पर मुहैया करा दी।
आज दोपहर शराब ठेकेदार के वाहनों में सशस्त्र गुंडों की फौज थी, साथ में आबकारी अधिकारी, देशी शराब की बोरियाँ और बोर्ड। यह फौजफाटा इस जमीन पर पहुंचा तो आसपड़ोस की महिलाऐं भी इनसे भिड़ने को तैयार बैठी थीं। विधायक प्रदीप लारिया को भी उन्होंनें खबर कर दी। महिलाओं ने विरोध शुरू किया तो आबकारी अधिकारी शर्मा ने ठेकेदारों की वकालत शुरु करके महिलाओं को नियम कानून बता दिए। महिलाएं नहीं मानीं तो ठेकेदारों के गुंडों ने हथियार भांजना शुरु किए। कुछेक हवाई फायर सुने गये। दोनों ओर से पथराव और लाठियां चलीं। महिलाओं बच्चों को गुंडों ने
अपने सटीक हमले से गलियों में खदेड़ दिया।कवरेज कर रहे प्रेस फोटोग्राफर को भी धमकाया गया। अब तक पुलिस मूक दर्शक बनी देखती रही। इसी वक्त विधायक प्रदीप लारिया अपने समर्थकों सहित सीन में आ धमके।
विधायक के आते ही महिलाऐं फिर लाठियां लेकर मोर्चे पर आ गई। लारिया ने आते ही आबकारी अफसरों पर अपशब्दों की बौछार करते हुए चांटे मारने की मुद्रा बनाई। यही आबकारी अफसर ने किया। गुस्साए विधायक ने मौजूद पुलिस बल से लाठी छीनीं और ठेकेदार के गुंडों पर टूट पड़े। दोनों ओर से फिर लाठीचालन और पथराव का सिलसिला चला। इस बार पुलिस बल भी हरकत में था।तीन पुलिसकर्मियों को पत्थर लगे। कई आंदोलनकारी महिला पुरुष चोटिल हुए लेकिन ठेकेदार के गुंडों को मैदान छोड़ कर भागना पड़ा।
कलारी पर महिलाओं ने कब्जा करके सारा सामान नष्ट कर दिया। वरिष्ठ अधिकारी मौका—ए— वारदात पर जाने से परहेज करते रहे। सीएसपी, सिटी मजिस्ट्रेट और चार थाना प्रभारियों ने हालात पर नियंत्रण किया। तनाव अब भी बरकरार है। सीएसपी ने कानून हाथ में लेने वालों पर मामले दर्ज करने की बात कही है। पद्माकर पुलिस थाना देरशाम तक महिलाओं से आवेदन लिखाता रहा। दरअसल मामले में दोनों ही पक्षों ने कानून हाथ में लिया। दोनों पक्ष नीति अनीति की इस लड़ाई को लड़ रहे हैं। सरकार लड़वा कर तमाशा देख रही है। विधायक का कहना है उस जगह कलारी खुले जहाँ किसी को आपत्ति न हो, और ऐसी जगहें दुर्लभ हो गयी हैं।
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