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कर्जमाफी के वायदे के बाद 17 किसानों की हो गई कुर्की! बैंक ने ट्रैक्टर किए नीलाम,खेत भी बिकेंगे!

खास खबर            Apr 24, 2017


बांदा उत्तरप्रदेश से आशीष सागर।

योगी सरकार के किसानों से कर्जमाफी के वायदे बावजूद बैंकों ने 17 किसानों की कुर्की कर उनके ट्रैक्टर नीलाम कर दिये और बाकी बचे कर्जे की वसूली के लिए अब बैंक खेत बेचने की तैयारी में हैं।

उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव 2017 के संकल्प पत्र में बीजेपी ने अपनी पहली ही बैठक में लघु-सीमान्त किसानों के कर्जमाफ़ी की बात कही थी। लगातार पूरे चुनाव अभियान में दैनिक समाचार पत्र,आन लाइन पोर्टल,रैली,सोशल मीडिया के संचार माध्यम से किसान के इस फैसले पर राजनीति की गई। यूपी के किसानों ने अपने दमखम से 325 सीट देकर बहुमत से आगे बड़े जनादेश के जरिये किसान हितैसी प्रदेश सरकार का स्वागत किया। पीएम मोदी ने भी सीएम आदित्यनाथ योगी के शपथ ग्रहण से पहले इलेक्ट्रानिक न्यूज़ चैनल में खबर ब्रेक करवा दी आज ही मंच से प्रदेश के किसान कर्जमाफी की घोषणा की जाएगी।

इधर ये खबर चली उधर योगी जी बीजेपी की कैबनेट में सुगबुगाहट शुरू हो गई कि अगर यूपी के किसानों का कर्जा माफ किया गया तो अन्य सूखा प्रभावित 9 राज्य भी इसकी मांग करेंगे। पीएम मोदी बैकफुट पे आये और सीएम योगी से मुख्य सचिव,आला अफसरान के जरिये किसानों के कर्जमाफी पर क्या किया जा सकता है की बात कही गई। प्रदेश में योगीराज होते ही ब्यूरोक्रेसी में बड़े बदलाव के संकेत मिले। जहाँ राह चलते सड़कों पे छेड़खानी रोकने के लिए एंटी रोमियो दस्ता तैयार हुआ वहीं सरकारी दफ्तर में साफ-सफाई रखने,गुटखा प्रतिबन्ध के फरमान जारी हुए लेकिन किसान के मुद्दे पर सीएम अभी चुप हैं।

पिछले तीन साल से सूखे की चपेट में रहे यूपी बुन्देलखण्ड के चित्रकूट मंडल से अबकी 19 सीट पे बीजेपी की विजय हुई है। जहाँ पिछले विधानसभा में मात्र एक विधायक रवि शर्मा झाँसी सदर से जीते थे। यहाँ के किसानों ने उम्मीद लगाये अपने बम्पर वोट बीजेपी प्रत्याशी को दिए और सूखे बुन्देलखण्ड की सभी सीट में कमल खिला। इस सियासी सत्ता खेल के बीच ही चित्रकूट मंडल के 17 कर्जदार बड़े बकायेदार किसानों के ट्रैक्टर एसबीआई बैंक ने ई-मार्केटिंग से नीलाम किये हैं।

उल्लेखनीय है कि बीते 2 मार्च को इसकी खबर प्रिंट मीडिया में आई और बकायेदार किसानों के चेहरे का रंग उड़ गया। उन्हें लगा कि अगर बीजेपी की सरकार यूपी में आती है तो केंद्र में भी पीएम मोदी हैं और सीएम यूपी किसान का भला करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे पर उनके विश्वास को गहरा धक्का लगा है। 23 मार्च को एसबीआई ने अपने तयशुदा कुर्की आदेश पे अमल करते हुए बिना मंडल के सभी जिलाधिकारी हस्तक्षेप से कर्जदार खेतिहर किसानो के ट्रैक्टर नीलाम कर दिए है। साथ ही कर्ज की शेष बकाया धनराशि आरसी नोटिस देकर उनके खेत बेचकर वसूल की जाएगी। एसबीआई बैंक के इस तुगलकी कदम से बुन्देलखण्ड के किसान सकते में है।

गौरतलब है चित्रकूट मंडल के निर्वाचित 10 विधायक बाँदा के प्रकाश, द्विवेदी,राजकरन कबीर,ब्रजेश प्रजापति,चन्द्रपाल कुशवाहा,चित्रकूट के आरके पटेल,महोबा के राकेश गोस्वामी, ब्रजभूषण राजपूत,हमीरपुर मनीषा अनुरागी,अशोक चन्देल में से एक ने भी किसानों के इस उत्पीड़न पर अपना विचार प्रकट नहीं किया है। कुछ विधायक योगी जी की अगली विस्तार कैबनेट में मंत्री पद पाने के लिए दिल्ली में जमे हैं। भाजपा के बड़े नेताओं की घेराबंदी इसलिए की जा रही है ताकि उन्हें लाल बत्ती मिल सके। प्रदेश में अवैध कत्लखाने बंद करने के समर्थन में तो बाँदा में प्रदेश समिति सदस्य बाल मुकुंद शुक्ल,युवा मोर्चा महामंत्री अतुल मोहन,बीजेपी कार्यकर्ता सड़कों पे आये हैं और 48 घंटे का समय मांस की दुकान बंदी को दिया है लेकिन उन्हें इन किसानों के नीलाम ट्रैक्टर नहीं दिखे हैं, न ही किसान नेताओं ने अपना विरोध जताया है।

जाहिर है अब चुनाव बीत गया है,सरकार में बीजेपी की है तो भला कैसे वे सीएम योगी की आँख की किरकिरी बनेंगे? प्रवासनामा ने सुबह इस मुद्दे को सोशल मीडिया में उठाया था जिसे साथियों का समर्थन मिला है। जिलाधिकारी बाँदा डाक्टर सरोज कुमार कहते हैं कि उन्हें भी समाचार पत्र से किसानों के ट्रैक्टर नीलामी की बात पता चली है जबकि जिले में गत 2 मार्च को ही 19 किसान के ट्रैक्टर नीलाम की खबर प्रकाशित की गई थी। दो किसानों ने कर्ज दे दिया है इस बावत उनके ट्रैक्टर नीलाम नहीं हुए हैं। आज इलेक्ट्रानिक मीडिया भी योगी जी के सामने इस मुद्दे पर चुप है।

सरकार बने चार दिन हुआ और किसान के साथ ये ज्यादती की गई है सूदखोरों की तर्ज पे कर्ज वसूल करने वाली एसबीआई की तरफ से। ध्यान देने वाली बात ये है कि बुन्देलखण्ड में इस सूखे की आपदा से करीब साढ़े चार हजार किसान खुदकुशी किया है। इन सत्रह किसान पे ट्रैक्टर नीलामी के बाद भी 28 लाख 68 हजार 660 रूपये कर्जा बकाया है जो उनके खेत की बिकवाली से पूरा किया जायेगा ऐसा एसबीआई ने कहा है।

ये वो बड़े किसान हैं जिनके ऊपर तीन लाख से अधिक का बकाया था. सूखे और दैनिक खर्चो की दबिश में ये कर्जा नहीं दे सके हैं। किसान नेता शिवनारायण सिंह परिहार,झाँसी कहते हैं कि केंद्र की मोदी सरकार को ब्याज मुक्त कर्जा देकर किसान को संभलने का वक्त देना चाहिए।

ऐसा तब क्यों नहीं हो सकता जब देश के बड़े व्यापारी,कारपोरेटी लोग बैंक से अरबों कर्जा लेकर भाग जाते हैं या देश में ही सरकार की छाती पर मूंग दलते रहते हैं। बैंक से अरबों कर्जा लेकर भी सरकार के निगाह में इज्जतदार है? फ़िलहाल ये परेशान किसान परिवार यूपी सीएम से एंटी रोमियो / कत्लखानों की सख्ती की तरह अपने हिस्से में नरमी की आस लगाये बैठे हैं। जैसा उन्होंने अपने शपथ ग्रहण दिवस / बीजेपी में संकल्प पत्र में कहा है देखना ये है बीजेपी आगे क्या-क्या किसान हित करती है।



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