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नोटबंदी के 3 महीने बाद बैंक ने किसान महिला को 1000-500 के पुराने नोट लौटाये

खास खबर, राज्य            Feb 09, 2017


डिंडौरी से दीपक ताम्रकार।

किसी पर क्या गुजरेगी अगर 3महीने पहले जमा कराये गये पुराने 1000—500 के नोटों के रूप में वापस मिलें वह भी बैंक से। जबकि आपने बकायदा बैंक में पैसे जमा कराये और पर्ची भी मिली हो लेकिन ऐसा भी हुआ।

मध्यप्रदेश के डिंडौरी में एक आदिवासी महिला के होश तब उड़ गये जब पुराने जमा किए हुये पैसे बैंक ने उसे पुराने नोटों की शक्ल में लौटा दिए बिना कोई कारण बताए। मामला डिंडौरी के सेन्ट्रल बैंक का है जहां एक किसान महिला को 50 हजार के पुराने नोट लगभग तीन माह बाद बुलाकर वापस कर दिए। बैंक के मैनेजर ने कारण बताया कि पेन कार्ड न होने की वजह से पैसे वापस किये गए हैं। पैसा पुनः जमा करने के लिए महिला मैया बाई ने कई बार मिन्नतें कीं हाथ—पाँव जोड़े लेकिन बैंक से कोई जवाब नहीं मिला सिवाय इसके कि आप रिजर्व बैंक जायें। लेकिन इसकी खबर जब मीडिया को लगी तो बैंक के प्रबंधक से सवाल पूछे गये और लापरवाही की सूचना पलिस को दी गई तब जाकर बैंक प्रबंधन ने पुराने नोट वापस लेकर किसान महिला के खाते में जमा करा दिया है

गौरतलब है कि देश के प्रधानमंत्री ने 8 नवम्बर 2016 को नोट बंदी का एलान किया तो देश में पैसे जमा करने की होड़ मच गयी। इसी दौरान विक्रमपुर गांव की किसान मैया बाई ने भी अपनी मेहनत की कमाई जो कि लगभग पचास हजार थी सेन्ट्रल बैंक शाखा डिंडौरी में 10 नवम्बर को अपने बेटे संदीप सिंह मरावी के खाता क्रमांक 3404222731 में जमा कर दिए।

बैंक ने जमा पर्ची भी दी मैया बाई ने 10000 के 27 नोट और 500 के 46 नोट बैंक में जमा किये फिर बैंक प्रबन्धन ने 03 दिसम्बर को संदीप मरावी के नाम से नोटिस जारी किया कि पेन कार्ड न होने की वजह से आपके पैसे जमा नहीं हो पा रहे हैं। लेकिन सूचना मैया बाई तक नहीं पहुची और जब मैया बाई 07 फरवरी को खाते की जानकारी लेने बैंक पहुंची तो उसके खाते में पैसे नहीं थे।

शाखा प्रबन्धक को जानकारी दी और आज जब जमा पर्ची लेकर पहुंची तो बैंक ने उसे 50 हजार के पुराने नोट वापस कर दिये मीडिया और पुलिस के पहुंचते ही आनन—फानन में बैंक प्रबन्धक ने महिला से पचास हजार के पुराने नोट उसके खाते में जमा का दिए।



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