मल्हार मीडिया भोपाल।
आज से नवरात्री शुरू हो गई हैं। जगह-जगह पर अब गरबा भी होने शुरू हो जाएंगे। ऐसे में राजधानी भोपाल में बिना आईडी गरबा में नो-एंट्री रहेगी।
इसे लेकर भोपाल कलेक्टर अविनाश लवानिया ने गरबा आयोजकों को बिना आईडी प्रवेश नहीं देने का निर्देश दिया है।
कलेक्टर ने कहा कि गरबा में शामिल होने के लिए पहचान पत्र आवश्यक रूप से लाना होगा। साथ ही नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई होगी।
बता दें कि भोपाल सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने गरबा में एंट्री आईडी देखकर करने की मांग की थी। साथ ही हिंदूवादी संगठनों की मांग के बाद कलेक्टर ने यह फैसला लिया है।
इस मुद्दे को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने भी बयान दिया था, उन्होंने कहा था जो लोग जय माताजी नहीं बोलते, जय कारे नहीं लगाते उन्हें गरबा में प्रवेश नहीं करना चाहिए।
दरअसल नवरात्र में प्रदेश के भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर समेत शहरों में बड़े स्तर पर गरबा का आयोजन होता है। इसमें युवक-युवतियां भाग लेते हैं।
वहीं इसे लेकर मंत्री उषा ठाकुर ने इसे लेकर कहा था कि जो भी अल्पसंख्यक अपने धर्म से ऊब गए हैं या जिस मुस्लिम की मूर्ति पूजन में आस्था है।
वो अपने परिवार के साथ गरबा में आ सकते है, उन्होंने कहा कि दूसरे धर्म के लोग जो गरबा में आना चाहते हैं, उन्हें परिचय पत्र दिखा कर गरबा मं प्रवेश दिया जाएगा।
मंत्री उषा ठाकुर ने कहा था कि गरबा पांडल लव जिहाद का माध्यम बन गए थे, जिनमें प्रवेश के लिए अब परिचय पत्र दिखाना होगा।'
दरअसल कलेक्टर का यह फैसला अब राजनीतिक मुद्दा बन गया है। भाजपा सरकार ने कलेक्टर के फैसले का स्वागत किया है।
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि पहचान पत्र दिखाने का निर्णय अच्छा फैसला है। गरबा एक सार्वजनिक कार्यक्रम है और यहां सामाजिक ताना-बाना ना बिगड़े इसलिए ये फैसला लिया गया है।
पिछले विवादों को ध्यान में रखते हुए लिया गया फैसला सही है।
वहीं कांग्रेस मीडिया विभाग उपाध्यक्ष ने कलेक्टर के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि भाजपा चुनाव के समय धार्मिक तमाशे करती है।
46 नगरीय निकाय चुनाव में शिवराज सरकार की सियासी जमीन खिसक चुकी है। चुनाव में सियासी जमीन बचाने के लिए भाजपा ने अब धार्मिक मुद्दा उठाया है।
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