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कूनों में 12 में से 2 चीते पिंजरा मुक्त किए गए

मध्यप्रदेश            Feb 18, 2023


मल्हार मीडिया भोपाल।

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि भारत में चीता की वापसी से अब जैव विविधता की टूटी कड़ी फिर से जुड़ गई है।

यह पीएम मोदी के प्रयासों से ही संभव हो सका है। उन्होंने कहा कि अब 20 चीते हो जाने से एशिया में कूनो सेंचुरी आकर्षण का केन्द्र बनेगी।

मुख्यमंत्री ने सेंचुरी में दक्षिण अफ्रीका से आये 12 चीतों में से 2 चीता को पिंजड़े से मुक्त किया। केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र यादव, केन्द्रीय कृषि एवं किसान-कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, प्रदेश के वन मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह भी मौजूद थे।

मुख्यमंत्री ने जैसे ही पिंजरे से चीते को छोड़ा, वह बाड़े में विचरण करने लगा। क्वारेंटाइन पीरियड खत्म होने के बाद इन्हें स्वछंद विचरण के लिए आजाद किया जायेगा।

उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने कूनो सेंचुरी में चीता प्रोजेक्ट लाकर बहुत बड़ी सौगात दी है। मैं प्रधानमंत्री का ह्रदय से आभार मानता हूँ। उन्होंने कहा कि आज दक्षिण अफ्रीका से आये 12 चीतों से कूनो सेंचुरी में 20 चीते हो गये हैं। मैं केन्द्रीय वन मंत्री श्री यादव को भी धन्यवाद देता हूँ।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व में आये 8 चीते प्राकृतिक जीवन जी रहे हैं। उन्होंने कहा कि कूनो पालपुर में चीता आने से पर्यावरण-संरक्षण के साथ टूरिज्म भी तेजी से बढ़ेगा। आर्थिक गतिविधियाँ बढ़ेगी। यहाँ रेस्तरां, होटल, होम स्टे आदि अधो-संरचना विकास कार्य रहे हैं।

केन्द्रीय वन मंत्री श्री यादव ने कहा कि पहले चरण में अफ्रीका के नामीबिया से लाये गये चीते छोड़े गये थे, चीता प्रोजेक्ट के दूसरे चरण में आज महाशिवरात्रि पर दक्षिण अफ्रीका से लाये गये 12 चीते छोड़ कर चीता प्रोजेक्ट का दूसरा भाग शुरू हुआ है। नामीबिया से आये चीते बड़े बाड़े में पूरी तरह से स्वस्थ हैं।

मुख्यमंत्री ने पार्क में चीता मित्रों से संवाद करते हुए कहा कि ग्रामीणों की प्रसन्नता बता रही है कि चीता आने से लोग उत्साहित है। चीता आने से इस क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ेंगें।

संवाद में केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र यादव, केन्द्रीय कृषि एवं किसान-कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, मध्यप्रदेश के वन मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह भी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने चीता रिलीज कार्यक्रम से पूर्व श्योपुर में विकास यात्रा के दौरान चीतों एवं वन्य-जीवों तथा वन एवं पर्यावरण की सुरक्षा का संकल्प लेते हुए प्रशासनिक अधिकारियों के समक्ष कुल्हाड़ी एवं तीर-कमान समर्पित करने वाले ग्रामीणों के प्रतिनिधि-मंडल एवं स्व-सहायता समूह की महिलाओं से भी चर्चा की।



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