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अतीत को याद कर बोले सीएम जिंदगी का आधा हिस्सा पानी भरने में ही चला जाता था

मध्यप्रदेश            Oct 13, 2022


मल्हार मीडिया भोपाल।

मध्य प्रदेश में गुरुवार को आयोजित जल जीवन मिशन के सोशल ऑडिट एप के लॉन्चिंग पर सीएम शिवराज सिंह चौहान को अपना बचपन याद किया।

इस दौरान उन्होंने कहा कि वह बचपन में बैलगाड़ी से कई बार पानी की कोठी भरने जाते थे।

उन्होंने बताया कि जिंदगी का आधा हिस्सा पानी भरने और पानी की व्यवस्था करने में ही चला जाता।

यही नहीं, कई बार तो पानी के चक्कर में नहाते के लिए भी सोचते थे। 

ऐसे में मेरे मन में विचार आया कि पानी को व्यवस्थित किया जाए, और फिर 2012 में जल निगम बनाया। कार्यक्रम में सीएम शिवराज ने आगे कहा कि कार्यशाला में तनाव मुक्त होकर आराम से बैठें।

यह अपने परिवार की बैठक है। मैं कोई टेक्निकल आदमी नहीं हूं, मैं मुख्यमंत्री के दम पर अहंकार से भरा हुआ व्यक्ति नहीं हूं।

वहीं, यह मान्यता है कि मुख्यमंत्री हो या हमारे विभाग का काम करने वाला छोटा कर्मचारी, या फिर नीचे का अमला हो। सब मिलकर परिणाम प्राप्त करते हैं। पानी के महत्व को हम सभी अच्छी तरह से जानते हैं।

पानी हमारी जिंदगी है। हमें ऑप्शन के बाद अगर सबसे ज्यादा जरूरत होती है तो पीने के पानी की।'

सीएम ने आगे कहा कि मैं जब मुख्यमंत्री बना तो मैंने तीन चीजों पर काम किया।

इसमें पहला सड़कों के गड्ढे ठीक करवाए,  फिर खेती और पीने का पानी, तीसरा बिजली की व्यवस्था सुधारवाई।

मैंने तय किया कि समूह पेयजल योजना बनाओ।

एक बड़ी दूरी से पानी लाओ, ओवरहेड टैंक बनाओ, टंकियां बनाओ और कई गांव में एक साथ पानी सप्लाई करने की व्यवस्था करो।

मुख्यमंत्री ने सभी अधिकारियों-कर्मचारियों को तनावमुक्त होकर कार्यक्रम में सम्मिलित होने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि सबकी मानवीय गरिमा एक समान होती है।

 हम सब मिल कर एक महत्वपूर्ण योजना को पूर्ण करने की ओर अग्रसर हो रहे हैं। मानव जीवन के लिए हवा और ऑक्सीजन के बाद पानी ही सर्वाधिक महत्वपूर्ण है।

श्री चौहान ने कहा कि मिशन की गतिविधियों में अग्रिम रूप से विस्तृत नियोजन आवश्यक है। साथ ही खोदी गई सड़कों का त्वरित रेस्टोरेशन, घर में लगे कनेक्शन में पानी की बर्बादी को रोकने टोंटी लगाना जरूरी है।

काम की गुणवत्ता पर किसी भी स्थिति में समझौता नहीं किया जाए। जहाँ पानी के स्त्रोत नहीं हैं वहाँ पाइप लाइन नहीं बिछाई जाए। एकल नल-जल योजनाओं में इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए।

उन्होंने अधिकारी-कर्मचारियों को ग्रामीण क्षेत्र में जारी गतिविधियों का निरीक्षण, प्रगति और गुणवत्ता देखने के लिए निरंतर दौरा करने, जन-सामान्य से मृदु व्यवहार रखने, जिम्मेदारी के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन करने और धैर्यपूर्वक समस्याओं का समाधान करने के लिए प्रेरित किया।

 

 



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