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सीएम शिवराज ने की समान नागिरक संहिता की मांग, बोले शादी कर ली जमीन ले ली यह नहीं चलेगा

मध्यप्रदेश            Dec 01, 2022


मल्हार मीडिया ब्यूरो।

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने समान नागरिक की मांग की है। उन्होंने कहा कि देश में समान नागरिक संहिता लागू होना चाहिए,  मप्र में इसके लिए कमेटी बनाई जाएगी।

मुख्यमंत्री शिवराज गुरुवार को बड़वानी के सेंधवा में चाचरिया गांव में जनसभा को संबोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री शिवराज के इस बयान के बाद सियासत गर्मा गई है,  कांग्रेस ने इसे चुनावी प्रोपेगेंडा करार देते हुए कहा है कि भाजपा इसे चुनाव तक याद रखेगी चुनाव बाद भूल जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा- कई बार बड़े खेल हो जाते हैं। खुद जमीन नही ले सकते तो किसी आदिवासी के नाम से जमीन ले ली। कई बदमाश ऐसे भी आ गए जो आदिवासी बेटी से शादी करके जमीन उसके नाम से ले लेते हैं। कई तो सरपंची का चुनाव लड़वा देते हैं।

शादी कर ली तुम सरपंच बन जाओ और मैं पैसा खा जाऊं।

अब मामा ऐसे लोगों को लटकाएगा, छोड़ेगा नहीं। आज मैं जागरण की अलख जगाने आया हूं। बेटी से शादी की और जमीन ले ली। मैं तो इस बात का पक्षधर हूं, "कि भारत में अब समय आ गया है एक समान नागरिक संहिता लागू होनी चाहिए।

एक से ज्यादा शादी क्यों करे कोई? एक देश में दो विधान क्यों चले, एक ही होना चाहिए।

मध्य प्रदेश में भी मैं कमेटी बना रहा हूं। समान नागरिक संहिता एक पत्नी रखने का अधिकार है, तो एक ही पत्नी सबके लिए होनी चाहिए। होनी चाहिए कि नहीं? बताओ होनी चाहिए कि नहीं।

शिवराज के इस भाषण के बाद कांग्रेस ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ये चुनावी घोषणा है।

कांग्रेस मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष अब्बास हफीज ने कहा- भाजपा के पास उपलब्धियों के नाम पर बताने के लिए कुछ नहीं हैं। इनका रिपोर्ट कार्ड जीरो है।

मध्यप्रदेश में अब आगे चुनावी साल है इसलिए मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों की तरफ से इस तरह के बयान दिए जा रहे हैं ताकि ध्रुवीकरण का माहौल बने।

कांग्रेस पार्टी शुरुआत से ही महिला और पुरुषों को समान अधिकार देने की पक्षधर रही है। दूसरी बात यूनिफार्म सिविल कोड की कमेटी की जो रिपोर्ट आती है उसकी चर्चा लोकसभा और विधानसभा में होगी।

उसके बाद किसी निष्कर्ष पर पहुंच सकते हैं। लेकिन भाजपा को चर्चा नहीं करनी,  उनको सिर्फ चुनाव जीतने के लिए ये घोषणा करनी है और चुनाव बाद इसे भूल जाना है।

सम्मेलन के दौरान सरकारी योजनाओं में लापरवाही बरतने वाले अफसरों पर सीएम शिवराज के सख्त तेवर एकबार फिर यहां भी दिखे। यहां उन्होंने मंच से सीईओ को सस्पेंड कर दिया।

उन्होंने कहा कि- सीईओ लापरवाह है। सेंधवा जनपद पंचायत के सीईओ राजेंद्र दीक्षित के खिलाफ पीएम आवास योजना को लेकर शिकायतें मिलने पर सीएम ने उन्हें मंच पर ही निलंबित कर दिया।

सीईओ ने पांच महीने पहले ही चार्ज लिया था।  इससे पहले पड़ोसी जिले झाबुआ में कलेक्टर और एसपी पर दो माह पहले सीएम कार्रवाई कर चुके थे।

सीएम ने कहा कि हर साल पटवारी और बीट गार्ड को गांव का नक्शा, खसरे और बी-वन की कॉपी ग्रामसभा में रखनी होगी। ग्राम सभा को गड़बड़ी मिलती है तो वह सीधे अनुशंसा कर सकेगी। राशन वितरण को लेकर भी सीएम को शिकायत मिली थी।

इस पर सीएम ने मंच से बड़वानी कलेक्टर शिवराज सिंह वर्मा को निर्देशित किया कि लापरवाही बरतने वाले को तत्काल निलंबित किया जाए। 

उन्होंने किहा कि अब गांव की सभा और प्रभावशाली होगी। अब सरकार किसी भी जमीन को ग्राम सभा की अनुमति के बाद ही ले सकेगी। ग्राम सभा की अनुमति नहीं होने पर जमीन नहीं ले सकेंगे।

बुधवार देर शाम को केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते, राज्यसभा सांसद डॉ सुमेर सिंह सोलंकी भी वरला जाने के दौरान चाचरिया पहुंचे। यहां भाजपा जिला अध्यक्ष सहित कार्यकताओं ने केंद्रीय मंत्री का स्वागत किया।

प्रतिबंधित संगठन PFI (पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया) के सीक्रेट डॉक्यूमेंट्स से बड़ा खुलासा हुआ है। PFI का मकसद 2047 तक भारत में इस्लामिक सत्ता कायम करना है। कैसे करेंगे…?

 इसका एक तरीका जब्त दस्तावेज में ही मिला- ‘दलितों और आदिवासियों की मदद से चुनाव जीतना, ताकि सरकार में अपना दखल बढ़ा सकें और अपने लोगों को महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां दे सकें

 

 



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