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सीएम शिवराज ने की पुलिस प्रशासन की तारीफ कहा संकट के समय दिनरात एक कर देते हैं

मध्यप्रदेश            Feb 01, 2023


मल्हार मीडिया भोपाल।

मध्यप्रदेश पर जब भी संकट आया पुलिस प्रशासन के साथियों ने दिन-रात एक कर काम किया और प्रदेशवासियों को राहत पहुँचाई। हमारे पुलिस प्रशासन पर हमें गर्व है। कोविड का कठिन दौर इसका सबसे बड़ा उदाहरण है।

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कलेक्टर कमिश्नर कान्फ्रेंस को संबोधित करते हुए यह बात कही। इस कान्फ्रेंस का आज 1 फरवरी मंगलवार को दूसरा दिन था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे अधिकारी-कर्मचारियों ने अपनी जान दाँव पर लगा कर व्यवस्थाएँ संभाली और कुछ लोग इसमें शहीद भी हुए। कोविड काल में प्रदेश में सेवा का नया अध्याय रचा गया।

पुलिस ने देशभक्ति और जन-सेवा के मूल मंत्र को साकार किया। प्रदेशवासियों को हमसे बहुत अपेक्षाएँ हैं, टीम मध्यप्रदेश बेहतर कार्य कर रही है, पर सुधार की गुजाइंश सदैव बनी रहती है।

मंत्रालय में हुई कॉन्फ्रेंस में मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, अपर मुख्य सचिव गृह राजेश राजौरा, पुलिस महानिदेशक सुधीर सक्सेना सहित राज्य स्तरीय अधिकारी, संभागायुक्त, आईजी, पुलिस कमिश्नर, कलेक्टर तथा पुलिस अधीक्षक उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री कहा कि पुलिस कर्मियों से हमें काम लेने का अधिकार है, साथ ही उनका ध्यान रखना भी हमारी जिम्मेदारी बनती है।

पुलिस कर्मियों के स्वास्थ्य, उनके परिवार की समस्याओं, जिम्मेदारियों के प्रति अधिकारी संवेदनशील रहें। टीम भावना और परिवार की भावना से कार्य करते हुए यह सुनिश्चित करें कि टीम का कोई व्यक्ति अवसाद और तनाव में न रहे।

पुलिस कर्मियों की क्षमता-संवर्धन के लिए प्रयास हों, इससे पुलिस कर्मियों का विश्वास और कार्यक्षमता बढ़ेगी।

अधिकारियों को भी व्यवहार कौशल का प्रशिक्षण दिया जाए। पुलिस कर्मियों के लिए कार्य-प्रणाली में निष्पक्षता आवश्यक है।

वे अपने कार्य क्षेत्र में ऐसे व्यक्तियों से संबंध न रखें जिनसे उनकी छवि धूमिल होती हो। क्षेत्र में जुआ, सट्टा, नशा व अन्य अवैध गतिविधियाँ चलाने वालों में पुलिस का खौफ होना जरूरी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस, संवाद और समन्वय से समस्याओं के समाधान को प्रोत्साहित करें। असामाजिक तत्वों के विरूद्ध कार्यवाही के लिए पुलिस पूरी तैयारी से जाए।

नक्सल क्षेत्रों में शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन को प्रभावी बनाने तथा उनके लाभ जन-जन तक पहुँचाने के लिए सभी विभाग सक्रियता से कार्य करें।

अधिकारी, हॉस्टल के छात्रों से सतत संवाद में रहें। आश्रम शालाओं और हॉस्टल की व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए जनजातीय बहुल जिलों में समर्पित अधिकारी को जिम्मेदारी सौंपी जाए।

 मुख्यमंत्री ने युवाओं का कौशल उन्नयन कर उन्हें रोजगार से जुड़ने के लिए गतिविधियाँ संचालित करने की आवश्यकता बताईं तथा सामाजिक न्याय के लिए पेसा एक्ट के प्रावधानों का त्वरित रूप से क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

 



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