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दमोह की समीक्षा में बोले सीएम, अच्छा काम करने वाले अभिनंदनीय, गड़बड़ करने वालों के खिलाफ होगा सख्त एक्शन

मध्यप्रदेश            Oct 17, 2022


 मल्हार मीडिया भोपाल।

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में विद्युत की बचत का विचार जन-जन तक पहुँचाने के लिए जागरूकता अभियान का संचालन जरूरी है।

मुख्यमंत्री आज दमोह जिले में संचालित हो रहीं योजनाओं की समीक्षा कर रहे थे।

वीडियो कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री ने सीएम हेल्प लाइन में दर्ज प्रकरणों के निराकरण, स्व-सहायता समूहों के संचालन, लाड़ली लक्ष्मी योजना, एक जिला-एक उत्पाद योजना, सीएम राइज विद्यालय, शिक्षा व्यवस्थाओं में सुधार, सड़कों की स्थिति, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना, राशन वितरण, मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना, वन नेशन-वन राशन कार्ड व्यवस्था, पोषण आहार और आँगनवाड़ी केन्द्र संचालन, कुपोषण समाप्ति, एडाप्ट एन आँगनवाड़ी अभियान, शासकीय भवनों की स्थिति, अमृत सरोवर निर्माण, मत्स्य-पालन और सिंघाड़ा उत्पादन आदि के क्रियान्वयन की जानकारी ली और आवश्यक निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि जिलों में अभियान की गतिविधियाँ प्रारंभ की जाएँ। ऊर्जा संरक्षण आज की आवश्यकता है।

राज्य सरकार ने जनता को पर्याप्त बिजली सुविधा के लिए 24 हजार करोड़ रूपये की सब्सिडी देने का कार्य किया है।

यदि सौ रूपये की बिजली नागरिक को उपलब्ध होती है तो सरकार के करीब एक हजार रूपये खर्च होते हैं।

जिला स्तर पर कलेक्टर्स और संभाग स्तर पर कमिश्नर्स विद्युत प्रदाय से जुड़ी शिकायतों को दूर करवाएँ।

रबी फसलों की बोवनी के समय भी किसानों को बिना बाधा के जरूरी विद्युत की आपूर्ति होती रहे। अवैध कनेक्शन के मामलों में सख्त कार्यवाही हो।

बेहतर बिजली प्रदाय के लिए सभी संधारण कार्य और विद्युत देयकों की वसूली का कार्य किया जाए। गड़बड़ियों को सुधारा जाए।

व्यवस्थाओं को सुनिश्चित करने में ग्रामवासियों का सहयोग भी लिया जाए।

मुख्यमंत्री आज सुबह वीडियो कॉन्फ्रेंस द्वारा दमोह जिले में संचालित योजनाओं की समीक्षा कर रहे थे।

मुख्यमंत्री ने जन-कल्याणकारी योजनाओं की विस्तार से समीक्षा कर आवश्यक निर्देश दिए।

वीडियो कॉन्फ्रेंस में राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत और विधायक पी.एल तंतुवाय और धर्मेन्द्र सिंह लोधी भी जुड़े।

बताया गया कि मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप लापरवाह और भ्रष्ट आचरण के दोषी अधिकारियों-कर्मचारियों के विरूद्ध निलंबन की कार्यवाही की गई है।

कमिश्नर सागर मुकेश शुक्ला ने बताया कि अनियमितताओं के लिए मुख्य कार्यपालन अधिकारी, टीकमगढ़ सुदेश मालवीय को हटाने की कार्यवाही की गई है।

कलेक्टर दमोह एस. कृष्ण चैतन्य ने बताया कि गड़बड़ियों संबंधी शिकायतों पर कार्यवाही कर 8 ग्रामीण रोजगार सहायकों की सेवा समाप्त की है और 5 पंचायत सचिवों को निलंबित किया गया है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने अनियमितता के दोषी सीईओ श्री मालवीय को निलंबित करने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रेष्ठ कार्य करने वाले पुरस्कृत किए जाएंगे। जिलों में पदस्थ अधिकारी-कर्मचारी टीम भावना के साथ कार्य करें।

अच्छा कार्य करने वाले अभिनंदनीय हैं, गड़बड़ी करने वालों के विरूद्ध सख्त कदम भी उठाए जाएंगे। अवैध कार्यों में लिप्त व्यक्तियों पर प्रहार आवश्यक है।

मुख्यमंत्री ने जिले में जल जीवन मिशन के कार्यों की जानकारी प्राप्त की,  उन्होंने निर्देश दिए कि योजना के क्रियान्वयन के समय सड़कों की स्थिति भी सही बनी रहे।

जहाँ पाइप लाइन बिछाने से सड़कों की मरम्मत अब तक नहीं हो पाई है, उन कार्यों को प्राथमिकता से पूर्ण किया जाए।

जल कर वसूली, नल-जल योजनाओं के संधारण के कार्य समय पर किए जाएँ।

आम जनता को पीने के पानी की उपलब्धता हमारी प्राथमिकता है।

पूर्ण हुई एकल जल योजनाओं और अन्य योजनाओं का समारोह पूर्वक शुभारंभ किया जाए।

जानकारी दी गयी कि 45 ग्रामों में विलेज वॉटर एंड सेनिटेशन कमेटी कार्य कर रही हैं।

साप्ताहिक बैठक कर मिशन के कार्यों की समीक्षा की जाती है। जिले में 160 ग्रामों में जल- प्रदाय सुचारू है। शेष कार्य मार्च 2023 तक पूर्ण करने का लक्ष्य है।

श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना से संबंधित शिकायतों पर सख्त कार्यवाही की जाए। यदि कहीं से भ्रष्टाचार की शिकायत प्राप्त हो तो जाँच कर दोषी के विरूद्ध कदम उठाए जाएँ।

बताया गया कि जिले में कुल 1 लाख 5 हजार आवास गृह का लक्ष्य है।

प्रति माह 1000 से 1800 तक आवास गृह बन रहे हैं। आवास प्लस में 20 हजार आवास का लक्ष्य मिला है, इनमें से 19 हजार 362 प्रकरण स्वीकृत हो गए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नशे के अवैध कारोबार को ध्वस्त किया जाए। बच्चों में नशे की लत लगाने वालों के विरुद्ध से सख्त से सख्त कार्यवाही की जाए।

बताया गया कि नशे के विरूद्ध जन-जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है। ऑपरेशन मुस्कान सहित अपराध नियंत्रण के कार्य गंभीरता से किए जा रहे हैं।

श्री चौहान ने कहा कि सड़कों पर पाई जाने वाली गौ-माता को गौ-शालाओं में पहुँचाने का कार्य निरंतर किया जाए। गौ-वंश की देखभाल के लिए सामाजिक संगठनों के सहयोग से संचालित गौशालाओं में भेजना जरूरी है।

कलेक्टर ने बताया कि 37 में से 21 गौशालाएँ प्रारंभ हो गई हैं और गौ-वंश संरक्षण पर ध्यान दिया जा रहा है।

 

 



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