मल्हार मीडिया भोपाल।
परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा और उसके सहयोगियों को लेकर मंगलवार को भोपाल की विशेष प्रवर्तन निदेशालय कोर्ट में चालान पेश किया गया. इस मामले में पहले से जांच कर रही लोकायुक्त की टीम द्वारा 60 दिनों की समय सीमा में चालान प्रस्तुत नहीं किया गया था. जिसके चलते भोपाल सेशन कोर्ट से इन तीनों आरोपियों को लोकायुक्त मामले में जमानत मिल गई थी, लेकिन ईडी ने समय सीमा के अंतर्गत पूरे मामले में चालान प्रस्तुत कर दिया है.
मध्य प्रदेश के गलियारों में हलचल मचा देने वाले सौरभ शर्मा के केस में आज एक महत्वपूर्ण विषय सामने आया है. जिसमें प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा सौरभ शर्मा के घर पर और उसके सहयोगियों के जबलपुर, ग्वालियर और इंदौर में की गई कार्रवाई के आधार पर प्रवर्तन निदेशालय ने भोपाल के प्रवर्तन निदेशालय के विशेष न्यायाधीश के सामने चालान प्रस्तुत किया है.
दरअसल, दिसंबर के महीने में सौरभ शर्मा के खिलाफ लोकायुक्त में एक शिकायत दर्ज हुई थी. जिसके बाद लोकायुक्त ने सौरभ शर्मा के घर पर छापा मारा था. इस कार्रवाई के चलते एक इनोवा कार जो की सौरभ के सबसे करीबी चेतन के नाम पर रजिस्टर्ड थी. वह भदभदा रोड पर मेंडोरी में पुलिस को लावारिस हालत में मिली थी. जिसकी सूचना पुलिस द्वारा आयकर विभाग को दी गई थी. आयकर विभाग ने जब भी जाकर जांच की तो कार से 52 किलो सोना और लगभग 11 करोड रुपए कैश बरामद हुए.
इस मामले में जेल में रहते हुए आयकर विभाग द्वारा सौरभ शर्मा चेतन गौर और और शरद जायसवाल से कई बार पूछताछ की, लेकिन तीनों ने रटा रटाया जवाब दिया. तीनों ने उसे पैसे और सोने से अपना कोई संबंध न होने की बात कही. वहीं प्रवर्तन निदेशालय ने भी तीनों की कस्टडी लेकर कई दिनों तक पूछताछ की. प्रवर्तन निदेशालय की टीम को सौरभ शर्मा के घर से कुछ ऐसी प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री ओरिजिनल मिली है, जो कि सौरभ या उसके परिवार के सदस्यों के नाम पर नहीं है, लेकिन वह अन्य लोगों के नाम पर है. उसे लेकर भी पूछताछ की गई.
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