मल्हार मीडिया भोपाल।
मध्यप्रदेश में अतिथि शिक्षक अपनी मांगों को लेकर फिर से सड़कों पर उतर आए। मुख्यमंत्री आवास की तरफ जाते हुए पुलिस ने उन्हें बलपूर्वक रोका।
प्रदेशभर के अतिथि शिक्षक आज 10 सितंबर मंगलवार को भोपाल के आंबेडकर पार्क में एकत्र हुए और पात्रता परीक्षा के जरिए नियमितीकरण, नए सिरे से अनुबंध के आधार पर नियुक्ति समेत अन्य मांगों को लेकर प्रदर्शन किया।
यहां से प्रदर्शनकारी आंबेडकर पार्क से तिरंगा यात्रा निकालते हुए सीएम हाउस पहुंचकर घेराव करना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने बैरिकेडिंग कर उन्हें आगे बढ़ने से रोक दिया।
इस दौरान कुछ प्रदर्शनकारियों से पुलिस की झड़प भी हुई। इसके बाद प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए पुलिस ने बल प्रयोग करते हुए लाठियों से उन्हें पीछे धकेला। इससे कुछ प्रदर्शनकारी अतिथि शिक्षक गिरकर घायल हो गए।
अतिथियों के प्रदर्शन को समर्थन करने के लिए मध्यप्रदेश विधान सभा के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार भी पहुंचे और उनका समर्थन किया। इस दौरान संघार ने एमपी सरकार को जम कर घेरा।
दो माह में दूर नहीं कर पाए अतिथि भर्ती की विसंगतियां
गौरतलब है कि लोक शिक्षण संचालनालय के अधिकारी विगत दो माह में अतिथि शिक्षक भर्ती की विसंगतियां दूर नहीं कर पाए। नौ बार अतिथि शिक्षक भर्ती का आदेश निकालकर तारीख में वृद्धि की गई है।
अनुभवी अतिथि शिक्षकों को स्कोर कार्ड में मात्र पांच वर्षों के बीस अंक जोड़ने और पात्रता परीक्षा के 30 अंक जोड़ने से हजारों अतिथि शिक्षक मेरिट से बाहर हो गए हैं। स्कोर कार्ड में सेवाकाल के अनुसार अंक जोड़ना चाहिए।
एक साल पहले किया वादा अभी तक अधूरा
अतिथि शिक्षक के प्रांताध्यक्ष सुनील सिंह परिहार का कहना है बीते साल 2 सितंबर को आयोजित अतिथि शिक्षक पंचायत में तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अतिथि शिक्षकों के हित में कई घोषणाएं की थीं, जो अब तक पूरी नहीं हुईं। इससे प्रदेशभर के हजारों अतिथि शिक्षक नाराज और अपने भविष्य को लेकर सशंकित हैं। हमारी सरकार से मांग है कि अनुभव के आधार पर नीति बनाकर अतिथि शिक्षको को 12 माह का सेवाकाल एवं पद स्थायित्व कर भविष्य सुरक्षित करें।
अतिथि शिक्षकों की यह है प्रमुख मांगे
1- गुरुजियों की भांति अलग से विभागीय पात्रता परीक्षा लेकर भविष्य सुरक्षित करें।
2-अतिथि शिक्षक भर्ती मे वार्षिक अनुबंध सत्र 2024-25 से लागू करें।
3-अनुभव के आधार पर नीति बनाकर अतिथि शिक्षको को 12 माह का सेवाकाल एवं पद स्थायित्व कर भविष्य सुरक्षित किया जाए।
4-अतिथि शिक्षक स्कोरकार्ड में प्रत्येक सत्र अनुभव के 10 अंक अधिकतम 100 अंक सभी वर्गों मे एकसमान अंक दर्ज किए जाएं।
5-30% से कम परीक्षा परिणाम वाले स्कूलों से अतिथि शिक्षकों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। इन्हें एक और अवसर दिया जाना चाहिए।
ता प्रतिपक्ष उमंग सिघार ने कहा कि शिवराज सिंह चौहान सालों मुख्यमंत्री रहे, जीतने के लिए अतिथि शिक्षकों को झूठा आश्वासन देकर वोट ले लिया। सरकार हजारों करोड़ों रुपए बैनर-पोस्टर और विज्ञापन पर बर्बाद करती है पर अतिथि शिक्षकों को वेतन नहीं देती।
उन्होने कहा कि जारों अतिथि शिक्षकों के इस हुजूम से सरकार का कोई प्रतिनिधि नहीं मिला। मुख्यमंत्री तो छोड़िए, न तो शिक्षा मंत्री उनकी बात सुनने आए और न कोई अधिकारी आया।
जब भाजपा को इन अतिथि शिक्षकों के वोट चाहिए थे, तो शिवराज सरकार ने इनकी पंचायत बुलाकर झूठे वादे तक कर लिए। जब वादे पूरे करने की बात आई, तो सबके मुंह पर ताले लग गए! जबकि, ये आंदोलनकारी अतिथि शिक्षक मुख्यमंत्री हाउस से सिर्फ 2 किमी दूर थे। कांग्रेस इन शिक्षकों के साथ हमेशा से खड़ी है और आगे भी खड़ी रहेगी।
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