ममता यादव।
मध्यप्रदेश के सागर जिले का एकमात्र महारानी लक्ष्मीबाई कन्या स्कूल क्रमांक-1 का अस्तित्व बचा रहे मैं इसका पूरा प्रयास कर रहा हूं। यह सिर्फ स्कूल के अस्तित्व का नहीं हजारों बच्चियों की शिक्षा का सवाल है।
एमएलबी स्कूल से सागरवासियों का भावनात्मक लगाव है और कोई दूसरा स्कूल बच्चियों के लिए है भी नहीं। क्योंकि कई माता-पिता नहीं चाहते अपनी बेटियों को को-एड स्कूल में पढ़ाएं।
यह बात सागर विधायक शैलेंद्र जैन ने आज मल्हार मीडिया से बात करते हुए कही।
गौरतलब है कि सागर के लिए सीएम राईज स्कूल की स्वीकृति मध्यप्रदेश सरकार द्वारा दी गई है लेकिन यह स्कूल सागर के ऐतिहासिक एकमात्र गर्ल्स स्कूल एमलबी के स्थान पर बनाया जाना प्रस्तावित किया गया है।
लेकिन सागर में इसका विरोध शुरू हो गया है। सागरवासियों का मत है कि सीएम राईज स्कूल आए सागर में इसका कोई विरोध नहीं है लेकिन महारानी लक्ष्मी बाई स्कूल को खत्म करने की शर्त पर नहीं।
इस बारे में जब मल्हार मीडिया ने विधायक शैलेंद्र जैन से उनकी राय जाननी चाही तो उन्होंने कहा कि मैं यह पूरी कोशिश करूंगा कि एमएलबी की जगह पर कोई अन्य निर्माण नहीं किया जाएगा।
जनभावनाओं और छात्राओं के भविष्य को देखते हुए मैं पूरी तरह से जनता के साथ हूं।
उन्होंने बताया कि मैंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से समय मांगा है उनसे बातचीत के दौरान उनसे आग्रह करूंगा, उन्हें रजामंद करने की कोशिश करूंगा कि एमएलबी का अस्तित्व बचा रहे।
श्री जैन ने बताया कहा कि मुझे पता चला था कि मेजरमेंट वगैरह का काम चल रहा है, मैंने कलेक्टर से बात करके उन्हें रोका है और कहा कि अभी एक हफ्ते के लिए इस काम को रोक दिया जाए।
उन्होंने कहा कि यह अकेले स्कूल का प्रश्न नहीं है, प्रश्न है हजारों बच्चियों के शैक्षणिक भविष्य का।
विधायक ने कहा कि जो बच्चियां सीएम राईज में सिलेक्ट नहीं हो पाएंगी, उन बच्चियों के लिए बहुत मुश्किल होगी। सीएम राईज स्कूल उस जगह शुरू होता है तो कमजोर वर्ग की छात्राएं कैसे पढ़ पाएंगी।
मेरी बहनें बच्चियां निश्चिंत रहें उनकी पढ़ाई बाधित नहीं होने दूंगा।
विधायक श्री जैन ने बताया कि विभागीय मंत्री से इस संबंध में चर्चा की थी मैंने मगर उन्होंने कहा कि यह मेंरे अधिकार क्षेत्र से बाहर की बात है।
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