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Thu, 15 May 2025

मप्र जल संसाधन विभाग को मिला नेशनल सीबीआईपी अवॉर्ड

मध्यप्रदेश            Feb 20, 2023


मल्हार मीडिया भोपाल।

मध्यप्रदेश को सिंचाई के क्षेत्र में बेहतर कार्य करने के लिए उत्कृष्ट राज्य के रूप में चुना गया है।

जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने बताया कि भारत सरकार के केंद्रीय सिंचाई एवं ऊर्जा ब्यूरो द्वारा मध्यप्रदेश को नेशनल सीबीआईपी अवार्ड 2022 प्रदान किया गया है।

 सिंचाई के क्षेत्र में अवार्ड पाने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट और विभाग के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को बधाई और शुभकामनाएं दी है।

श्री सिलावट ने विभाग के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को बधाई देते हुए कहा कि यह मध्यप्रदेश के लिए गर्व का विषय है कि राज्य को सिंचाई के क्षेत्र में बेहतर कार्य करने के लिए सीबीआईपी अवार्ड प्रदान किया गया है।

यह मध्यप्रदेश के लिए ऐतिहासिक उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि यह प्रदेश के किसानों के प्रति सरकार की जिम्मेदारी का परिचायक है।

मंत्री सिलावट ने इसका श्रेय प्रदेश के किसानों की उद्यमशीलता और परिश्रम तथा मुख्यमंत्री की किसान हितैषी नीतियों को देते हुए कहा कि प्रदेश सरकार किसानों के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाने में सफल सिद्ध हुई है।

जल संसाधन मंत्री ने बताया कि विगत 15 वर्षों में सिंचाई क्षमता को 7 लाख हेक्टेयर से बढ़ाकर 45 लाख हेक्टेयर तक पहुंचाया गया है। हमारा लक्ष्य 2025 तक सिंचाई क्षमता बढ़ाकर 65 लाख हेक्टयर करना है।

उन्होंने कहा कि विगत 3 वर्षों में मध्यप्रदेश पाईप प्रणाली के माध्यम से अधिकतम क्षेत्र में सिंचाई करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। राज्य में पाइप नहर प्रणाली (माइक्रो सिंचाई) से सिंचाई के सफल क्रियान्वयन के आधार पर यह पुरस्कार प्रदान किया गया।

सिंचाई, पेयजल एवं उद्योगों के लिए जल-संसाधनों के अधिकतम उपयोग में मध्यप्रदेश को देश में प्रथम स्थान मिला है। जिसके लिए भारत सरकार के केंद्रीय सिंचाई एवं ऊर्जा ब्यूरो द्वारा मध्यप्रदेश को सीबीआईपी अवॉर्ड प्रदान किया गया है।

जल संसाधन विभाग द्वारा मध्यप्रदेश में बीते दो वर्षों में कुल 126 नवीन सिंचाई परियोजनाएं शुरू की गईं।

इसमें चार वृहद्, 10 मध्यम और 112 लघु परियोजनाएं सम्मिलित हैं। इन सभी 126 सिंचाई परियोजनाओं की लागत 06 हजार 700 करोड़ रुपए है।

इन नवीन सिंचाई परियोजनाओं से 03 लाख 34 हजार हेक्टेयर नवीन सिंचाई क्षमता विकसित होगी।

 



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