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मध्यप्रदेश सरकार ने गौसंरक्षण से जोड़ा गोवर्धन पूजा को

मध्यप्रदेश            Oct 25, 2022


मल्हार मीडिया भोपाल।

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिहं चौहान ने गोवर्धन पूजा कार्यक्रम की समीक्षा में कहा कि गोवर्धन पूजा कर्मकांड नहीं है। गोवर्धन पूजा मतलब पर्यावरण की रक्षा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आधुनिक परिस्थितियों के संदर्भ में गोवर्धन पूजा पहले से ज्यादा प्रासंगिक हो गई है। क्योंकि आज ग्लोबल वार्मिंग का खतरा है, क्लाइमेट चेंज के संकट को हम भुगत रहे हैं, वैसा इसके पहले कभी नहीं रहा।

उन्होंने कहा कि आज तो धरती के अस्तित्व पर ही संकट के बादल छाए हुए हैं। आने वाली पीढ़ियों का भविष्य सुरक्षित नहीं लग रहा है इसलिए हम गोवर्धन पूजा के माध्यम से सारे समाज को संदेश देने के लिए कि पर्यावरण बचाओ, आज का कार्यक्रम कर रहे हैं।

इसलिए आज व्यापक पैमाने पर पूरे प्रदेश में गोवर्धन पूजा का हमारा कार्यक्रम है और उसी से तीनों चीजें जुड़ी हुई है। गोवर्धन पूजा सभी 52 जिलों में होगी।

इस दौरान मुख्यमंत्री ने अफसरों ने कहा कि प्रकृति के प्रति कृतज्ञता प्रकट करने के उद्देश्य से आयोजित गोवर्धन पूजा के माध्यम से हमें जन-जन को वृक्षारोपण, गोवंश के संरक्षण और प्राक्रतिक खेती के लिए प्रेरित करना है। उन्होंने कहा कि गोवर्धन पूजा में अधिकतम किसान, पर्यावरण प्रेमी और जनसामान्य को जोड़ा जाए।

मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा कि जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग के संकट और प्रभावों को देखते हुए गोवर्धन पूजा अधिक प्रासंगिक हो गई है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि पूजा के माध्यम से समाज को पर्यावरण बचाने का संदेश देने और इन गतिविधियों में व्यापक स्तर पर समाज की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए जिला, विकास स्तर पर किसानों के संगठन, वृक्षारोपण के लिए सक्रिय अंकुर अभियान के कार्यकर्ता कार्यक्रम से जुडेंगे।

मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा कि गोवंश की व्यवस्थाओं के लिए गौशालाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए भी गतिविधियां संचालित की जाएंगी। पर्यावरण और लोगों की स्वास्थ्य की रक्षा के लिए प्राक्रतिक खेती को प्रोत्साहन आवश्यक है. व्रक्षारोपण, जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से भावी पीढी को बचाने का उपयुक्त माध्यम है।

 



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