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सीमित हो सकता है मप्र विस का मानसून सत्र, बढ़ सकते हैं कार्यवाही के घंटे

मध्यप्रदेश            Sep 12, 2022


मल्हार मीडिया भोपाल।
मध्य प्रदेश विधानसभा में मानसून सत्र को लेकर विधानसभा में सर्वदलीय बैठक में सत्र को लेकर चर्चा हुई।

बैठक में पीएम मोदी के 17 सितंबर के दौरे को लेकर सत्र छोटा करने पर विचार हुआ।

गौरतलब है कि 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मध्यप्रदेश के दौरे पर रहेंगे इसलिए विधानसभा सत्र का समय सीमित करने पर विचार किया गया। इसमें दिन के बजाय काम के घंटे बढ़ाने को लेकर चर्चा हुई।

कांग्रेस की और से सत्र छोटा होने पर इसे बढ़ाने की मांग की गई। इस बैठक में अनुपूरक बजट के अलावा , जरूरी विधेयक पेश किए जाएंगे।

वहीं बैठक को लेकर संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि विपक्ष अगर शांति पूर्ण चर्चा चाहेगा तो जरूर कराएंगे।

 इधर कांग्रेस ने आरोप लगाया कि सरकार की मंशा महज दो दिन सत्र चलाने को लेकर है , जबकि कांग्रेस पोषण आहार , कारम डैम , बेरोजारी , बाढ़ जैसे विषय पर चर्चा चाहती है।

प्रदेश के विधायकों ने साल 2019 में एक संकल्प लिया था कि अपनी और अपने परिवार की संपत्ति की जानकारी 30 जून तक विधानसभा के प्रमुख सचिव को दे देंगे।

लेकिन अब माननीय अपना ही संकल्प भूल गए हैं। प्रदेश के 99 फीसदी विधायकों ने अभी तक अपनी संपत्ति की जानकारी विधानसभा सचिव को नहीं दी है।

 हैरानी की बात ये है कि विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी संपत्ति का ब्यौरा नहीं दिया है।

मप्र विधानसभा की वेबसाइट पर उपलब्ध रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2021-22 में संपत्ति का ब्यौरा सिर्फ दो सदस्यों ने दी है। इनमें नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह और विधायक आरिफ मसूद शामिल हैं। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने वित्तवर्ष 2019-20 तक का ही ब्यौरा दिया है।  

ज्ञातव्य है कि कि मध्य प्रदेश विधानसभा के पांच दिवसीय मानसून सत्र के चलते विधानसभा भवन और आसपास धारा 144 लागू कर दी गई है।

पुलिस कमिश्नर मकरंद देउस्कर ने सोमवार को इसे लेकर आदेश जारी कर दिए। पांच दिन तक विधानसभा के आसपास न तो भीड़ इकट्‌ठा होगी और न ही कोई सभा, रैली या धरना प्रदर्शन किया जा सकेगा।

आदेश के अनुसार 13 से 17 सितंबर के बीच विधानसभा भवन के आसपास विभिन्न, संगठनों एवं राजनीतिक दलों द्वारा प्रदर्शन एवं जुलूस प्रतिबंधित रहेंगे। साथ ही इन आयोजनों में कोई व्यक्ति किसी जुलूस प्रदर्शन में नहीं भाग लेगा और न जुलूस, प्रदर्शन का न तो निर्देशन करेगा। 

 

 



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