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एक गांव में चिकनगुनिया के एक सैकड़ा केस एक्टिव

मध्यप्रदेश            Nov 13, 2022


मल्हार मीडिया ब्यूरो।

मध्यप्रदेश भिंड जिले से चौंकाने वाली खबर सामने आ रही है। यहां एक ही गांव में चिकनगुनिया का विस्फोट हो गया है।

इस गांव में चिकनगुनिया के एक साथ 100 केस एक्टिव हो गए हैं जिनमें 13 पुराने हैं। साथ ही दोबारा लिए गए 90 सैंपल पॉजिटिव आये हैं।

चिकनगुनिया के 100 सक्रिय केस मिलने के बाद यहां जिला स्वास्थ्य विभाग ने भी अलर्ट जारी कर दिया है।

बताया जा रहा है कि यहां पहले 13 मरीज पॉजिटिव मिल थे उसके बाद 85 नए आये। कुछ दिन पहले भिंड जिले के शंकरपुरा गांव में कुछ लोग बीमार हुए।

जांच के दौरान उनके लक्षण चिकनगुनिया जैसे थे। ऐसे में चिकित्सकों ने 16 संदिग्ध मरीजों के सैंपल ले कर ग्वालियर में जांच के लिए भेजा, जिनमें 13 मरीजों की रिपोर्ट पॉजिटिव आये।

इतने केस एक साथ एक्टिव होने से स्वास्थ्य विभाग में भी हड़कंप मचा और चार सदस्यी डॉक्टर की टीम गांव में सैम्पल लेने के लिए भेजी गई। जिन्होंने 90 संदिग्ध मरीजों के सैंपल लिए। इन मरीजों की जांच रिपोर्ट में 85 नए मामले सामने आए हैं।

जिला मलेरिया अधिकारी डॉक्टर डीके शर्मा ने बताया कि जिले में चिकनगुनिया फैलने लगा है।

अब तक डॉक्टर की टीम दो गांव शंकरपुरा और सुखवासीपुरा में जांच भी कर चुकी है और सैंपल भी लिए गए हैं। शंकरपुरा के सैंपल की रिपोर्ट आ गई है। वहां पॉजिटिव केस हैं।

हालांकि जांच टीम द्वारा कुल 90 मरीजों के सैंपल लिए गए जिनकी वायरोलॉजी लैब में जांच करने पर 85 सैंपल चिकनगुनिया के पॉजिटिव पाए गए।

जांच टीम द्वारा वायरल कल्चर के लिए भी सैंपल कलेक्ट किए गए हैं जिन्हें एनआईबी पुणे भेजा जाएगा।

डॉ. डीके शर्मा ने बताया कि लगातार जिलेभर में अब सतत निगरानी की जा रही है। मुख्यतः स्वास्थ्य विभाग का पूरा फोकस लारवा नष्ट कराने पर है। खासकर मच्छर से पनपने वाला लारवा चाहे फिर वह मलेरिया का हो, डेंगू का हो, चिकनगुनिया का हो या मच्छर से पनपने वाली किसी भी अन्य बीमारी का।

क्योंकि अगर समय रहते लारवा नष्ट कर दिया जाएगा तो कोई भी बीमारी को पनपने से पहले रोका जा सकता है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में जिला मलेरिया विभाग की दो टीमें भिंड शहर की मॉनिटरिंग में लगी हुई हैं।

वही ब्लॉक स्तर पर भी एम आई है जो अपने-अपने क्षेत्रों में निगरानी कर रहे हैं। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि जिले में दूसरे नेशनल प्रोग्राम ज्यादा चल रहे हैं जिनकी वजह से किसी एक प्रोग्राम पर फोकस नहीं हो पा रहा है।

सभी बीएमओ को निर्देश जारी कर दिए गए हैं कि उनके क्षेत्र की सभी एएनएम और आशा कार्यकर्ताओं को अलर्ट कर दें कि जहां भी किसी बीमार व्यक्ति को बुखार और जोड़ों में दर्द की शिकायत हो तो इसकी सूचना तुरंत स्वास्थ्य विभाग को दें। जिससे चिकनगुनिया को फैलने से रोका जा सके।

चिकनगुनिया बीमारी, डेंगू के मुकाबले कम जोखिम वाली बीमारी है इसमें किसी भी कैजुअल्टी की संभावना न के बराबर है।

इस बीमारी से जल्दी किसी की मौत नही होती लेकिन इस बीमारी से गुज़र रहे मरीज बीमारी के साइड इफेक्ट्स परेशान करते हैं। चिकनगुनिया से ग्रसित मरीज शारीरिक तौर पर सभी जॉइंट पेन महीनों तक परेशान कर सकते हैं।

चिकनगुनिया मच्छर के काटने से फैलने वाली बीमारी है, इस बीमारी से ग्रसित मरीज को बुखार आता है चिकनगुनिया से ग्रसित मरीज को बुखार के अलावा पूरे शरीर में तेज दर्द रहता है।

कभी-कभी मरीज के शरीर में कहीं-कहीं जॉइंट्स में सूजन भी आ जाती है इसके साथ ही मरीज को पसीना आना, उल्टी आना, चक्कर आना भी है।

 

 



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