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मध्‍यप्रदेश की नदियां खतरे के निशान से उपर, 200 गांव खाली कराए गए

मध्यप्रदेश            Aug 22, 2022


मल्‍हार मीडिया भोपाल।

मध्य प्रदेश में भारी बारिश ने जनजीवन को प्रभावित किया है। पिछले 24 घंटों के दौरान यहां 1500 मिलीमीटर से ज्यादा बारिश दर्ज की गई है।

भारी बारिश ने यहां परेशानी को बढ़ाया है। 

नर्मदा, शिप्रा, बेतवा, सिंध और शिवना नदी खतरे के निशान के पास पहुंच गए हैं। अत्यधिक बारिश की वजह से यहां 25 डैम के दरवाजे खोल दिये गये हैं।

मौसम विभाग के मुताबिक, अगले 24 घंटों के दौरान भारी बारिश होगी। बाढ़ के हालात को देखते हुए नर्मदा नदी के आसपास बसे 200 से ज्यादा गांवों को खाली कराया गया है।

6 से ज्यादा जिलों में प्रशासन ने स्कूलों के बंद रखने के आदेश जारी किये हैं।

पिछले 24 घंटे के दौरान भोपाल में सबसे ज्यादा 190 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है। इसकी वजह से विभिन्न इलाकों में जलजमाव की स्थिति उत्पन्न हो गई है। सड़कें जलमग्न हो गई हैं। कई पेड़ भी उखड़ गए हैं।

मूसलाधार बारिश के चलते बोट क्लब पर डरावनी तस्वीर भी देखने को मिली।

 यहां पर एक क्रूज बोट मूसलाधार बारिश के बाद झील की बड़ी लहरों को झेल नहीं सकी और डूब गई। भोपाल झील में भी कई फीट ऊंची लहरें उठ रही हैं जिसके कारण यह क्रूज बोट डूब गई।

 इस मौसम में आम तौर पर 42 इंच बारिश दर्ज की जाती है। लेकिन इस बार अब तक 62 इंच बारिश हो चुकी है। मूसलाधार बारिश ने दशकों के रिकॉर्ड को तोड़ दिया है।

 गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा, 'आपदा प्रबंधन विभाग और होम गार्ड की टीम अलर्ट पर है। कई बाढ़ प्रभावित गांवों में राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खुद लोगों से अपील की है कि वो अलर्ट रहे और डैम तथा नदियों के करीब ना जाएं।

पश्चिमी एमपी में विजिब्लिटी भी काफी कम रही। जिसकी वजह से ट्रैफिक भी स़़ड़कों पर कम नजर आया। मौसम विभाग ने भी भारी बारिश को देखते हुए लोगों को सलाह दी है कि वो गैरजरुरी यात्राओं से बचें।

बारिश के बीच चल रही तेज हवाओं की वजह से जहां पेड़ उखड़ गये तो वहीं कई जगहों पर बिजली भी बाधित हुई।

 

भोपाल नगर निगम के कर्मचारी सड़कों पर गिरे पेड़ों को हटाते नजर आए हैं। इंदौर और उज्जैन में भी रात तक तेज बारिश का अनुमान जताया गया है।

हालांकि, यह भी संभावना जताई गई है कि मंगलवार से बारिश की रफ्तार धीरे-धीरे थमेगी।

बता देें कि उत्तर पश्चिमी छत्तीसगढ़ और उससे सटे उत्तर पूर्व मध्य प्रदेश और दक्षिण पूर्व उत्तर प्रदेश पर गहरे दबाव ने पश्चिम उत्तर पश्चिम दिशा और सप्ताहांत को उसी क्षेत्र में एक अवसाद में बदल दिया है।

यह उत्तर मध्य प्रदेश में पश्चिम उत्तर पश्चिम दिशा में आगे बढ़ना जारी रखेगा और अगले 24 घंटों के दौरान एक अच्छी तरह से चिह्नित निम्न दबाव क्षेत्र में कमजोर हो सकता है।



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