मल्हार मीडिया भोपाल।
मध्यप्रदेश भाजपा कार्यालय में पत्रकारवार्ता को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने केंद्रीय बजट पर प्रतिक्रया देते हुए कहा यह 75 वां आम बजट ईज आफ लिविंग को बढ़ाने वाला बजट है।
उन्होंने कहा इस बजट का एजेंडा नागरिकों को बड़े अवसर उपलब्ध कराना रोजगार को प्रोत्साहित करना। व्यापक आर्थिक स्थिरता को मजबूत करना।
यह केवल 23-24 का बजट नहीं बल्कि देश के लिए अगले 50 साल हेतु विकसित अर्थव्यवस्था की बुनियाद रखने वाला बजट है।
मध्यम वर्ग को व्यापक राहत देते हुए पुरानी टेक्स व्यवस्था को बदला गया है। टेक्स स्लेब भी बदला गया है।
मोटे अनाजों को श्री अन्न योजना के तहत ग्लोबल बनाने का प्रयास किया जा रहा है।
सीएम शिवराज ने कहा कि ये गौरवशाली भारत का बजट है। बजट गांव, गरीब, किसान, आदिवासी, दलित हो दिव्यांग माताओं बहनों ऐसे लोगों को सशक्त बनाने वाले बजट है।
हर जगह से विकास हो, डिजिटल का इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण हो ऐसा बजट है। देश के हर राज्य को छुने वाला सर्वव्यापी बजट है।
बीजेपी ने समानता वाला बजट दिया है। ईज ऑफ लिविंग को बढ़ाने वाला है।
ये तेज गति से देश को विकास की राह दिखाने वाला बजट है। प्रोत्साहन प्रदान करना और आर्थिक स्थिरता को मजबूत करना है।
सात सप्तऋषि बजट की प्राथमिकता है। ये केवल 23-24 का बजट नहीं है। अर्थव्यवस्था की नींव मज़बूत रखने वाला बजट है। नौकरी पेशा सहित जिनकी आय सात लाख तक है उनकी आय पर कोई टैक्स नहीं लगेगा।
भारत को श्रीअन्न का ग्लोबल चेहरा बनाने के लिए पीएम कटिबद्ध है। विशेष पिछड़ी जनजाति के लिए सरकार गंभीर है।
उन्होंने कहा कि 15 हजार करोड़ का कोष बनाया गया है। पशुपालन डेयरी और मत्स्य पालन पर भी ध्यान दिया गया है। युवाओं के सपनों को उड़ान देने के लिए पीएम कौशल विकास एक बड़ा योगदान है।
महिला सम्मान विकास पत्र जारी करने का फैसला स्वागत योग्य है।
23-24 का आम बजट ग्रीन ग्रोथ के लक्ष्य पर आधारित है। रेल बजट दो लाख 40 हजार करोड़ का किया है। गरीबों के लिए पीएम आवास योजना का बजट बढ़ा है जिससे हर गरीब को छत नसीब होगी।
e में केन बेतवा के लिए आवंटन है। अलग अलग योजना लांच हो रही है उसका लाभ एमपी को मिलेगा। एमएसएमई के विकास में जो राशि दी जाएगी वो काम आएगा।
केंद्रीय बजट को पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने पुरानी बोतल में नयी शराब बताया है। कहा कि- मोदी सरकार का आखिरी बजट सिर्फ एक बार ही पुरानी बोतल में नई शराब जैसा है, जिसमें नौ जवान, किसान, आदिवासी, दलित किसी को कोई फायदा नहीं है।
इस बजट से महंगाई और बेरोजगारी बढ़ेगी। लगातार पूरे देश में मध्यप्रदेश में बात कही जा रही है कि महंगाई कम होनी चाहिए और भी डीजल पेट्रोल के भाव कम होने चाहिए। अगर पेट्रोल और डीजल के भाव कम होते तो महिलाओं की रसोई से मदद मिलती है।
डीजल के भाव कम होते है तो किसान को इससे लाभ होता। गरीबों की कोई आमदनी नहीं हो पाएगी इसलिए वो दिककत में रहेंगे।
कांग्रेस और कमलनाथ के बयानों पर मुख्यमंत्री पलटवार करते हुए कहा कि वे हताशा से ग्रसित हैं इसलिए कुछ कांग्रेस को कुछ ना कुछ तो बोलना ही है।
कोई नई बोतल में नई शराब कोई पुरानी बोतल में नई शराब इस तरीके के जुमले बोल रहे है। अब वो तो कहते ही रहेंगे इसमें क्या ही कर सकते है।
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