मल्हार मीडिया भोपाल।
भृष्टाचार का लोव्यापीकरण किया
किसान कर्जमाफी का कचरा किया
शिक्षा व्यवस्था को चौपट किया
पिछड़े वर्ग को छलने का काम किया
जनजातीय समुदाय के साथ धोखा किया।
हमें सरकार गिरानी होती तो हम बनने ही नहीं देते, हमारे 109 विधायक आपके 114 । अगर अविश्वास की बात करें तो कांग्रेस में कौन, किस पर विश्वास करता है समझ में ही नहीं आता है। हम पर आरोप लगाए जाते हैं कि हमने सरकार गिराई।
11 दिसंबर 2020 को मतगणना का दिन था। रात के 2:00 बजे तक हमने चुनाव परिणाम देखें और जो परिणाम आए उसमें हमारी 109 सीटें थी कांग्रेस की 114 सीटें थी। रात में मैं निश्चय करके सोया था कि सुबह ही मैं इस्तीफा दे दूंगा।
यह कहना था मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का, वे विधानसभा में विपक्ष द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव का जवाब दे रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसा लचर अविश्वास प्रस्ताव मैंने तो देखा ही नहीं है।
मध्य प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र चौथे दिन सुबह 11 बजे सदन की कार्यवाही मुख्यमंत्री के वकतव्य से ही शुरू हुई। इसके पहले बुधवार को देर रात तक विपक्षी दल कांग्रेस द्वारा पेश अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा चलती रही।
आज गुरूवार 22 दिसंबर को सदन में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर अपना जवाब पेश करते हुए 15 महीने की कांग्रेस सरकार के पांच पाप गिनाए
मुख्यमंत्री ने कहा कि कमलनाथ सरकार ने भ्रष्टाचार का लोकव्यापीकरण कर दिया।
उन्होंने कहा कि मैं दावे के साथ कहता हूं 2003 तक भी कांग्रेस की सरकार थी, कभी कलेक्टर और एसपी की पोस्टिंग में पैसा नहीं लिया गया यह इतिहास में पहली बार हुआ है।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि पूरी शिक्षा व्यवस्था को चौपट करने का अपराध हुआ था तो कांग्रेस की सरकार में हुआ था।
500 रुपए गुरुजी आपने रखे, शिक्षाकर्मी आपने रखे, अपने बच्चों के भविष्य को चौपट और बर्बाद करने का पाप किया है।
हमने शिक्षाकर्मी हो चाहे, गुरुजी हो,पूरे अध्यापक बनाए आज उनकी सैलरी सम्मानजनक है।आज 35, 40,45 हजार रुपया उनको सैलरी मिल रही है।
शिक्षकों की भर्ती का काम लगातार जारी है, एक लाख भर्तियां मैंने कही है अब तक 1लाख 13 हज़ार की योजना बन चुकी है।
15 अगस्त तक शिक्षकों की भर्तियां भी होंगी, पुलिस में भी भर्ती होगी कोई भी विभाग नहीं छूटेगा, भर्तियों का काम जारी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछड़े वर्ग को छलने का काम किया गया था आप थे जिन्होंने यह फैसला किया, स्टे हो जाने दिया और बाद में पीएससी के संदर्भ में एक और फैसला आया तो आपने कहा था पीएससी में भी इसे लागू कर देंगे 27% आरक्षण आप चिंता मत करिए।
मुख्यमंत्री ने विपक्ष को कांग्रेस के वचनपत्र का सबसे अहम वादा याद दिलाते हुए कहा कि कांग्रेस के वचन पत्र में इनके नेता राहुल गांधी जी ने जो बात कही थी।
वह टेलीविजन पर दिखाई गई, ऑडियो हैं, वीडियो हैं। उन्होंने तय किया था कि 10 दिन में और उन्होंने गिनके कहा था। 10 दिन में अगर कर्जा माफ नहीं किया तो मैं मुख्यमंत्री बदल दूंगा।
यह उन्होंने कहा था और यह ऑन रिकॉर्ड है। आपने कर्जमाफी का कचरा कर दिया पूरा।
मुख्यमंत्री शिवराज ने आगे कहा कि टेंडर की शर्तों में बांध की नीव तक निर्माण होने के बाद पाइप लाइन के पैसे का भुगतान का प्रावधान था।
लेकिन, आपकी सरकार ने मापदंड शिथिल कर दिए और गलत तरीके 877 करोड़ 57 लाख रुपए आपने किया आपकी सरकार ने, कमलनाथ जी की सरकार ने भुगतान किया।
मुख्यमंत्री ने पेसा एक्ट को जनता तक पहुंचाने और उसे समझाने के लिए सदस्यों से आग्रह करते हुए कहा कि मैं आपका भी सहयोग चाहता हूँ मेरे जो विधायक साथी हैं पक्ष के और विपक्ष के उन दोनों से कहना चाहता हूं।
पेसा किसी के खिलाफ नहीं है मुझे पता चला है कि आग लगाने की साजिश हुई है यह पेसा किसी के खिलाफ नहीं है और यह काम भी कांग्रेस ही करती है इसे सामाजिक समरसता के साथ हमने लागू किया है।
उन्होंने कहा कि जब तक कांग्रेस की सरकार थी बैगा, सहरिया, भारिया सहित अन्य जनजातीय समुदाय के पात्र हितग्राहियों के खातों में राशि नहीं पहुंची थी।
कांग्रेस ने जनजातीय समुदाय के साथ भी धोखा किया। गरीबों के कल्याण के लिए शुरू की गई संबल योजना से लाखों गरीबों के नाम कांग्रेस की सरकार ने काट दिए।
हमने बच्चों को लैपटॉप देने की योजना शुरू की थी, कांग्रेस सरकार ने लैपटॉप बांटना भी बंद कर दिया था।
सीएम शिवराज ने कहा कि कोरोना संकट से निबटने के लिए कांग्रेस की सरकार ने कोई तैयारी नहीं की थी। मेरी सरकार के पौने दो साल तो कोरोना से निबटने में ही निकल गए। 500 से ज्यादा बैठकें मैंने कीं।
दिन-रात हमारी सरकार ने काम किया। मध्यप्रदेश की धरती पर जनजातीय समाज के कल्याण के लिए पेसा एक्ट लागू करने का काम भारतीय जनता पार्टी ने किया, कांग्रेस ने केवल झुनझुना पकड़ाने, छल करने का काम किया।
मुख्यमंत्री के जवाब के बाद सदन में अविश्वास प्रस्ताव ध्वनिमत के साथ गिर गया। इसके बाद सदन की कार्रवाई अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी गई।
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