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अंबानी ग्रुप ने टीओआई की खबर को बताया गलत, मांगा 5000 करोड़ हर्जाना

मीडिया            Sep 10, 2015


मल्हार मीडिया डेस्क अनिल धीरूभाई अंबानी ग्रुप की कंपनी बीएसईएस लिमिटेड ने अगस्‍त में टाइम्‍स ऑफ इंडिया अखबार में कथित रूप से अपमानजनक आर्टिकल प्रकाशित करने के लिए उसकी प्रकाशक कंपनी बेनेट कोलमैन एंड कंपनी लिमिटेड से पांच हजार करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति की मांग की है। 18 अगस्‍त को टाइम्‍स ऑफ इंडिया ने नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की ड्रॉफ्ट रिपोर्ट के आधार पर जोसी जोसेफ के आर्टिकल की एक श्रंखला चलाई थी जिसमें दिल्‍ली में बिजली का वितरण कर रहीं विभिन्‍न कंपनियों के खातों में विभिन्‍न विसंगतियां मिली थीं। गौरतलब है कि नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कंप्ट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल ऑफ इंडिया, सीएजी) की रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया गया था कि दिल्ली में बिजली की तीन कंपनियों ने करीब 8000 करोड़ का घाटा दिखाया है। 212 पन्नों की इस रिपोर्ट में दिल्ली में बिजली की आपूर्ति करने वाली बीएसईएस यमुना पावर लिमिटेड, बीएसईएस राजधानी पावर लिमिटेड और टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रिब्यूशन लिमिटेड पर हेरफेर का आरोप लगाया। सीएजी की रिपोर्ट के मुताबिक कंपनियों ने इसमें उपभोक्ताओं के आंकड़ों में धांधली कर यह सब किया है। रिपोर्ट में कहा गया कि इन कंपनियों ने लागत बढ़ाकर दिखाई, महंगी बिजली खरीदी और राजस्व कम दिखाया। इस मामले को लेकर बीएसईएस राजधानी पावर लिमिटेड और बीएसईएस यमुना पॉवर लिमिटेड (बीएसईएस के यह दोनों पार्ट ADAG का हिस्‍सा हैं) ने रिपोर्ट को गलत बताते हुए उसी दिन अधिवक्‍ताओं की फर्म Mulla & Mulla and Craigie Blunt & Caroe के माध्‍यम से बीसीसीएल को मानहानिक का नोटिस दिया था। अपने नोटिस में बीएसईएस ने दावा किया है कि स्‍टोरी ‘Delhi discoms inflated dues by Rs 8,000cr: CAG’, ‘Delhi govt representatives in discoms slammed’, Discom audit: CAG points out conflict of interests in deals’ और ‘Discoms made money from meters, says CAG’ पूरी तरह झूठी और काल्‍पनिक हैं और इन्‍हें विद्वेष के तहत लिखा गया लगता है। इसमें 24 जनवरी 2014 के अदालत के उस आदेश का हवाला भी दिया गया है, जिसमें कहा गया है कि कैग की फाइनल रिपोर्ट को बिना कोर्ट की अनुमति के जमा नहीं किया जाएगा। बीएसईएस की ओर से जिन लोगों को नोटिस जारी किया गया है, उनके टाइम्‍स ऑफ इंडिया के स्‍वामित्‍व वाली कंपनी बेनेट, कोलमैन और कंपनी लिमिटेड, टाइम्‍स ऑफ इंडिया के प्रकाशक बलराज अरोड़ा, टाइम्‍स ऑफ इंडिया के एग्जिक्‍युटिव एडिटर अरिंदम सेनगुप्‍ता और इसी अखबार के करेसपोंडेंट जोसी जोसफ का नाम शामिल है। उल्‍लेखनीय है कि जोसी ने हाल ही में दूसरा अखबार द हिंदू जॉइन कर लिया है। वहीं लीगल नोटिस के जवाब में बीसीसीएल का कहना है, ‘जिन न्‍यूज रिपोर्ट्स का हवाला दिया जा रहा है उनमें हमने एकतरफा पक्ष को शामिल नहीं किया है और कैग रिपोर्ट के आधार पर बीएसईएस की स्थिति को दर्शाया गया है। इन रिपोर्ट्स में हम पहले ही स्‍पष्‍ट रूप से कह चुके हैं कि कंपनी ने इस तरह की रिपोर्ट को नकारते हुए दावा किया है कि यह अधूरी है और मामला अदालत में विचाराधीन है।’ इसके अलावा बीसीसीएल का कहना है, ‘रिपोर्ट एक ऐसी संवैधानिक संस्‍था से ली गई है जिसकी न सिर्फ देश में बल्कि पूरे विश्‍व में काफी विश्‍वसीनयता है और उसका काफी सम्‍मान किया जाता है। कैग न सिर्फ भारत सरकार का ऑडिटर है बल्कि यह यूएन बोर्ड ऑफ ऑडिटर्स का सदस्‍य भी है। ऐसे में कैग के अधिकार, क्षमता और स्‍वायत्‍ता पर निजी हितों के लिए सवाल नहीं उठाया जाना चाहिए।’ इसमें यह भी कहा गया है, ‘अदालत द्वारा दिल्‍ली पॉवर डिस्‍ट्रीब्‍यूटर कंपनीज पर लेख प्रकाशित करने के लिए किसी तरह का निर्देश अथवा रोक नहीं लगाई गई है। ऐसे में जब बड़ी संख्‍या में लोगों का हित जुड़ा हो तो कंपनी द्वारा इसे निजी व विश्‍वसनीय बताने का दावा उचित नहीं है। इन रिपोर्ट्स में टाइम्‍स ऑफ इंडिया ने किसी तरह की निजी राय य आरोप नहीं लगाए हैं बल्कि यह भरोसेमंद सूत्रों से प्राप्‍त सूचना के आधार पर तैयार की गई है।’ समाचार4मीडिया


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