Breaking News

आख्रिर क्या है हिंदी सम्मेलन में ऐसा, जिसकी परदादारी है सरकार?

मीडिया            Sep 09, 2015


कृष्णकांत अग्निहोत्री सरकार का वश चलता तो दसवां विश्व हिंदी सम्मेलन किसी बड़े मैदान टाईप अंडग्राउंड हाल में विश्व हिंदी सम्मेलन करवाती। आखिर ऐसा क्या है जिसकी परदादारी है मीडिया से? खबरें खोज-खोज कर पाठकों और दर्शकों के सामने लाने का वाले भोपाल के मीडिया को लंबे अंतराल के बाद भारत विशेषकर हिन्दी भाषी राज्य मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में 10 से 12 सितंबर तक आयोजित किए जा रहे दसवें विश्वं हिन्दी सम्मेलन की खबरें जनता तक लाने की चुनौती मिली है। लगभग पूरी तरह भगवा रंग में रंग चुके और साबित हो चुके इस सरकारी इस आयोजन के आयोजकों ने मीडिया को केवल उद्घाटन और समापन सत्र में ही इस सम्मेलन में प्रवेश देने की अनुमति दी है। हिन्दी को अधिक से अधिक लोगों के बीच लोकप्रिय बनाने के प्रयास के तहत विश्व हिन्दी सम्मेलन को अब तक देखा जाता रहा है, लेकिन इन तीन दिनों में होने वाले विमर्श में हिन्दी को लेकर क्या मंथन हुआ.. इस कवरेज से मीडिया महरूम रहेगा और आम जनता भी... क्योंकि उसे इस बीच हिन्दी को आमजन की भाषा बनाने के लिए क्या सुझाव दिए गए, उसकी जानकारी नहीं मिलेगी। दिलचस्प बात ये है कि इस सम्मेलन में नेताओं के साथ अगर कोई व्यक्ति जाता है तो उसे ना पास की जरूरत है ना कार्ड की। उद्घाटन सत्र में प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी और अन्य विशिष्ट अतिथियों और समापन अवसर पर मेगास्टा‍र अमिताभ बच्चन के विचार ही पाठक और दर्शक संभवत: जान पाएगा.. धन्य हैं, दसवें विश्व हिन्दी: सम्मेलन के आयोजक और देश का विदेश मंत्रालय...


इस खबर को शेयर करें


Comments