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चैनलों को सरकारी नोटिस पर बीईए सहित पत्रकार संगठनों ने जताई नाराजगी

मीडिया            Aug 10, 2015


मल्हार मीडिया डेस्क आतंकी याकूब मेमन की फांसी के समय विशेष कार्यक्रम दिखाये जाने को लेकर पत्रकार संगठनों ने नाराजगी जताई है। छह पत्रकार संगठनों प्रेस क्लब ऑफ इंडिया, इंडियन वूमंस प्रेस कोर, मुंबई प्रेस क्लब, गुवाहाटी प्रेस क्लब, वृहद मुंबई यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट और देहली यूनियन ऑफ जर्ननिस्ट ने भी चैनलों को नोटिस जारी किये जाने की निंदा करते हुए कहा है कि सरकार का यह कदम असुरक्षा और असहिष्णुता को दिखाता है। इन संगठनों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हस्तक्षेप करने और नोटिस वापस लेने की अपील की है। वहीं ब्रॉडकास्ट एडीटर्स एसोसिएशन (बीईए) ने इस पर निराशा जताई है। छह पत्रकार संगठनों ने इसकी निंदा की है और इसे मीडिया को धमकाने की कोशिश बताया है। बीईए ने इस मुद्दे को सरकार के पास उठाने का निर्णय लिया है। बीईए ने केबल एसोसिएशन नेटवर्क नियम 2015 पर भी चिंता जतायी है जिसमें आतंकी विरोधी कार्रवाईयों के दौरान की जा रही पिरीयॉडिक ब्रिफिंग्स की मीडिया कवरेज को तब तक के लिए सीमित कर दिया गया है जब तक कि ऑपरेशन खत्म नहीं हो जाता है। इस संशोधित नियम में ये नहीं बताया गया है कि, (1) आतंकी ऑपरेशन और अन्य एनकाउंटर में क्या फर्क है, (2) सरकार किस स्टेज पर मीडिया को इसकी जानकारी दे, (3) क्या ये आदेश ऑपरेशन की विजुअल्स नहीं दिखाने तक सीमित है या इससे जुड़ी ख़बर को पूरी तरह से नहीं दिखाया जाना चाहिए। बीईए किसी भी तरह की आतंकी घटनाओं के लाइव विजुअल कवरेज के खिलाफ है लेकिन वो ये भी मानती है कि मीडिया कवरेज सिर्फ आधिकारिक बयान तक सीमित नहीं किया जा सकता। आतंकी कार्यवाहियों के कवरेज के संदर्भ में बीईए की अपनी गाइडलाइंस है जिसका वो कड़ाई से पालन करती है। शनिवार 8 अगस्त को हुए बीईए की एग्जिक्यूटिव मीटिंग में राजस्थान सरकार द्वारा टाइम्स नाउ न्यूज चैनल और यूपी विधानसभा द्वारा आजतक न्यूज चैनल के खिलाफ उठाए विशेषाधिकार कार्रवाई का विरोध करने का फैसला लिया गया है। बीईए की इस बैठक में एबीपी न्यूज के शाजी जमां, एनके सिंह, अर्नब गोस्वामी, सुप्रिय प्रसाद, मिलिंद खांडेकर, रजनीश आहुजा, अजीत अंजुम, सतीश के.सिंह, विनय तिवारी, राहुल कंवल, वीवीपी शर्मा, कमर वाहिद नकवी, शैलेश कुमार, अभिजीत दास और अमिताभ शामिल हुए थे। वहीं ‘द एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया’ ने मंत्रालय के इस फैसले की रविवार को निंदा की और इस कार्रवाई को 'चौंकाने वाला' बताते हुए उसे तत्काल वापस लेने की मांग की। गिल्ड के अध्यक्ष एन रवि ने एक बयान में कहा कि 'यह चौंकाने वाला है कि सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने एबीपी न्यूज, एनडीटीवी और आज तक चैनल को याकूब मेमन मुद्दे पर उनकी कवरेज के लिए केबल टीवी नियमन के तहत नोटिस जारी किए हैं।' बयान में कहा गया है, 'उन नियमों का उद्देश्य कभी भी जनहित के मुद्दों पर मुक्त और जोरदार चर्चा से रोकना नहीं था यद्यपि सामग्री सरकार के लिए अप्रिय हो सकती है।' इसमें कहा गया है कि द एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से नोटिस तत्काल वापस लेने की मांग करता है। गिल्ड ने प्रसारण नियमन की पुन: समीक्षा किए जाने की जरूरत पर भी बल दिया। दरअसल कारण बताओ नोटिस में सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने चैनलों से कहा है कि वे बताएं कि उनके खिलाफ ऐसे कार्यक्रम दिखाने पर कार्रवाई क्यों न की जाए? चैनलों को 15 दिन का वक्त दिया गया है। दो चैनलों एबीपी न्यूज और आज तक ने तो अंडरव‌र्ल्ड डॉन छोटा शकील का फोन पर इंटरव्यू दिखाया जबकि एनडीटीवी ने मेमन के वकील की टिप्पणी प्रसारित की, जिससे नाखुश सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने इस तरह का कदम उठाया है।


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