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सुधीर चौधरी का दावा,जी न्यूज से प्रेरित होकर दूसरे चैनल कर रहे लातूर की रिपोर्टिंग

मीडिया            Apr 15, 2016


मल्हार मीडिया डेस्क। महाराष्ट्र का सूखाग्रस्त इलाका लातूर इन दिनों मीडिया की सुर्खिया बना हुआ है। हिंदी न्यूज चैनल जी न्यूज ने अपने प्रोग्राम ‘डीएनए’ के जरिए ये दावा किया है कि उसके स्पेशल प्रोग्राम के बाद ही लातूर के लोगों की प्यास बुझाने के उपाय तेजी से ढूंढे जाने लगे और अब लाखों लीटर पानी के साथ एक वाटर एक्सप्रेस, लातूर पहुंचा है। जी न्यूज के प्रोग्राम डीएनए में चैनल के एडिटर व एंकर सुधीर चौधरी ने उन पत्रकारों पर भी हमला बोला है, जो वातानुकूलित कमरों में बैठकर मिनरल वॉटर पीते है और वहीं से रिपोर्टिंग करते हैं। उन्होंने कहा कि खबरों का सूखा दूर करने वाले दिल्ली के कई डिजाइनर पत्रकार और संपादक डीएनए देखकर रिपोर्टिंग की प्रेरणा ले रहे हैं और अब वे भी लातूर पहुंच गए हैं और वहां से रिपोर्टिंग कर रहे हैं। संपादक सुधीर चौधरी ने दावा किया है कि जी न्यूज की ग्राउंड रिपोर्टिंग अब देश भर के मीडिया के लिए मिसाल बनती जा रही है, और वातानुकूलित कमरों से बाहर निकलकर डिज़ाइनर संपादक और पत्रकार आम लोगों के बीच पहुंचने के लिए मजबूर हो रहे हैं। सुधीर चौधरी ने आगे कहा, ‘दिल्ली के कई डिजाइनर पत्रकार और संपादक अब लातूर में कैमरे के सामने आने के लिए आतुर हो गए हैं, हाथों में मिनिरल वॉटर की बॉटल्स लेकर ये पत्रकार लातूर के पानी से संपादकीय विचारों की खेती करना चाहते हैं, ये देखकर हमें वर्ष 2010 में आई फिल्म पीपली लाइव के उन दृश्यों की याद आ रही है जिनमें एक किसान द्वारा आत्महत्या की कोशिश में न्यूज चैनल्स को टीआरपी की खुशबू आने लगती है और देश भर का मीडिया पीपली गांव से लाइव रिपोर्टिंग करने लगता है। उन्होंने कहा कि दुख की बात ये है कि पीपली लाइव आज भी मीडिया के एक बड़े वर्ग का सत्य है। 6 वर्ष बाद भी हमारे देश के मीडिया ने भेड़चाल वाली आदत को नहीं बदला है, लातूर पर डीएनए की स्पेशल सीरीज़ के बाद दिल्ली में खबरों का बूटिक चैनल चलाने वाले डिजाइनर पत्रकारों को लातूर की याद तो आई है, लेकिन हमें लगता है कि इन पत्रकारों की लातूर पहुंचने की ये ललक यानी संकट ग्रस्त इलाकों में पर्यटन का शौक है। नकल के रास्ते पर संपादकीय यात्रा करने वाले इन पत्रकारों को हमारी एक मुफ्त की सलाह ये है कि वो राष्ट्रवादी, और विकासशील रिपोर्टिंग को आदत बनाएं ताकि देश का भला हो पाए।


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