डॉ. प्रकाश हिन्दुस्तानी ।
काले-धोले (ब्लैक एंड वाइट) वाले सरकारी VVIP पत्रकार के बाद अब 65 करोड़ के 'महाब्लैकमेल' के एक नये रैकेट का राजफ़ाश आज सुबह हुआ!
भारत 24 न्यूज चैनल की पूर्व एंकर शाजिया निसार और उसके सहयोगी अमर उजाला डिजिटल के पूर्व एंकर आदर्श झा को 65 करोड़ रुपये की रंगदारी मांगने और ब्लैकमेलिंग सिंडिकेट चलाने का आरोप में नोएडा पुलिस ने आज 10 जून 2025 को गिरफ्तार किया।
शाजिया और आदर्श ने कथित तौर पर भारत 24 चैनल के वरिष्ठ अधिकारियों को झूठे यौन शोषण के आरोपों में फंसाने की धमकी दी और उगाही की कोशिश की। उगाही भी पांच दस लाख की नहीं, पूरे 65 करोड़ रूपये की. शाजिया ने शुरुआत में 5 करोड़ रुपये की मांग की, जो बाद में बढ़ते बढ़ते 65 करोड़ तक पहुंच गई। इस धमकी की ऑडियो रिकॉर्डिंग भी मौजूद हैं, जो पुलिस जांच में सबूत के तौर पर सामने आईं।
रैकेट का मोडस ऑपरेण्डी यह था कि शाजिया और आदर्श ने चैनल मालिक और प्रबंधन को उनकी इज्जत मिट्टी में मिला देने कि धमकियां दी. शाजिया फोन करती, धमकियां देतीं, जिनमें झूठे आरोप लगाकर बदनाम करने की बात शामिल थी। दोनों ने मिलकर संगठित तरीके से इस उगाही की योजना बनाई।
शाजिया के घर पुलिस ने छापा मारा तो साढ़े 34 लाख रुपये नकद और आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए, जो इस रैकेट के संचालन का पुख्ता सबूत माने जा रहे हैं।
संभावित नेटवर्क: पुलिस यह भी जांच कर रही है कि क्या इस ब्लैकमेलिंग सिंडिकेट में अन्य पत्रकार या सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर भी शामिल थे।
भारत 24 चैनल प्रबंधन ने शाजिया और आदर्श के खिलाफ FIR दर्ज कराई थी। इसके बाद नोएडा सेक्टर-58 थाना पुलिस ने 10 जून 2025 को सुबह दोनों को गिरफ्तार किया।
दोनों को गौतम बुद्ध नगर की सिविल जज (जूनियर डिवीजन-द्वितीय) जुही आनंद की अदालत में पेश किया गया, जहां उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत (21 जून 2025 तक) में जेल भेज दिया गया।
भारत 24 के एमडी, ग्रुप एडिटर, कंसल्टिंग एडिटर अनिता हाडा, और HR हेड अनु श्रीधर ने शाजिया, उनकी मां नसीम बानो, और आदर्श झा के खिलाफ धमकियों, अभद्रता, और ब्लैकमेलिंग के आरोपों में तीन FIR दर्ज कराईं।
रैकेट की मुख्य आरोपी, भारत 24 की पूर्व एंकर शाजिया निसार हैं! (जो पहले रिपब्लिक भारत में थीं।) उसके अलावा आदर्श झा अमर उजाला डिजिटल का पत्रकार, जो शाजिया के साथ मिलकर इस रैकेट को चला रहा था।
शाजिया की मां नसीम बानो के खिलाफ भी FIR में ब्लैकमेलिंग और धमकियों के आरोप हैं।
पुलिस को शक है कि इस सिंडिकेट में अन्य लोग भी शामिल हो सकते हैं, जिनकी जांच चल रही है!
यह मामला मीडिया की साख पर सवाल उठाने वाला है, और पुलिस इस रैकेट के पूरे नेटवर्क को उजागर करने के लिए गहन जांच कर रही है।
कुछ लोगों ने पत्रकारिता के पवित्र पेशे को डाकेजनी का साधन बना रखा है! यह शर्मनाक है!
पुनश्च : हो सकता है कि इनकी प्रतिभा को देखते हुए सरकारी चैनल इन्हें पांच दस करोड़ का पैकेज देकर बुला लें! अचरज करना बंद कर दीजिएगा!
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