मल्हार मीडिया।
अभी हाल में देश हित में जो नोटबंदी की गई उस निर्णय का भारत के नागरिकों ने कठिनाई सहन करते हुये, सरकारी एवं प्रधानमंत्री के निर्णय को उचित ठहराया है जिसके परिणाम स्वरूप देश के पांच राज्यों के चुनावों में वर्तमान सरकार को व्यापक समर्थन मिला है। माननीय प्रधानमंत्री द्वारा देश के मजदूर एवं गरीब किसानों तथा छोटे वर्गो के लिए बैंकों में खाते खुलाकर जहाॅं एक और राष्ट्रव्यापी नागरिकों के हित में अच्छा कार्य कराया है उससे हर वर्ग में प्रसंन्नता हुई। प्रधानमंत्री द्वारा अनेक योजनाऐं एवं कार्यक्रम गरीबों को एवं देश को विकासशील बनाने के लिए उठाये है उससे केन्द्र सरकार की व्यापक अच्छी छबि बनी है। शासकीय अधिकारी कर्मचारी महासंघ के प्रांताध्यक्ष रघुवीर प्रसाद शर्मा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा पद संभालने के बाद व्यापक अच्छे कदम उठाये है।
उससे आम नागरिकों को अच्छी सुविधाऐं आने वाले समय में मिलेगी। अभी हाल में कुछ बैंकों द्वारा जिस प्रकार जन विरोधी निर्णय लिये जा रहे है उससे सभी वर्गो में असंतोष पैदा हो रहा है। जबकि राष्ट्र में लगभग 95 प्रतिशत देशवासी इस बढ़ती हुई मंहगाई से दस वर्षो से त्रस्त है वहाॅं एक और हर नागरिक अपना पारिवारिक के पालन-पोषण करने में कठिनाई महसूस करता है तथा लगभग 95 प्रतिशत नागरिक देश के प्रतिमाह 250/- रू. की बचत भी नहीं कर पाते हैं
। वहीं भारतीय स्टेट बैंक द्वारा खातेदारों को लगभग 3000/- रू. की सीमा बैकों में जमा ना होने पर राशि वसूलने की जो प्रथा चालू की जा रही है वह उचित नहीं है। इतना अवश्य होना चाहिए था कि प्रत्येक नागरिक 500/- रू. सालभर बैंक में रख सकें वह उचित होता पर 3000/- रू. न रखने पर कटौती के नाम पर जो पैसा वसूल करने की प्रथा शुरू की जा रही है उस प्रथा से देशवासियों में असंतोष फैल रहा है, इस संदर्भ में ऐसी प्रथा पर रोक लगाने हेतु प्रधानमंत्री को एक ज्ञापन भेजकर श्री शर्मा ने अनुरोध किया है कि वे व्यक्तिगत इस बात का अध्ययन करें कि देश के आमनागरिकों से बैकों द्वारा जो वसूली करने की प्रथा शुरू की है वह ना हो क्योकि भारत वर्ष में 95 प्रतिशत नागरिक एक माह में 250/- रू. की बचत नहीं कर पाते है इसलिए बैकोें द्वारा जो गलत निर्णय लिये जा रहे है उसे रोकने की मांग प्रधानमंत्री से की है।
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