मल्हार मीडिया ब्यूरो।
मध्य प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी महाराजा यशवंतराव (एमवाय) हॉस्पिटल में गुरुवार को चार नवजात सहित 9 लोगों की मौत की सूचना मिली थी। एक मीडिया रिपोर्ट में बताया गया कि इनकी मौत ऑक्सीजन सप्लाई बंद होने से हुई। इसके बाद हड़कंप मच गया। मौके पर पहुंचे कमिश्नर संजय दुबे ने कहा, "अस्पताल में 8 लोगों की मौत हुई है, लेकिन इसका कारण ऑक्सीजन का बंद होना नहीं, बल्कि उनकी गंभीर बीमारी है। साथ ही मृतकों में कोई बच्चा शामिल नहीं है।" उन्होंने मामले की जांच करवाने की बात भी कही।
गुरुवार सुबह एक अखबार ने इंदौर के एमवाय अस्पताल में बुधवार और गुरुवार की दरम्यानी रात में ऑक्सीजन बंद होने 4 नवजात सहित 9 लोगों की मौत की खबर छापी थी। इसमें आईसीयू में तीन, ट्रॉमा सेंटर में दो और पीआईसीयू में चार नवजातों के मरने की बात कही गई थी। घटना रात तीन से पांच बजे की बताई गई थी।
इसके बाद हॉस्पिटल समेत प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मच गया।
इंदौर कमिश्नर संजय दुबे गुरुवार को एमवाय पहुंचे और उन सभी वार्डों का दौरा किया, जहां मौत होने की बात कही गई थी।
हॉस्पिटल का रिकॉर्ड चेक करने के बाद मीडिया से चर्चा में दुबे ने कहा कि अस्पताल में आठ लोगों की मौत हुई है, लेकिन इनमें कोई भी नवजात शिशु या बच्चा नहीं शामिल नहीं है।
दुबे ने कहा, गुरुवार को आईसीयू में 5 लोगों की मौत हुई। आम दिनों में यहां रोजाना चार से छह लोगों की मौत होती है। गुरुवार को जिनकी मौत की बात सामने आई है वे सभी गंभीर रूप से बीमार थे। इनके अलावा अन्य वार्डों में भी दो तीन लोगों की मौत हुई है।
कोई भी मौत आॅक्सीजन बंद होने के कारण नहीं हुई। हॉस्पिटल के 350 बेड्स पर सेंट्रलाइज ऑक्सीजन की सप्लाई होती है, ऐसे में पांच या सात बेट पर आॅक्सीजन का प्रेशर कम होना नामुमकिन है। अगर प्रेशर कम हाेता तो ऐसा सभी जगह पर होता। लेकिन फिर भी हम मामले की जांच करवाएंगे। इसके लिए एक कमेटी बनाई जाएगी, जिसमें डॉक्टरों के साथ अफसर भी शामिल रहेंगे।
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