मल्हार मीडिया ब्यूरो।
लापता सुखोई-30 लड़ाकू विमान का मलबा मिलने के एक दिन बाद खराब मौसम, दुर्गम मार्ग और घने जंगल के कारण खोज एवं बचाव दल के घटनास्थल पर पहुंचने की कोशिश बाधित हुई।
वायुसेना के अधिकारियों ने कहा कि वायुसेना के स्पेशल फोर्स गार्ड और सेना के पारा स्पेशल फोर्स का दस्ता फिर भी दुर्घटनास्थल पर पहुंचने की कोशिश कर रहा है। जबकि इलाका बिल्कुल दुर्गम है। अधिकारी ने कहा, "दुर्गम इलाके और घने जंगलों के कारण प्रगति धीमी और तकलीफदेह है।"
सुखोई-30 का मलबा शुक्रवार को एक हवाई तलाशी अभियान के दौरान देखा गया था, और वह स्थान असम के तेजपुर से लगभग 60 किलोमीटर दूर घने जंगलों में स्थित है। यह विमान 23 मई को लापता हो गया था।
उड़ान डेटा रिकॉर्डर और दो लापता पॉयलटों की तलाश तब की जाएगी, जब बचावकर्मियों का दस्ता दुर्घटनास्थल पर पहुंच जाएगा।
उल्लेखनीय है कि सुखोई-30 ने आईएएफ के तेजपुर वायुसेना अड्डे से 23 मई को सुबह लगभग 10.30 बजे उड़ान भरी थी, और यह विमान एक नियमित प्रशिक्षण मिशन पर था।
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