मल्हार मीडिया ब्यूरो।
केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने आज 12 गुरूवार दिसंबर को राज्यसभा में एक सवाल के लिखित उत्तर देते हुए बताया कि मंत्रालय को हाथियों के स्थानांतरण, परिवहन, बिक्री और खरीद के संबंध में अभ्यावेदन और शिकायतें प्राप्त होती हैं।
ऐसे अभ्यावेदन, वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 और उसके तहत बनाए गए नियमों के प्रावधानों के अनुसार कार्रवाई करने के लिए राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य वन्यजीव वार्डन (सीडब्ल्यूएलडब्ल्यू) को भेजे जाते हैं।
बंदी हाथियों और उनके स्थानांतरण या परिवहन के मुद्दों को संबोधित करने के लिए, मंत्रालय ने भारतीय वन्यजीव संस्थान के सहयोग से, डीएनए प्रोफाइलिंग के लिए देश भर में बंदी हाथियों से जैविक नमूने एकत्र करने के लिए 'गज सूचना' नाम से एक मोबाइल एप्लिकेशन विकसित की है।
इस आनुवंशिक डेटाबेस का मकसद देश में सभी पंजीकृत बंदी हाथियों के स्वामित्व की जानकारी के साथ-साथ, आनुवंशिक प्रोफ़ाइल और संबंधित रूपात्मक विवरणों की जानकारी को व्यापक बनाना है।
यह डेटा भारत में सभी पंजीकृत बंदी हाथियों के एक केंद्रीकृत भंडार के तौर पर कार्य करता है। इस केंद्रीकृत डेटाबेस का उपयोग अवैध स्थानांतरणों को फ़िल्टर करने के लिए राज्यों के भीतर और राज्यों के बीच स्थानांतरण के दौरान हाथियों की व्यक्तिगत पहचान को मान्य करने के लिए भी किया जा सकता है।
यह डेटाबेस अवैध हस्तांतरण और बंदी हाथियों के कब्जे से संबंधित अपराध से निपटने के लिए फोरेंसिक प्रक्रियाओं और अदालतों में अभियोजन में भी मददगार साबित हो सकता है।
इसके अलावा, हाथियों के स्थानांतरण, परिवहन, बिक्री और खरीद के मुद्दों को संबोधित करने और भारत में राज्यों के भीतर और राज्यों के बीच बंदी हाथियों की आवाजाही को विनियमित करने के लिए, भारत सरकार ने "बंदी हाथी (स्थानांतरण या परिवहन) नियम, 2024" अधिसूचित किया है।
इसके साथ ही, भारत के माननीय सर्वोच्च न्यायालय के 2022 की अवकाश याचिका (सिविल) संख्या 12246 में दिनांक 03/03/2023 के विशेष आदेश के अनुसार बंदी हाथियों को एक राज्य से दूसरे राज्य में स्थानांतरित करने से संबंधित मामले को देखने के लिए एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति का गठन किया गया है।
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