मल्हार मीडिया डेस्क।
देहरादून में भारी बारिश ने तबाही मचाई है जिससे 150 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। सड़कों पेयजल योजनाओं ऊर्जा निगम और कई सरकारी भवनों को भारी क्षति पहुंची है। कार्लेगाड सहस्रधारा और मालदेवता जैसे क्षेत्रों में आवासीय और व्यावसायिक संपत्तियां भी प्रभावित हुई हैं। सरकार नुकसान का आकलन कर रही है और पीड़ितों को सहायता प्रदान करने के लिए तत्पर है।
सोमवार की मध्य रात्रि से लेकर मंगलवार सुबह तक हुई अतिवृष्टि ने देहरादून जिले के ढांचागत विकास को भी गहरे जख्म दिए हैं। कयामत की वह रात एक झटके में ही 150 करोड़ रुपये से अधिक की संरचनाओं को बहा ले गई।
सरकारी मशीनरी आपदा से हुए नुकसान के विस्तृत आकलन में जुटी है। हालांकि, प्रारंभिक आकलन ही चौंकाने वाला है। 150 करोड़ रुपये की लागत की संरचनाओं की क्षति यह बताने के लिए काफी है कि अतिवृष्टि किस कदर भारी पड़ी। लोक निर्माण विभाग की सड़कों को ही 50 करोड़ रुपये के करीब का नुकसान हुआ है।
जिले में 33 सड़कें बाधित
वर्तमान तक लोनिवि और पीएमजीएसवाई की जिले में 33 सड़कें बाधित चल रही हैं। इन्हें व्यापक स्तर पर नुकसान हुआ है। इसके अलावा पेयजल के रूप में जल संस्थान की 70 से अधिक योजनाओं की गहरी क्षति हुई। लागत के रूप में यह आंकड़ा करीब 15 करोड़ रुपये है और ऊर्जा निगम को 10 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। तमाम सरकारी भवन ऐसे हैं, जिन्हें आंशिक क्षति हुई है और राशि के रूप में यह आंकड़ा करोड़ों रुपये में है।
इसके अलावा कार्लीगाड, सहस्रधारा, मालदेवता, सरखेत क्षेत्र में एक दर्जन से अधिक आवासीय भवनों को नुकसान हुआ है। वहीं, दर्जनभर से अधिक होटल, गेस्ट हाउस, रेस्तरां आदि को भी आंशिक रूप से क्षति पहुंची है। सहस्रधारा क्षेत्र में नदी किनारों पर स्थित कई रिसार्ट के स्विमिंग पूल और अन्य संरचना को भी गहरी चोट पहुंची है।
मालदेवता क्षेत्र के जो आधा दर्जन क्षेत्र सड़क मार्ग से कटे हैं, वहां सड़क संरचनाओं के अलावा ग्रामीणों के खेत भी ध्वस्त हुए हैं। अभी नुकसान का स्पष्ट आंकड़ा आना बाकी है, लेकिन एक मोटे अनुमान के अनुसार यह आंकड़ा 150 करोड़ रुपये को पार कर गया है।
जिलाधिकारी सविन बंसल के अनुसार सभी विभागों को क्षति के आकलन के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा सभी उपजिलाधिकारियों को आपदा से निजी भवनों, कृषि भूमि आदि के आकलन के लिए भी कहा गया है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने निर्देश दिए हैं कि आपदा पीड़ितों को हरसंभव मदद दी जाए। फौरी राहत प्रदान करने के साथ ही अब प्रभावितों के अन्य नुकसान का भी नियमानुसार संज्ञान लिया जाएगा।
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